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This Article is From Mar 30, 2015

श्रीनिवासन के लिए बदल गया आईसीसी का नियम

श्रीनिवासन के लिए बदल गया आईसीसी का नियम
एन श्रीनिवासन की फाइल फोटो
नई दिल्‍ली:

ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न मैदान पर जब पांचवीं बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता, तो चैंपियन कप्तान माइकल क्लार्क को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी आईसीसी के प्रेसीडेंट ने नहीं, बल्कि आईसीसी के चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने सौंपी।

इस मौके पर वर्ल्ड कप के ब्रैंड एंबैसडर सचिन तेंदुलकर, आईसीसी के सीईओ डेव रिचडर्स और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख वेली एडवर्ड्स मौजूद थे।

आईसीसी के नियमों के मुताबिक आईसीसी के प्रेसीडेंट ही वर्ल्ड चैंपियन टीम को ट्रॉफी सौंपते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि मुस्तफा कमाल के ट्रॉफी देने पर श्रीनिवासन ने शनिवार को एक अनौपचारिक बैठक के दौरान बोर्ड के सदस्यों के सामने आपत्ति जताई।

दरअसल आईसीसी के प्रेसीडेंट मुस्तफा कमाल ने भारत और बांग्लादेश के बीच क्वार्टरफ़ाइनल मुक़ाबले में पक्षपातपूर्ण अंपायरिंग का आरोप लगाते हुए भारतीय टीम को फायदा पहुंचाने की बात कही थी। लगता है कि उनको अपने आरोपों की कीमत चुकानी पड़ी।

आईसीसी ने ट्रॉफी प्रजेंटेशन समारोह के दौरान भी मुस्तफा कमाल को आमंत्रित नहीं किया। जगमोहन डालमिया के आईसीसी अध्यक्ष के तौर पर 1997-2000 के कार्यकाल के दौरान ये प्रावधान बना था कि वर्ल्ड कप की ट्रॉफी हमेशा आईसीसी प्रेसीडेंट ही विनर कप्तान को सौंपेंगे।

आईसीसी चेयरमैन श्रीनिवासन ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है। वहीं मुस्तफा कमाल ने एक बार फिर बांग्लादेशी मीडिया से कहा कि वे इस पूरे मामले से बेहद निराश हैं और जरुरत पड़ने पर इस मामले में कानूनी रास्ता अपनाएंगे।

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