
दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में जब पद्मश्री शंकर महादेवन, पद्मश्री उषा उत्थुप, पद्मश्री डॉ. रसूल पुकुट्टी, श्याम कौशल, रमेश सिप्पी और अन्य दिग्गजों ने दीप प्रज्वलित किया, तो एक सशक्त संदेश गूंजा: “यह समय है भारत के युवाओं के लिए, अपने जुनून को पेशे में बदलने का.” इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव स्किल्स (IICS) द्वारा आयोजित ‘मेड फॉर मीडिया' कॉन्क्लेव में सैकड़ों युवाओं ने कला, मीडिया और मनोरंजन जगत की हस्तियों से प्रेरणा ली. उषा उत्थुप की गणेश वंदना और शंकर महादेवन की सरस्वती वंदना ने माहौल को भक्ति व कला से सराबोर किया. संगीत हलदिपुर, अनुशा मणि और इल्यूमिनाटी ग्रुप की प्रस्तुतियों ने समां बांधा. अपारशक्ति खुराना और वंदना वडेहरा ने मेजबानी की.
आईआईसीएस भारत का पहला इंडस्ट्री-नेतृत्व वाला क्रिएटिव इनक्यूबेटर, कौशल विकास मंत्रालय, एनएसडीसी और मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल के समर्थन से हर साल 10 शहरों में 1,000 से ज्यादा युवाओं को फिल्ममेकिंग, एनीमेशन, साउंड, डिजाइन और परफॉर्मिंग आर्ट्स में प्रशिक्षित करता है. ऑस्कर विनर साउंड डिजाइनर डॉ. रसूल पुकुट्टी ने कहा, 'हमारे अनुभवों से सीखो, हमारी गलतियों से आगे बढ़ो.' श्याम कौशल ने भविष्यवाणी की, 'आईआईसीएस एक दिन ग्लोबल हब बनेगा.'
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