टीम इंडिया.
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के खिलाड़ी टेस्ट सीरीज़ में एक बड़ी जीत के बाद आईपीएल की चुनौतियों के लिए अलग तरीके से तैयार होंगे. आईपीएल 10 (5 अप्रैल- 21 मई, 2017) में इन्हें बिल्कुल ही अलग कसौटी पर परखा जाएगा. लेकिन इन खिलाड़ियों को अंदाज़ा है कि इस तरह की जीत अगर विदेशी जमीन पर भी मिली तो वर्ल्ड क्रिकेट में उनकी लंबे समय तक एक अलग पहचान कायम होगी. दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को सीरीज़ में चित कर अपना दबदबा कायम किया. इसके बाद भी विदेशी मैदान की चुनौतियों को लेकर भी खिलाड़ी सजग दिखे.
bcci.tv को दिए गए इंटरव्यू में चेतेश्वर पुजारा कहते हैं, "पैराडब-टीम के लिए ये शानदार सीज़न रहा. हमने एक टीम की तरह प्रदर्शन किया. टीम में सबने खासकर लोअर ऑर्डर ने अच्छा प्रदर्शन किया. मुझे लगता है अश्विन और रन बना सकते थे...तो शायद नतीजा और बेहतर होता शायद हम 3-1 से जीतते या फिर हम बिना हारे ये सीरीज़ जीत जाते."
सीरीज़ में 400 से ज़्यादा और सीज़न में सबसे ज़्यादा 1316 रन बनाने वाले पुजारा की छवि इस सीरीज़ में एक भरोसेमंद ठोस दीवार बनकर उभरी तो सलामी बल्लेबाज़ मुरली विजय भी जीत की याद को संजोकर रखना चाहते हैं. मुरली विजय कहते हैं, "पैराडब- इस टीम के प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होना कमाल की बात है. मैं टीम के लिए ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाना चाहूंगा. मैं विदेशी जमीन पर खेलने का इंतजार कर रहा हूं."
सीरीज़ में सबसे ज्यादा छह अर्द्धशतकीय पारियां खेलकर टीम की जीत के नायक बने लोकेश राहुल इस जीत को अपने और टीम के दूसरे खिलाड़ियों के लिए बड़ी जीत बताते हैं. कर्नाटक के शानदार बल्लेबाज़ लोकेश राहुल कहते हैं, "ये हम सबके लिए बेहद भावनात्मक सीरीज़ रही. विपक्षी टीम ने काफ़ी कुछ कहा लेकिन हमने बल्ले और गेंद से उसका जवाब देने की सोची. ये लम्हा मेरे करियर के सबसे खास लम्हों में से एक है." वहीं टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले करुण नायर कहते हैं, "हमारे लिए ये सीज़न बहुत ही शानदार रहा इसका श्रेय पूरी टीम को जाता है. मुझे फख़्र है कि मैं इस टीम का हिस्सा हूं. हम आने वाली सीरीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं."
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अजिंक्य रहाणे ने चार मैच की सात पारियों में हालांकि 33 के औसत से 198 रन बनाए. लेकिन कोहली की गैरमौजूदगी ने उनके लीडर की छवि को उभरने का बड़ा मौका दिया. वैसे टीम की कामयाबी का श्रेय टीम की योजनाओं को देते हैं.
धर्मशाला टेस्ट में कप्तान रहे अजिंक्य रहाणे कहते हैं, "हमने पूरे सीजन जिस तरह की क्रिकेट खेली उस पर मुझे फख़्र है. हमने सीज़न की शुरुआत में ही तय किया था कि हम भारत में अपना दबाव बनाकर खेलेंगे. हमारे सपोर्ट स्टाफ़ और पूरी टीम ने बहुत मेहनत की. हम अपनी योजना के मुताबिक खेले. खासकर इस सीरीज़ की जीत को लेकर मैं बहुत खुश हूं."
भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में टीम इंडिया के बल्लेबाजों के साथ उमेश यादव (सीरीज में 19 विकेट), रविन जडेजा (सीरीज़ में 25 विकेट) और आर अश्विन (सीरीज़ में 21 विकेट) जैसे गेंदबाज खूब चमके. IPL और चैंपियंस ट्रॉफ़ी के बाद खिलाड़ी फिर से टेस्ट मैचों के लिए तैयार होंगे. तब विदेशी जमीन पर होने वाले असली इम्तिहान में इन्हें एक बार फिर खुद को साबित करने के बड़े मौके मिलेंगे. टीम और उसके फ़ैन्स उसका भी बेताबी से इंतज़ार करेंगे.
bcci.tv को दिए गए इंटरव्यू में चेतेश्वर पुजारा कहते हैं, "पैराडब-टीम के लिए ये शानदार सीज़न रहा. हमने एक टीम की तरह प्रदर्शन किया. टीम में सबने खासकर लोअर ऑर्डर ने अच्छा प्रदर्शन किया. मुझे लगता है अश्विन और रन बना सकते थे...तो शायद नतीजा और बेहतर होता शायद हम 3-1 से जीतते या फिर हम बिना हारे ये सीरीज़ जीत जाते."
सीरीज़ में 400 से ज़्यादा और सीज़न में सबसे ज़्यादा 1316 रन बनाने वाले पुजारा की छवि इस सीरीज़ में एक भरोसेमंद ठोस दीवार बनकर उभरी तो सलामी बल्लेबाज़ मुरली विजय भी जीत की याद को संजोकर रखना चाहते हैं. मुरली विजय कहते हैं, "पैराडब- इस टीम के प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होना कमाल की बात है. मैं टीम के लिए ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाना चाहूंगा. मैं विदेशी जमीन पर खेलने का इंतजार कर रहा हूं."
सीरीज़ में सबसे ज्यादा छह अर्द्धशतकीय पारियां खेलकर टीम की जीत के नायक बने लोकेश राहुल इस जीत को अपने और टीम के दूसरे खिलाड़ियों के लिए बड़ी जीत बताते हैं. कर्नाटक के शानदार बल्लेबाज़ लोकेश राहुल कहते हैं, "ये हम सबके लिए बेहद भावनात्मक सीरीज़ रही. विपक्षी टीम ने काफ़ी कुछ कहा लेकिन हमने बल्ले और गेंद से उसका जवाब देने की सोची. ये लम्हा मेरे करियर के सबसे खास लम्हों में से एक है." वहीं टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले करुण नायर कहते हैं, "हमारे लिए ये सीज़न बहुत ही शानदार रहा इसका श्रेय पूरी टीम को जाता है. मुझे फख़्र है कि मैं इस टीम का हिस्सा हूं. हम आने वाली सीरीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं."
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अजिंक्य रहाणे ने चार मैच की सात पारियों में हालांकि 33 के औसत से 198 रन बनाए. लेकिन कोहली की गैरमौजूदगी ने उनके लीडर की छवि को उभरने का बड़ा मौका दिया. वैसे टीम की कामयाबी का श्रेय टीम की योजनाओं को देते हैं.
धर्मशाला टेस्ट में कप्तान रहे अजिंक्य रहाणे कहते हैं, "हमने पूरे सीजन जिस तरह की क्रिकेट खेली उस पर मुझे फख़्र है. हमने सीज़न की शुरुआत में ही तय किया था कि हम भारत में अपना दबाव बनाकर खेलेंगे. हमारे सपोर्ट स्टाफ़ और पूरी टीम ने बहुत मेहनत की. हम अपनी योजना के मुताबिक खेले. खासकर इस सीरीज़ की जीत को लेकर मैं बहुत खुश हूं."
भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में टीम इंडिया के बल्लेबाजों के साथ उमेश यादव (सीरीज में 19 विकेट), रविन जडेजा (सीरीज़ में 25 विकेट) और आर अश्विन (सीरीज़ में 21 विकेट) जैसे गेंदबाज खूब चमके. IPL और चैंपियंस ट्रॉफ़ी के बाद खिलाड़ी फिर से टेस्ट मैचों के लिए तैयार होंगे. तब विदेशी जमीन पर होने वाले असली इम्तिहान में इन्हें एक बार फिर खुद को साबित करने के बड़े मौके मिलेंगे. टीम और उसके फ़ैन्स उसका भी बेताबी से इंतज़ार करेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं