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This Article is From Feb 12, 2019

Birthday: पहले टेस्‍ट की पहली पारी में 'जीरो' और दूसरी में 'हीरो' रहे थे गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ, 7 खास बातें

Birthday: पहले टेस्‍ट की पहली पारी में 'जीरो' और दूसरी में 'हीरो' रहे थे गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ, 7 खास बातें
गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ ने अपने पहले टेस्‍ट में ही शतक लगाया था (फाइल फोटो)
Quick Take
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पहली पारी में 0 पर आउट, दूसरी पारी में बनाया था शतक
विश्‍वनाथ ने जिस टेस्‍ट में शतक बनाया, उसमें भारत नहीं हारा
एक समय बेहद लोकप्रिय थी 'सनी' और 'विशी' की जोड़ी

टीम इंडिया के दिग्‍गज बल्‍लेबाजों में शुमार रहे गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ (Gundappa Viswanath) 12 फरवरी को 70 वर्ष के हो गए. विश्‍वनाथ के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज है. उन्‍होंने जिस टेस्‍ट में शतक लगाया, भारतीय टीम उस मैच में कभी नहीं हारे. यह टेस्‍ट या तो ड्रॉ रहे या इनमें भारतीय टीम ने जीत हासिल की.12 फरवरी 1949 को कर्नाटक में जन्‍मे विश्‍वनाथ ने अपने टेस्‍ट करियर का आगाज बेहतरीन अंदाज में किया था. उन्‍होंने करियर का पहला टेस्‍ट ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ वर्ग 1969 में नागपुर में खेला था. टेस्‍ट की पहली पारी में विश्‍वनाथ (Gundappa Viswanath) बिना कोई रन बनाए आउट हुए थे लेकिन दूसरी पारी में उन्‍होंने इसकी पूरी कसर निकालते हुए शतकीय पारी खेली थी. दूसरी पारी में धमाकेदार अंदाज में बैटिंग करते हुए विश्‍वनाथ ने 137 रन बनाए थे, जिसमें 15 चौके थे. 137 रन की अपनी इस पारी के दौरान 100 रन उन्‍होंने चौकों के जरिये ही बना डाले थे. अपने पहले ही टेस्‍ट में शतक लगाने वाले भारतीय क्रिकेटर बनने की उपलब्धि उन्‍होंने हासिल की थी.

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70 के दशक में जब वनडे और टी20 क्रिकेट नहीं खेला जाता था, यह पारी अपने आप में खास थी. विश्‍व क्रिकेट में सुनील गावस्‍कर और विश्‍वनाथ की जोड़ी 'सनी' और 'विशी' के नाम से खासी लोकप्रिय रही. ये दोनों उस समय की भारतीय टीम के आधारस्‍तंभ तो थे ही, इन दोनों के बीच बेहद करीबी रिश्‍ता भी है. विश्वनाथ की शादी सुनील गावस्कर की बहन से हुई है. इस लिहाज से ये दोनों जीजा-साले हैं. आइए जानते हैं गुंडप्‍पा विश्‍वनाथ से जुड़ी 7 खास बातें...

1. बेहद कुशलता से स्‍क्‍वेयर कट लगाने वाले विश्‍वनाथ (Gundappa Viswanath) ने अपने खेल कौशल से 70 और 80 के दशक में बड़ी संख्‍या में लोगों को प्रशंसक बनाया. विश्‍वनाथ जब देश के लिए खेला करते थे तो यह जुमला विश्‍व क्रिकेट में मशहूर था कि भारतीय टीम, ढाई बल्‍लेबाजों की टीम है. इसमें दो बल्‍लेबाजों के रूप में गावस्‍कर और विश्‍वनाथ को गिना जाता था जबकि आधा (1/2) बल्‍लेबाज के रूप में शेष सभी खिलाड़ि‍यों की गिनती की जाती थी.

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2. विश्‍वनाथ ने भारतीय टीम के लिए 91 टेस्‍ट खेले और 41.93 के औसत से 6080 रन बनाए. उन्‍होंने 25 वनडे मैचों में 439 रन बनाए, जिसमें 75 रन सर्वोच्‍च स्‍कोर था.

3. विश्‍वनाथ (Gundappa Viswanath) का जन्‍म 12 फरवरी 1949 को कर्नाटक के भद्रावती में हुआ था. वे दाएं हाथ के मध्‍य क्रम के बल्‍लेबाज थे. साथ में लेग ब्रेक गेंदबाजी भी किया करते थे. छोटे कद के विश्‍वनाथ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान, आईसीसी के मैच रैफरी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड चयन समिति के सदस्‍य भी रहे.

4. वर्ष 1979-80 में हुए सिल्‍वर जुबली टेस्‍ट में खेलभावना का परिचय देने के लिए भी विश्‍वनाथ को याद किया जाता है. इंग्‍लैंड के खिलाफ इस टेस्‍ट में विश्‍वनाथ भारतीय टीम की कप्‍तानी कर रहे थे. टेस्‍ट में अम्‍पायर ने इंग्‍लैंड के बल्‍लेबाज बॉब टेलर को अम्‍पायर ने आउट करार दे दिया था, लेकिन विश्‍वनाथ और टीम इंडिया के कुछ सदस्‍य इस बात से वाकिफ थे कि टेलर आउट नहीं हैं. अम्‍पायर के फैसले को दरकिनार करते हुए विशी ने टेलर को दोबारा बैटिंग के लिए बुलाया. मैच में इयान बॉथम और बॉब टेलर की बल्‍लेबाजी के कारण भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन जबर्दस्‍त खेलभावना का परिचय देते हुए विश्‍वनाथ हर किसी के चहेते बन गए थे.

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5. विश्‍वनाथ ने अपना आखिरी टेस्‍ट मैच जनवरी 1983 में पाकिस्‍तान के खिलाफ खेला था. आखिरी वनडे उन्‍होंने वर्ष 1982 में लीड्स में खेला. 1982-83 के पाकिस्‍तान दौरे में विश्‍वनाथ, पाकिस्‍तानी तेज गेंदबाज इमरान खान के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए और इसी सीरीज के साथ उनके इंटरनेशनल करियर का समापन हो गया.

6. विश्‍वनाथ ने जिन भी टेस्‍ट में शतक बनाया, उन टेस्‍ट में भारतीय टीम को कभी हार नहीं मिली. यह टेस्‍ट या तो ड्रॉ रहे या इनमें भारतीय टीम ने जीत हासिल की.

7. टेस्‍ट क्रिकेट में एक दोहरा शतक भी विश्‍वनाथ के नाम पर है. उन्‍होंने वर्ष 1982 में चेन्‍नई में इंग्‍लैंड के खिलाफ 374 गेंदों पर 222 रनों की पारी खेली थी, इसमें 31 चौके शामिल थे. क्रिकेट का मक्‍का कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर भी वे वर्ष 1979 में शतकीय पारी खेल चुके हैं.

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