
क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिए इंतजार करना होगा क्योंकि प्रशासकों की समिति (सीओए) ने वीरवार को सर्वोच्च अदालत से इस मामले में लोकपाल नियुक्त करने की अपील की है. न्यायाधीश एस.ए. बोब्डे और ए.एम. सापरे की पीठ ने इस मामले की सुनवाई को अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया है. पंड्या और राहुल को टीवी शो 'कॉफी विद करण' में महिलाओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने का खामियाजा प्रतिबंध के तौर पर उठाना पड़ा है. इसी कारण यह दोनों आगामी न्यूजीलैंड दौर पर वनडे सीरीज में नहीं खेल पाएंगे.
KL Rahul does not deserve such a harsh punishment. Can't say the same about cultural expert Hardik Pandya. pic.twitter.com/W5sDiUBuop
— SAGAR (@sagarcasm) January 13, 2019
अदालत में सीओए का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा कि इस मुद्दे को लोकपाल के लिए जिम्मे सौंप देना बेहतर होगा. पराग ने अदालत में कहा कि सीओए ने फैसला किया है कि वह इस मसले पर कोई और टिप्पणी तब तक नहीं करेगी, जब तक लोकपाल कोई फैसला नहीं ले लेता. इस मामले में लोकपाल की जरूरत है.
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वीरवार को हुई सुनवाई में जब पूर्व महान्यायवादी पी.एस. नरसिम्हा को इस मामले में वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रामण्यम के स्थान पर एमिकस क्यूरी बनाने का सुझाव दिया गया तो अदालत ने कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिए क्या वह इस पद को ग्रहण करने को तैयार हैं. सुब्रामण्यम ने एमिकस क्यूरी बने रहने पर अपनी असमर्थता जाहिर की है. बीसीसीआई के नए संविधान को राज्यों द्वारा अपनाने की स्टेटस रिपोर्ट पर ही चर्चा हुई.
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इस बीच राज्य संघों का पक्ष रख रहे महान्यायवादी तुषार मेहता ने कहा है कि सीओए ने अपना काम कर दिया है और अब बीसीसीआई के चुनाव कराए जाने चाहिए
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