शास्त्री जब टीम इंडिया के डायरेक्टर थे, तब उन्हें 7-7.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता था...
नई दिल्ली:
बीसीसीआई ने भारत के नए कोच रवि शास्त्री को सालाना 8 करोड़ रुपये वेतन देने का निर्णय लिया है. माना जाता है कि बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारी ने एकमत होकर शास्त्री को इतना वेतन देने का फैसला किया जो कि पूर्व कोच अनिल कुंबले से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये ज्यादा है. कुंबले को 6.5 करोड़ रुपये का वेतन मिलता था. गौरतलब है कि अनिल कुंबले ने कोच को 7-7.5 करोड़ की सैलरी दिए जाने का प्रस्ताव बीसीसीआई के सामने रखा था. इस तरह से बीसीसीआई ने कुंबले की मांग से थोड़ा अधिक वेतन ऑफर किया है.
इससे पहले शास्त्री जब टीम इंडिया के डायरेक्टर थे, तब भी उन्हें 7 से 7.5 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया जाता था. इसमें शास्त्री की वह मुआवजा रकम भी शामिल थी, जो उन्हें उनके मीडिया कमिटमेंट्स से हटने के बदले मिलती थी. अन्य तीन कोच - भरत अरुण, आर. श्रीधर और संजय बांगड़ को 2-3 करोड़ रुपये का सालाना वेतन मिलने की संभावना है. इसमें संजय बांगड़ को किंग्स इलेवन पंजाब से कोच का पद छोड़ने और भरत अरुण टीम को आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर छोड़ने के कारण बढ़ोतरी की गई है.
पढ़ें : भरत अरुण टीम इंडिया के बॉलिंग कोच बने, वर्ल्डकप 2019 तक संभालेंगे जिम्मेदारी
प्रशासकों की समिति (सीओए) ने टीम इंडिया के नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री और सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्यों के वेतन पर फैसला करने के लिए शनिवार को चार सदस्यीय समिति का गठन किया जिसमें बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और सीईओ राहुल जौहरी भी शामिल हैं. समिति के अन्य सदस्य सीओए में शामिल डाइना इडुल्जी और बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी हैं. यह समिति 19 जुलाई को बैठक करेगी. शनिवार को सीओए की बैठक के बाद यह फैसला किया गया.
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने चुनी अपनी कोर टीम
उधर, मंगलवार को नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री की मांग को स्वीकार करते हुए बीसीसीआई ने पूर्व तेज गेंदबाज भरत अरुण को भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है. शास्त्री वर्ष 2014 से 2016 तक जब भारतीय टीम के निदेशक थे तब भी अरुण गेंदबाजी कोच थे. विजयवाड़ा के भरत अरुण 80 के दशक में भारत के लिए दो टेस्ट और चार वनडे मैच खेल चुके हैं. उन्होंने दिसंबर 1986 में श्रीलंका के खिलाफ कानपुर में टेस्ट डेब्यू किया था. इसी वर्ष उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज किया था. टेस्ट क्रिकेट में 4 और वनडे में एक विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं.
इससे पहले शास्त्री जब टीम इंडिया के डायरेक्टर थे, तब भी उन्हें 7 से 7.5 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया जाता था. इसमें शास्त्री की वह मुआवजा रकम भी शामिल थी, जो उन्हें उनके मीडिया कमिटमेंट्स से हटने के बदले मिलती थी. अन्य तीन कोच - भरत अरुण, आर. श्रीधर और संजय बांगड़ को 2-3 करोड़ रुपये का सालाना वेतन मिलने की संभावना है. इसमें संजय बांगड़ को किंग्स इलेवन पंजाब से कोच का पद छोड़ने और भरत अरुण टीम को आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर छोड़ने के कारण बढ़ोतरी की गई है.
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प्रशासकों की समिति (सीओए) ने टीम इंडिया के नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री और सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्यों के वेतन पर फैसला करने के लिए शनिवार को चार सदस्यीय समिति का गठन किया जिसमें बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और सीईओ राहुल जौहरी भी शामिल हैं. समिति के अन्य सदस्य सीओए में शामिल डाइना इडुल्जी और बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी हैं. यह समिति 19 जुलाई को बैठक करेगी. शनिवार को सीओए की बैठक के बाद यह फैसला किया गया.
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने चुनी अपनी कोर टीम
उधर, मंगलवार को नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री की मांग को स्वीकार करते हुए बीसीसीआई ने पूर्व तेज गेंदबाज भरत अरुण को भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है. शास्त्री वर्ष 2014 से 2016 तक जब भारतीय टीम के निदेशक थे तब भी अरुण गेंदबाजी कोच थे. विजयवाड़ा के भरत अरुण 80 के दशक में भारत के लिए दो टेस्ट और चार वनडे मैच खेल चुके हैं. उन्होंने दिसंबर 1986 में श्रीलंका के खिलाफ कानपुर में टेस्ट डेब्यू किया था. इसी वर्ष उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज किया था. टेस्ट क्रिकेट में 4 और वनडे में एक विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं.
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