कराची:
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और मैच फिक्सिंग के कारण आजीवन प्रतिबंध झेल रहे सलीम मलिक ने अपनी वर्तमान राष्ट्रीय टीम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उसकी तुलना में नब्बे के दशक की भारतीय टीम से की।
उनके अनुसार, वह इकाई के तौर पर नहीं खेल रही है। मलिक ने कहा, दुखद बात यह है कि हमारे खिलाड़ी आज उसी तरह से खेल रहे हैं जैसे अस्सी और नब्बे के दशक में भारतीय खिलाड़ी हमारे खिलाफ खेला करते थे। उन्होंने कहा, मुझे अस्सी का दशक याद आ रहा है जब हम भारत के खिलाफ जीत रहे थे। हमें हमेशा लगता था कि उसके अधिकतर खिलाड़ी इकाई के रूप में नहीं खेल रहे हैं और वे केवल 30 या 40 रन बनाकर अगले मैच के लिये अपना स्थान सुरक्षित करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। यही वजह थी हमारे खिलाफ उन्हें संघर्ष करना पड़ता है।
मलिक ने कहा, दुर्भाग्य से आज हम पाकिस्तान क्रिकेट में भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। मैंने देखा है कि हमारे अधिकतर खिलाड़ी कुछ रन बनाकर अगले मैच के लिए अपनी जगह सुरक्षित करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमारे खिलाड़ी इकाई के तौर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। क्रिकेट टीम गेम है और सभी 11 खिलाड़ियों के प्रयास से ही आप जीत दर्ज कर सकते हो। पाकिस्तान में ऐसा नहीं हो रहा है। हम इकाई के रूप में नहीं खेल रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि हम टीम के रूप में जीत दर्ज कर पाएंगे।
इस पूर्व कप्तान ने कहा कि इसके विपरीत भारतीय टीम इकाई के रूप में खेल रही है और उनका हर खिलाड़ी अपनी तरह से योगदान देना चाहता है। उन्होंने कहा, मैं अपने खिलाड़ियों को हतोत्साहित नहीं करना चाहता लेकिन उन्हें अपने रवैये में बदलाव लाना होगा। जिम्बाब्वे में हमारी टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता है।
उनके अनुसार, वह इकाई के तौर पर नहीं खेल रही है। मलिक ने कहा, दुखद बात यह है कि हमारे खिलाड़ी आज उसी तरह से खेल रहे हैं जैसे अस्सी और नब्बे के दशक में भारतीय खिलाड़ी हमारे खिलाफ खेला करते थे। उन्होंने कहा, मुझे अस्सी का दशक याद आ रहा है जब हम भारत के खिलाफ जीत रहे थे। हमें हमेशा लगता था कि उसके अधिकतर खिलाड़ी इकाई के रूप में नहीं खेल रहे हैं और वे केवल 30 या 40 रन बनाकर अगले मैच के लिये अपना स्थान सुरक्षित करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। यही वजह थी हमारे खिलाफ उन्हें संघर्ष करना पड़ता है।
मलिक ने कहा, दुर्भाग्य से आज हम पाकिस्तान क्रिकेट में भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। मैंने देखा है कि हमारे अधिकतर खिलाड़ी कुछ रन बनाकर अगले मैच के लिए अपनी जगह सुरक्षित करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमारे खिलाड़ी इकाई के तौर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। क्रिकेट टीम गेम है और सभी 11 खिलाड़ियों के प्रयास से ही आप जीत दर्ज कर सकते हो। पाकिस्तान में ऐसा नहीं हो रहा है। हम इकाई के रूप में नहीं खेल रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि हम टीम के रूप में जीत दर्ज कर पाएंगे।
इस पूर्व कप्तान ने कहा कि इसके विपरीत भारतीय टीम इकाई के रूप में खेल रही है और उनका हर खिलाड़ी अपनी तरह से योगदान देना चाहता है। उन्होंने कहा, मैं अपने खिलाड़ियों को हतोत्साहित नहीं करना चाहता लेकिन उन्हें अपने रवैये में बदलाव लाना होगा। जिम्बाब्वे में हमारी टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता है।
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