बीसीसीआई ने सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर, मुरली कार्तिक और हर्ष भोगले के नामों को कमेंटेटरों के लिए सहमति दी है
नई दिल्ली:
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और बीसीसीआई के कमेंटेटर पैनल में शामिल अन्य को शपथपत्र देना होगा कि उनके लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के अनुरूप किसी तरह का हितों का टकराव नहीं है.
बीसीसीआई अपने सूचीबद्ध कमेंटेटरों के लिये चार नामों पर सहमत है. ये हैं सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर, मुरली कार्तिक और हर्ष भोगले. इनमें से भोगले की 2016 में विश्व टी20 के पहले से बीसीसीआई से ठन गयी थी और इस तरह से वह एक साल से अधिक समय बाद वापसी करेंगे.
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बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर इन चारों के नाम की घोषणा नहीं की क्योंकि सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने कहा कि हितों के टकराव से जुड़े सभी मसलों पर भी गौर किया जा रहा है
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उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमने नामों पर चर्चा की लेकिन इन पर अंतिम फैसला नहीं किया गया. हमें हितों के टकराव के नियम को अच्छी तरह से समझने की जरूरत है. हम अब भी नहीं जानते कि किसके क्या हित हैं.’
लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी नामों पर सहमति बन गयी है लेकिन चारों सूचीबद्ध कमेंटेटरों को शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे. उन्हें यह घोषित करना होगा कि उनका खिलाड़ियों के प्रबंधन से जुड़ी किसी फर्म से कोई रिश्ता नहीं है.
VIDEO: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अपने रुख पर अडिग बीसीसीआई एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि बीसीसीआई किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता है. लोढ़ा सुधारों में स्पष्ट लिखा है कि बीसीसीआई से जुड़े किसी भी व्यक्ति का किसी भी तरह का हितों का टकराव नहीं होना चाहिए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीसीसीआई अपने सूचीबद्ध कमेंटेटरों के लिये चार नामों पर सहमत है. ये हैं सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर, मुरली कार्तिक और हर्ष भोगले. इनमें से भोगले की 2016 में विश्व टी20 के पहले से बीसीसीआई से ठन गयी थी और इस तरह से वह एक साल से अधिक समय बाद वापसी करेंगे.
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बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर इन चारों के नाम की घोषणा नहीं की क्योंकि सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने कहा कि हितों के टकराव से जुड़े सभी मसलों पर भी गौर किया जा रहा है
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लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी नामों पर सहमति बन गयी है लेकिन चारों सूचीबद्ध कमेंटेटरों को शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे. उन्हें यह घोषित करना होगा कि उनका खिलाड़ियों के प्रबंधन से जुड़ी किसी फर्म से कोई रिश्ता नहीं है.
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