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This Article is From Jun 24, 2016

टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले की 'जंबो' चुनौतियां

टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले की 'जंबो' चुनौतियां
अनिल कुंबले के सामने विदेशी धरती पर प्रदर्शन सुधारने की चुनौती होगी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: टीम इंडिया का कोच बनते ही उनकी पत्नी चेतना रामतीर्थ कुंबले ने कहा कि उन्होंने कुंबले को घर की ज़िम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है। उनकी पत्नी ने कहा कि कुंबले टीम इंडिया का काम संभालने को तैयार हैं। खुद जंबो कहते हैं कि उनके पास टीम को आगे ले जाने की ठोस योजना है, जिसमें मौजूदा खिलाड़ियों के साथ उन्हें पुराने साथियों से भी बड़ी उम्मीद है।

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान 45 साल के अनिल कुंबले आठ साल बाद दुबारा टीम इंडिया की ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बन जाएंगे। कुंबले कहते हैं कि इस पारी के लिए भी उनके पास एक ठोस योजना है, लेकिन कई सवाल भी हैं जिनके जवाब उन्हें सालभर के अंदर ही ढूंढने होंगे।

कामयाबी का भरोसा
भले ही टीम इंडिया के कोच का पद कांटों का ताज माना जाता हो, लेकिन उन्हें भरोसा है कि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के साथ टीम के मौजूदा खिलाड़ी उनकी योजना को कामयाब बना देंगे।

कुंबले कहते हैं, "ये बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है और मुझे कोच बनाये जाने पर फ़ख़्र भी है। मेरे पास योजना भी है, लेकिन ये काम मुझे अकेले नहीं करना है। सचिन, सौरव, लक्ष्मण और द्रविड़ के साथ करना है। टीम के खिलाड़ी हमेशा इसमें आगे रहेंगे। खिलाड़ियों की भूमिका अहम रहेगी।"

स्थिरता लाने की चुनौती
कुंबले के सामने टीम के साथ मैदान के बाहर भी बड़ी ज़िम्मेदारियां होंगी। उनके सामने टेस्ट, वनडे और टी-20 में टीम में स्थिरता लाने की बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा टी-20 और वनडे के कप्तान एमएस धोनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली के अलग-अलग तेवर और स्टाइल के बीच संतुलन ढूंढना होगा। इसके अलावा गेंदबाज़ी यूनिट को पुख़्ता तौर पर तैयार करना बड़ा काम साबित हो सकता है। यही नहीं उन्हें सीरीज़ दर सीरीज़ टीम या खिलाड़ियों की ख़ास कमी का हल ढूंढते रहना होगा।

कुंबले की एक साल की बड़ी चुनौती विंडीज़ दौरे के साथ शुरू होगी। इस दौरान टीम इंडिया को विदेशी ज़मीन पर 4 टेस्ट मैच खेलने हैं, जबकि घरेलू मैदान पर 13 टेस्ट मैच खेलने हैं। इस एक साल में टीम इंडिया क़रीब 10 वनडे और इतने ही टी-20 मैच खेलेगी और जून 2017 में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफ़ी में टीम को हिस्सा लेना है। इन इम्तिहान में कामयाबी के बाद ही 2019 वर्ल्ड कप तक के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।

एक साल पर्याप्त : गावस्कर
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को अनिल कुंबले की कामयाबी का भरोसा है, लेकिन वह कहते हैं,"हर कंपनी में आपको आज़माया जाता है। कुंबले की कामयाबी को भी इतने समय में आज़माया जा सकता है।"

कुंबले की मुश्किलों का सफ़र शुरू हो गया है। बतौर खिलाड़ी अपने 400 से ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में जंबो ने कई बेमिसाल कामयाबियां हासिल कीं, बतौर कोच उनका कामयाब होना टीम इंडिया को और भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकता है।

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