रवि शास्त्री और महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रवि शास्त्री भी टीम इंडिया के कोच की रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने सोमवार को इसके लिए आवेदन भर दिया है और 10 तारीख तक कुछ और नामों के इस रेस में शामिल होने की खबरों के बीच इस बार कोचिंग पद की इस रेस में रोमांच बढ़ गया है।
टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने भारत के हेड कोच का आवेदन भर दिया है। सोमवार को रवि शास्त्री ने इसके लिए आवेदन भरा और इसकी पुष्टि की। इससे पहले वो 18 महीने तक टीम इंडिया के साथ बतौर निदेशक जुड़े रहे थे। उन्होंने अपने इस कार्यकाल को अपनी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन समय बताया था।
रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने 2015 वनडे विश्व कप और 2016 टी-20 विश्व कप के सेमी फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया था। इसके अलावा बांग्लादेश में टीम को पहली बार हार का सामना भी रवि शास्त्री के ही कार्यकाल में करना पड़ा था।
शास्त्री के अलावा संदीप पाटिल एक और बड़ा नाम हैं जो कोच पद की रेस में शामिल हैं। रवि शास्त्री का नाम इसलिए भी अहम है क्योंकि अगर रवि शास्त्री की वापसी बतौर मुख्य कोच होने जा रही है तो एक बार फिर से धोनी की कप्तानी पर उठे सवालों को हवा मिलेगी।
शास्त्री पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि अगर वो चयनकर्ता होते तो वो इस बारे में जरूर सोचते, मतलब वो विराट को तीनों फ़ॉर्मैट की कप्तानी देने के पक्ष में हैं।
नज़रें अब इस पर रहेंगी की और कौन इस कोच की रेस में शामिल होता है और 10 जून के बाद आखिर किसको ये ज़िम्मेदारी सोंपी जाएगी।
टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने भारत के हेड कोच का आवेदन भर दिया है। सोमवार को रवि शास्त्री ने इसके लिए आवेदन भरा और इसकी पुष्टि की। इससे पहले वो 18 महीने तक टीम इंडिया के साथ बतौर निदेशक जुड़े रहे थे। उन्होंने अपने इस कार्यकाल को अपनी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन समय बताया था।
रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने 2015 वनडे विश्व कप और 2016 टी-20 विश्व कप के सेमी फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया था। इसके अलावा बांग्लादेश में टीम को पहली बार हार का सामना भी रवि शास्त्री के ही कार्यकाल में करना पड़ा था।
शास्त्री के अलावा संदीप पाटिल एक और बड़ा नाम हैं जो कोच पद की रेस में शामिल हैं। रवि शास्त्री का नाम इसलिए भी अहम है क्योंकि अगर रवि शास्त्री की वापसी बतौर मुख्य कोच होने जा रही है तो एक बार फिर से धोनी की कप्तानी पर उठे सवालों को हवा मिलेगी।
शास्त्री पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि अगर वो चयनकर्ता होते तो वो इस बारे में जरूर सोचते, मतलब वो विराट को तीनों फ़ॉर्मैट की कप्तानी देने के पक्ष में हैं।
नज़रें अब इस पर रहेंगी की और कौन इस कोच की रेस में शामिल होता है और 10 जून के बाद आखिर किसको ये ज़िम्मेदारी सोंपी जाएगी।
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