रोहित शर्मा फ्लॉप, फिर भी क्यों बाहर बैठे हैं चेतेश्वर पुजारा?

रोहित शर्मा फ्लॉप, फिर भी क्यों बाहर बैठे हैं चेतेश्वर पुजारा?

चेतेश्वर पुजारा (फाइल फोटो)

गॉल टेस्ट की दोनों पारियों को मिलाकर रोहित शर्मा ने कुल 13 रन बनाए। पहली पारी में 9 और दूसरी पारी में महज 4 रन। इससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ इकलौते टेस्ट की इकलौती पारी में रोहित शर्मा ने 6 रन बनाए।

इस प्रदर्शन के चलते रोहित शर्मा की सोशल मीडिया पर खूब खिंचाई भी हुई और आलोचकों ने भी उन पर सवाल उठाए। टीम में चेतेश्वर पुजारा की उपेक्षा के चलते भी रोहित पर सवाल उठ रहे हैं। इन सबके बावजूद टीम प्रबंधन का भरोसा रोहित पर बना हुआ है।

गॉल टेस्ट के बाद विराट कोहली ने कहा भी, "हम बेस्ट खिलाड़ी को टीम में शामिल करते हैं...उन खिलाड़ियों पर भरोसा करते हैं, जिन्हें मैच विनर मानते हैं... रोहित को चांस इसलिए मिला, क्योंकि चेतेश्वर पुजारा ख़राब फॉर्म से गुजर रहे थे। रोहित को 3-4 मौका मिला है...होना तो यही चाहिए कि हम जिस खिलाड़ी को मौका दे रहे हैं..उस पर भरोसा कायम रखें।"

कोहली के बयान से साफ है कि टीम इंडिया अगले टेस्ट में रोहित शर्मा को मौका देगी, लेकिन श्रीलंकाई पिचों पर रोहित शर्मा की औसत और पिछले कुछ समय से उनकी बल्लेबाज़ी को देखते हुए नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर पुजारा का दावा कहीं ज्यादा मज़बूत दिख रहा है। नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर रोहित ने 3 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 26 से ज़्यादा की औसत से 107 रन बनाए हैं।

दूसरी ओर पुजारा ने नंबर 3 बल्लेबाज़ के तौर पर 24 टेस्ट खेले हैं। इसमें उन्होंने 49 से ज्यादा की औसत से 1814 रन बनाए हैं। इनमें 6 शतक शामिल हैं, जिनमें से एक शतक दक्षिण अफ्रीका में डेल स्टेन और मोर्ने मार्केल जैसे तूफानी गेंदबाजों के सामने बनाया गया था।

वैसे ये भी हकीकत है कि पुजारा को उनकी ख़राब फॉर्म के चलते ही बाहर बैठना पड़ा है। अंतिम 11 टेस्ट मैचों में वे कोई शतक नहीं बना पाए, लेकिन रोहित भी मिले मौकों का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। इसके बावजूद एक्सपर्ट रोहित को मौका दिए जाने के पक्ष में हैं। सुनील गावस्कर ने भी उन्हें मौका दिए जाने की बात कही है।

रोहित शर्मा की छवि बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज़ की है, लेकिन विदेशी मैदानों पर उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 20 के आसपास ही है। वहीं दूसरी ओर चेतेश्वर पुजारा को भी एक मौके की तलाश है। उनकी तकनीक पर किसी को शक तो नहीं है, लेकिन शास्त्री और कोहली की योजनाओं में वे फिट नहीं बैठ रहे हैं।

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इसके अलावा उनकी स्ट्राइक रोटेटिंग क्षमता पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुजारा अपने दोनों घुटने का ऑपरेशन करा चुके हैं। ऐसे में वह टेस्ट क्रिकेट में जमने के बाद भी बड़ी पारी नहीं खेल पाते हैं। इन सबका नुकसान पुजारा को जरूर हो रहा है, लेकिन अगर रोहित की नाकामी का सिलसिला जारी रहा तो लंबे समय तक उनकी उपेक्षा कर पाना संभव नहीं होगा।