नई दिल्ली:
रिकी पॉन्टिंग के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के फैसले ने भले ही सचिन तेंदुलकर के संन्यास को लेकर चल रहे मुद्दे में आग में घी का काम किया हो, लेकिन टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि उनका सीनियर साथी अब भी टीम को काफी कुछ दे सकता है।
गंभीर ने कहा, कोई भी किसी को संन्यास लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। प्रत्येक खिलाड़ी को पता है कि संन्यास लेने का सर्वश्रेष्ठ समय कौन सा है। पॉन्टिंग के संन्यास का मतलब यह नहीं है कि सचिन को भी संन्यास लेना होगा। यह व्यक्गित फैसला है। वे दो अलग देशों से संबंध रखते हैं और दो अलग व्यक्ति हैं, इसलिए तुलना करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
आलोचक 39-वर्षीय तेंदुलकर के टीम में स्थान पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि गंभीर ने कहा कि इस सीनियर बल्लेबाज में अब भी भारत के लिए काफी रन बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ड्रेसिंग रूम में उनकी मौजूदगी ही देश के लिए बड़ी चीज है। मुझे भरोसा है कि वह इससे उबर जाएंगे। सभी उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं। वह अब भी खेलने का आनंद उठाते हैं।
गंभीर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, वह भारत के महानतम क्रिकेटर हैं। वह मैदान पर ही नहीं, बल्कि मेंटर के रूप में मैदान के बाहर भी योगदान देते हैं। उनमें अब भी भारत की ओर से काफी रन बनाने की क्षमता है। पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा करने वाले पॉन्टिंग को गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया का सर्वश्रेष्ठ कप्तान करार दिया।
उन्होंने कहा, वह महान खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपनी शर्तों पर क्रिकेट खेला और अब अपनी शर्तों पर संन्यास ले रहे हैं। तीनों प्रारूपों में उनका रिकॉर्ड उनकी क्षमता की गवाही देता है। वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफलतम कप्तान हैं। गंभीर ने महेंद्र सिंह धोनी का समर्थन किया और कहा कि उनके कप्तान के स्पिन के अनुकूल पिच की मांग करने में कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा, एक कप्तान को वैसा विकेट मिलना चाहिए, जिसकी वह मांग कर रहा है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मुद्दा बनाने की जगह हम सभी को उनका समर्थन करना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि हम किसी तरह की विकेट पर जीत सकते हैं, तो हमें उनका समर्थन करना चाहिए। गंभीर ने कहा, आखिर वह आपका कप्तान है और वह हमेशा जीत के बारे में सोचेगा। सभी पूर्व कप्तान स्पिन की अनुकूल पिच की मांग करते थे। मुझे लगता है कि मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी के दौरान हम स्पिन की अनुकूल पिच पर खेलते थे और तब किसी ने सवाल नहीं उठाया।
दिल्ली के इस खिलाड़ी ने साथ ही कहा कि उन्हें और टीम के उनके साथियों को हमेशा हार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। मुंबई टेस्ट में इंग्लैंड के स्पिनरों के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर गंभीर ने कहा, उन्होंने काफी अच्छी गेंदबाजी की। स्वान और पनेसर दोनों ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम स्पिन से नहीं निपट सकते। उन्होंने कहा, इंग्लैंड कहीं भी जीत सकता है। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी विश्व स्तरीय है। लेकिन याद रखिए कि हम दुनिया की नंबर एक टीम थे और ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैच जीत चुके हैं।
गंभीर ने कहा, कोई भी किसी को संन्यास लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। प्रत्येक खिलाड़ी को पता है कि संन्यास लेने का सर्वश्रेष्ठ समय कौन सा है। पॉन्टिंग के संन्यास का मतलब यह नहीं है कि सचिन को भी संन्यास लेना होगा। यह व्यक्गित फैसला है। वे दो अलग देशों से संबंध रखते हैं और दो अलग व्यक्ति हैं, इसलिए तुलना करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
आलोचक 39-वर्षीय तेंदुलकर के टीम में स्थान पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि गंभीर ने कहा कि इस सीनियर बल्लेबाज में अब भी भारत के लिए काफी रन बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ड्रेसिंग रूम में उनकी मौजूदगी ही देश के लिए बड़ी चीज है। मुझे भरोसा है कि वह इससे उबर जाएंगे। सभी उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं। वह अब भी खेलने का आनंद उठाते हैं।
गंभीर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, वह भारत के महानतम क्रिकेटर हैं। वह मैदान पर ही नहीं, बल्कि मेंटर के रूप में मैदान के बाहर भी योगदान देते हैं। उनमें अब भी भारत की ओर से काफी रन बनाने की क्षमता है। पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा करने वाले पॉन्टिंग को गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया का सर्वश्रेष्ठ कप्तान करार दिया।
उन्होंने कहा, वह महान खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपनी शर्तों पर क्रिकेट खेला और अब अपनी शर्तों पर संन्यास ले रहे हैं। तीनों प्रारूपों में उनका रिकॉर्ड उनकी क्षमता की गवाही देता है। वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफलतम कप्तान हैं। गंभीर ने महेंद्र सिंह धोनी का समर्थन किया और कहा कि उनके कप्तान के स्पिन के अनुकूल पिच की मांग करने में कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा, एक कप्तान को वैसा विकेट मिलना चाहिए, जिसकी वह मांग कर रहा है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मुद्दा बनाने की जगह हम सभी को उनका समर्थन करना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि हम किसी तरह की विकेट पर जीत सकते हैं, तो हमें उनका समर्थन करना चाहिए। गंभीर ने कहा, आखिर वह आपका कप्तान है और वह हमेशा जीत के बारे में सोचेगा। सभी पूर्व कप्तान स्पिन की अनुकूल पिच की मांग करते थे। मुझे लगता है कि मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी के दौरान हम स्पिन की अनुकूल पिच पर खेलते थे और तब किसी ने सवाल नहीं उठाया।
दिल्ली के इस खिलाड़ी ने साथ ही कहा कि उन्हें और टीम के उनके साथियों को हमेशा हार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। मुंबई टेस्ट में इंग्लैंड के स्पिनरों के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर गंभीर ने कहा, उन्होंने काफी अच्छी गेंदबाजी की। स्वान और पनेसर दोनों ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम स्पिन से नहीं निपट सकते। उन्होंने कहा, इंग्लैंड कहीं भी जीत सकता है। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी विश्व स्तरीय है। लेकिन याद रखिए कि हम दुनिया की नंबर एक टीम थे और ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैच जीत चुके हैं।
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