प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
भारत के किसी और खेल या बाकी क्षेत्रों में अच्छे दिए आए हों या न आए हों, लेकिन क्रिकेट की जरूर चांदी हो गई है. कारण यह है कि साल 2016 के मुकाबले पिछले साल खेल प्रायोजन से मिलने वाली राशि में क्रिकेट मे 14 फीसदी का इजाफा हुआ. इस बात का खुलासा ग्रुपएम की खेल और मनोरंजन के क्षेत्र में मीडिया अधिकार हासिल करने वाली ईकाई एमईएसपी और खेल व्यवसाय समाचार कंपनी स्पोर्ट्सपावर की संयुक्त रिपोर्ट में हुआ. और ऐसा हुआ है इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कारण.
यह रिपोर्ट पांचवें साल जारी की गई और इसका शीर्षक 'स्पोर्ट्स नेशन इन द मेकिंग' रहा. रिपोर्ट को मुंबई में जारी किया गया. यह रिपोर्ट विज्ञापनदाताओं या बाजार के खेल प्रतियोगिताओं पर मोटा खर्च किए जाने की इच्छा को प्रकट करती है. अब बाजार कितना ज्यादा रुचिकर है यह आप इस बात से समझ सकते हैं कि सितम्बर 2017 में स्टार स्पोर्ट्स ने पांच साल के प्रसारण अधिकार 16,347.50 करोड़ रुपये में खरीदे.
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और इन खेलों में फुटबॉल को मैदान और टीम की स्पॉन्सरशिप और मीडिया खर्च से 1,074 करोड़ रुपये की कमाई हुई. वहीं, जहां क्रिकेटरों के पास 90 ब्रांड हैं, तो बाकी भारतीय खिलाड़ियों के पास 78 ब्रांड हैं. विराट कोहली के पास सबसे ज्यादा 16 ब्रांड हैं.
हालांकि रिपोर्ट में विस्तार से कुछ नहीं गया है, लेकिन बताया गया है कि क्रिकेट में पिछले साल अनुमानित तौर पर 4,692.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए. यह कुल खर्च की गई रकम का 65 फीसदी और साल 2016 की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा रकम ही. ग्रुपएम की मानें, तो पिछले साल कुल विज्ञापन सालाना आमदनी में 10 प्रतिशत इजाफा हुआ. और अनुमानित तौर पर 61,263 करोड़ रुपये रही.Who Is The Most Dangerous All Rounder Of Your Favourite #IPL Team? #IPL2018 #IPL11 pic.twitter.com/HEDZfj6sKf
— IPL 2018 #IPL2018 (@IPLT20_Official) March 22, 2018
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Yusuf Ptahan - 15 Balls vs SRH, 2014
Suresh Raina - 16 Balls vs KXIP, 2014
Kieron Pollard - 17 Balls vs KKR, 2016
Chris Morris - 17 Balls vs GL, 2016
Adam Gilchrist - 17 Balls vs DD, 2009#IPL2018 #vivoIPL #IPL11
यह रिपोर्ट पांचवें साल जारी की गई और इसका शीर्षक 'स्पोर्ट्स नेशन इन द मेकिंग' रहा. रिपोर्ट को मुंबई में जारी किया गया. यह रिपोर्ट विज्ञापनदाताओं या बाजार के खेल प्रतियोगिताओं पर मोटा खर्च किए जाने की इच्छा को प्रकट करती है. अब बाजार कितना ज्यादा रुचिकर है यह आप इस बात से समझ सकते हैं कि सितम्बर 2017 में स्टार स्पोर्ट्स ने पांच साल के प्रसारण अधिकार 16,347.50 करोड़ रुपये में खरीदे.
वहीं, आईपील में ही पांच साल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकार चीन की मोबाइल कंपनी वीवो को 2,199 करोड़ रुपये में दिए गए थे. आईपीएल इतिहास की ये दो सबसे बड़ी डील यह बताने के लिए काफी हैं कि साल 2017 में अगर क्रिकेट को मिलने वाली स्पॉन्सरशिप में इजाफा हुआ है, तो उसके पीछे सबसे बड़ा योगदान आईपीएल का है. वहीं क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों की हिस्सेदारी बाजार में 35 फीसदी है.Fastest Centuries in the History of #IPL
— IPL 2018 #IPL2018 (@IPLT20_Official) March 21, 2018
Chris Gayle - 30 vs PWI, 2013
Yusuf Pathan - 37 vs MI, 2016
David Miller - 38 vs RCB, 2018
Adam Gilchrist - 42 vs MI, 2008
AB de Villiers - 43 vs GL, 2016#IPL2018 #vivoIPL #IPL11
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और इन खेलों में फुटबॉल को मैदान और टीम की स्पॉन्सरशिप और मीडिया खर्च से 1,074 करोड़ रुपये की कमाई हुई. वहीं, जहां क्रिकेटरों के पास 90 ब्रांड हैं, तो बाकी भारतीय खिलाड़ियों के पास 78 ब्रांड हैं. विराट कोहली के पास सबसे ज्यादा 16 ब्रांड हैं.