नई दिल्ली:
चैंपियनशिप के पहले सेमीफ़ाइनल को देखने जामिया के स्टेडियम में क्रिकेट−फ़ैन्स ठसाठस भरे हुए थे। एक साथ बहुत बड़े स्टार्स भी जमा हुए। लेकिन ग्वालियर की टीम शायद एक बड़े मंच का दबाव नहीं झेल पाई और टूर्नामेंट के अब तक के सबसे छोटे स्कोर पर सिमट गई।
टोयोटा यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप के पहले सेमीफ़ाइनल की अहमियत कुछ नामचीन शख्सियतों की मौजूदगी की वजह से और बढ़ गई। टेलीकॉम और आईटी मिनिस्टर कपिल सिब्बल और राज्यमंत्री शशि थरूर, पूर्व वर्ल्ड चैंपियन कप्तान कपिल देव के साथ टॉस के लिए मैदान पर आए और मैच की रौनक और बढ़ गई।
कपिल देव बड़े उत्साह से मैच की कॉमेन्ट्री कर टीमों का हौसला बढ़ाते रहे, लेकिन शायद उनकी आवाज़ ग्वालियर के बल्लेबाज़ों तक नहीं पहुंची जो आया राम गया राम की भूमिका में ही नज़र आए।
जामिया से ही पढ़ कर निकले सहवाग ने अपने टीम इंडिया से बाहर किए जाने का अपने ऊपर कोई असर नहीं दिखने दिया। लेकिन अपने सीनियर को देख कर जामिया की टीम घरेलू मैदान पर शानदार प्रदर्शन करती रही।
सेमीफ़ाइनल में पहुंचने वाली इस टीम ने चोकर्स की तरह प्रदर्शन करते हुए सिर्फ़ 18.1 ओवरों में अपने सभी विकेट गंवा दिए। ग्वालियर टीम के 9 खिलाड़ी 10 से कम के स्कोर पर आउट हुए और सिर्फ़ 61 रन बना सकी जो टूर्नामेंट में अब तक का सबसे छोटा स्कोर साबित हुआ।
जामिया के लिए पहले तीन ओवर अहम थे जिसमें तीन विकेट गिरे। बड़े मैच में बड़े प्लेयर्स का चलना ज़रूरी होता है। ग्वालियर के प्रशांत मवाई और कप्तान सोहराब धालीवाल, ये दोनों टूर्नामेंट के बेस्ट ऑलराउंडर्स थे। वहीं, अपनी रेप्युटेशन पर खरी उतरी जामिया की टीम के शिवम शर्मा ने स्लिप में दो कैच लपके।
बाउंड्री की शुरुआत जामिया के बल्लेबाज़ों ने पहले ही ओवर में कर दी और घरेलू मैदान पर दर्शक इसका भरपूर लुत्फ़ उटाते रहे।
62 के स्कोर पीछा करते हुए जामिया ने 50 का स्कोर सातवें ही ओवर में छू लिया। सलामी बल्लेबाज़ अमित वर्मा और शिवम शर्मा की जोड़ी ने 62 रनों का लक्ष्य हासिल करने से पहले अपने विकेट नहीं गंवाए और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने 10 विकेट से मैच जीत कर फ़ाइनल में जगह बना ली।
टोयोटा यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप के पहले सेमीफ़ाइनल की अहमियत कुछ नामचीन शख्सियतों की मौजूदगी की वजह से और बढ़ गई। टेलीकॉम और आईटी मिनिस्टर कपिल सिब्बल और राज्यमंत्री शशि थरूर, पूर्व वर्ल्ड चैंपियन कप्तान कपिल देव के साथ टॉस के लिए मैदान पर आए और मैच की रौनक और बढ़ गई।
कपिल देव बड़े उत्साह से मैच की कॉमेन्ट्री कर टीमों का हौसला बढ़ाते रहे, लेकिन शायद उनकी आवाज़ ग्वालियर के बल्लेबाज़ों तक नहीं पहुंची जो आया राम गया राम की भूमिका में ही नज़र आए।
जामिया से ही पढ़ कर निकले सहवाग ने अपने टीम इंडिया से बाहर किए जाने का अपने ऊपर कोई असर नहीं दिखने दिया। लेकिन अपने सीनियर को देख कर जामिया की टीम घरेलू मैदान पर शानदार प्रदर्शन करती रही।
सेमीफ़ाइनल में पहुंचने वाली इस टीम ने चोकर्स की तरह प्रदर्शन करते हुए सिर्फ़ 18.1 ओवरों में अपने सभी विकेट गंवा दिए। ग्वालियर टीम के 9 खिलाड़ी 10 से कम के स्कोर पर आउट हुए और सिर्फ़ 61 रन बना सकी जो टूर्नामेंट में अब तक का सबसे छोटा स्कोर साबित हुआ।
जामिया के लिए पहले तीन ओवर अहम थे जिसमें तीन विकेट गिरे। बड़े मैच में बड़े प्लेयर्स का चलना ज़रूरी होता है। ग्वालियर के प्रशांत मवाई और कप्तान सोहराब धालीवाल, ये दोनों टूर्नामेंट के बेस्ट ऑलराउंडर्स थे। वहीं, अपनी रेप्युटेशन पर खरी उतरी जामिया की टीम के शिवम शर्मा ने स्लिप में दो कैच लपके।
बाउंड्री की शुरुआत जामिया के बल्लेबाज़ों ने पहले ही ओवर में कर दी और घरेलू मैदान पर दर्शक इसका भरपूर लुत्फ़ उटाते रहे।
62 के स्कोर पीछा करते हुए जामिया ने 50 का स्कोर सातवें ही ओवर में छू लिया। सलामी बल्लेबाज़ अमित वर्मा और शिवम शर्मा की जोड़ी ने 62 रनों का लक्ष्य हासिल करने से पहले अपने विकेट नहीं गंवाए और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने 10 विकेट से मैच जीत कर फ़ाइनल में जगह बना ली।
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