महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रांची से निकला एक दुबला पतला नौजवान एक दिन भारतीय खेल की दुनिया का सबसे बड़ा स्टाइल आइकन बनेगा ये किसी ने नहीं सोचा था। खुद एमएस धोनी ने भी नहीं।
स्टाइल आइकन बनने के लिए जो कुछ चाहिए होता है, उसमें धोनी के पास कहां कुछ था। वह न तो करोड़पति घर में पैदा हुए थे और न ही विदेशी स्कूलों में उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई।
लेकिन धोनी के किस्मत में ये भी लिखा था कि एक दिन उनके स्टाइल के करोड़ों दीवाने हो जाएंगे या फिर धोनी वहां पहुंचेंगे जहां उनकी हर चीज एक स्टाइल में बदल जाएगी।
टीम इंडिया में जब धोनी शामिल हुए तो उनके लंबे बाल ही उनका स्टाइल बन गए। ऐसा स्टाइल, जिसने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति तक को अपना दीवाना बना लिया।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ ने 2006 में लाहौर में खेले गए एक वनडे मुक़ाबले के दौरान धोनी की 46 गेंदों पर 72 रनों की पारी के बाद कहा था- मैदान में कई प्लेकार्ड लगे हुए हैं, जिसमें धोनी को हेयर कट की सलाह दी गई, लेकिन धोनी अगर मेरी मानें तो उन्हें बाल नहीं कटवाने चाहिए, इनमें वह बहुत अच्छे लगते हैं।
ये धोनी के बालों का जलवा भर नहीं था। उनकी मासूमियत और कामयाबी मिलकर उन्हें प्रेजेंटबल चेहरा बनाने लगी थी, जो बातें धोनी को आम बना रही थीं, अब उसके सहारे ही धोनी खास बन चुके थे।
सामान्य लुक, मिडिल क्लास परिवार और छोटे शहर की पहचान...ये धोनी के लिए स्टेट्स सिंबल बन गए। बाजार भी उन्हें अपना चेहरा बना चुका था।
एक समय में उनके दो दर्जन विज्ञापन टीवी पर नजर आने लगे। चेन्नई की आईपीएल टीम से जुड़ाव ने धोनी को छवि को अखिल भारतीय कर दिया।
इन सबके बीच धोनी में युवाओं को आकर्षित करने वाले तमाम गुण मौजूद थे। खेल में मैदान में वे किसी बाजीगर की भांति फैसले ले रहे थे तो मैदान के बाहर मोटरबाइकों से उनका प्रेम रह रहकर युवाओं में हलचल मचाता रहा।
टी-शर्ट और जींस में हमेशा नजर आने वाले धोनी को देखकर युवाओं का तबका उन्हें अपना स्टाइल गुरु मान चुका है। इतना ही नहीं चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के एक एड में लुंगी पहनकर धोनी ने दिखाया कि वह हर तरह का स्टाइल बना सकते हैं। वर्ल्ड कप जीतने के तुरंत बाद धोनी ने अपना बाल सफाचट करा लिए..ये भी स्टाइल बन गया।
जॉन अब्राहम, दीपिका पादुकोण जैसे फिल्मी सितारों से नजदीकियों ने भी धोनी का स्टाइलिश बना दिया। वे एक साथ देशज और आभिजात्य दोनों समाज के प्रतिनिधि बन चुके थे।
लेकिन धोनी को मालूम था कि ये सब स्टाइल तब तक ही उनके काम आएंगे जब तक मैदान में भी प्रदर्शन शानदार होगा। उन्होंने कामयाबियों के वक्त अपने पांव जमीन पर टिकाए रखा, जबकि नाकामियों के वक्त आगे बढ़कर खुद जिम्मेदारी ली। अपनी इन खूबियों के चलते ही धोनी स्टाइल की दुनिया के भी बाजीगर बनने में कामयाब रहे।
स्टाइल आइकन बनने के लिए जो कुछ चाहिए होता है, उसमें धोनी के पास कहां कुछ था। वह न तो करोड़पति घर में पैदा हुए थे और न ही विदेशी स्कूलों में उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई।
लेकिन धोनी के किस्मत में ये भी लिखा था कि एक दिन उनके स्टाइल के करोड़ों दीवाने हो जाएंगे या फिर धोनी वहां पहुंचेंगे जहां उनकी हर चीज एक स्टाइल में बदल जाएगी।
टीम इंडिया में जब धोनी शामिल हुए तो उनके लंबे बाल ही उनका स्टाइल बन गए। ऐसा स्टाइल, जिसने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति तक को अपना दीवाना बना लिया।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ ने 2006 में लाहौर में खेले गए एक वनडे मुक़ाबले के दौरान धोनी की 46 गेंदों पर 72 रनों की पारी के बाद कहा था- मैदान में कई प्लेकार्ड लगे हुए हैं, जिसमें धोनी को हेयर कट की सलाह दी गई, लेकिन धोनी अगर मेरी मानें तो उन्हें बाल नहीं कटवाने चाहिए, इनमें वह बहुत अच्छे लगते हैं।
ये धोनी के बालों का जलवा भर नहीं था। उनकी मासूमियत और कामयाबी मिलकर उन्हें प्रेजेंटबल चेहरा बनाने लगी थी, जो बातें धोनी को आम बना रही थीं, अब उसके सहारे ही धोनी खास बन चुके थे।
सामान्य लुक, मिडिल क्लास परिवार और छोटे शहर की पहचान...ये धोनी के लिए स्टेट्स सिंबल बन गए। बाजार भी उन्हें अपना चेहरा बना चुका था।
एक समय में उनके दो दर्जन विज्ञापन टीवी पर नजर आने लगे। चेन्नई की आईपीएल टीम से जुड़ाव ने धोनी को छवि को अखिल भारतीय कर दिया।
इन सबके बीच धोनी में युवाओं को आकर्षित करने वाले तमाम गुण मौजूद थे। खेल में मैदान में वे किसी बाजीगर की भांति फैसले ले रहे थे तो मैदान के बाहर मोटरबाइकों से उनका प्रेम रह रहकर युवाओं में हलचल मचाता रहा।
टी-शर्ट और जींस में हमेशा नजर आने वाले धोनी को देखकर युवाओं का तबका उन्हें अपना स्टाइल गुरु मान चुका है। इतना ही नहीं चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के एक एड में लुंगी पहनकर धोनी ने दिखाया कि वह हर तरह का स्टाइल बना सकते हैं। वर्ल्ड कप जीतने के तुरंत बाद धोनी ने अपना बाल सफाचट करा लिए..ये भी स्टाइल बन गया।
जॉन अब्राहम, दीपिका पादुकोण जैसे फिल्मी सितारों से नजदीकियों ने भी धोनी का स्टाइलिश बना दिया। वे एक साथ देशज और आभिजात्य दोनों समाज के प्रतिनिधि बन चुके थे।
लेकिन धोनी को मालूम था कि ये सब स्टाइल तब तक ही उनके काम आएंगे जब तक मैदान में भी प्रदर्शन शानदार होगा। उन्होंने कामयाबियों के वक्त अपने पांव जमीन पर टिकाए रखा, जबकि नाकामियों के वक्त आगे बढ़कर खुद जिम्मेदारी ली। अपनी इन खूबियों के चलते ही धोनी स्टाइल की दुनिया के भी बाजीगर बनने में कामयाब रहे।
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