भारतीय कप्तान विराट कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले से पहले महामुकाबले की पूर्व संध्या पर मीडिया को संबोधित किया. विराट ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि अन्य मैच की तरह भारत फाइनल मैच में जीत दर्ज करेगा. कोहली ने यह भी दोहराया कि टीम इंडिया अपनी पुरानी रणनीति के तहत के मैदान पर उतरेगी. हमारे लिए आंकड़े मायने नहीं रखते.
विराट कोहली ने कहा कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमने बहुत कुछ सीखा है. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने क्रिकेट दर्शन का खुलासा किया कि वह कैसे मुश्किल परिस्थितयों की कल्पना करते हैं और फिर उसी के हिसाब से रणनीति बनाते हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह बड़े मुकाबलों के लिए कैसे तैयारी करते हैं तो उन्होंने कहा, "आप जानते हो, कि मुश्किल हालात में सोचने की कल्पना आपको उस स्थिति से अवगत कराती है और आपको इससे निकलने का रास्ता भी बताती है. इसलिए अगर आप सोचोगे कि हमारे तीन विकेट निकल गए हैं और मैं भी आउट हो जाता हूं, फिर आप आउट हो जाते हो." कोहली ने कहा, "अगर आप सोच रहे हो कि हमारे तीन विकेट गिर गए, लेकिन मैं इसका पलटवार करूंगा और अपनी टीम को पटरी पर लाऊंगा. ऐसा हो जायेगा क्योंकि आपको इसका यकीन हो जायेगा."
उन्होंने कहा, "मैं काफी सोच विचार करता हूं और खुद को मुश्किल हालात में देखता हूं और खुद को यकीन दिलाता हूं कि मैं इन हालात से टीम को बाहर निकाल सकता हूं. ऐसा हर बार नहीं होगा लेकिन 10 में से आठ बार होगा और ऐसा होना बंद हो जायेगा क्योंकि आपको इस पर पक्का विश्वास हो जाएगा." कोहली ने मैच से पहले की ड्रिल का खुलासा करते हुए कहा, "मैं किसी के भी काफी ज्यादा वीडियो देखने पर भरोसा नहीं करता. मैं सर्वश्रेष्ठ तरीके से तैयारी करता हूं, जितना मैं कर सकता हूं. मैं अपनी काबिलियत पर भरोसा करता हूं और महसूस करता हूं कि अगर मैं तकनीकी रूप से अच्छा हूं तो मैं किसी भी गेंदबाज का सामना करने के लिए सक्षम हूं.
फाइनल मुकाबले के दबाव के संबंध में पूछे जाने पर विराट ने कहा कि हम इसे सामान्य मैच की तरह ही ले रहे हैं. युवा बल्लेबाज को संदेश देते हुए विराट हुए ने कहा कि बड़े गेम के लिए खुद को तैयार करना होता है. अपना नेचुरल गेम खेले. डरे नहीं बल्कि आत्मविश्वास से खेलें. हर बार आप विरोधी टीम को मात तो नहीं दे सकते लेकिन ज्यादातर समय आप हीरो बन जाते हैं.
पाकिस्तान के साथ होने वाले फाइनल मुकाबले के दबाव को इनकार करते हुए भारतीय कप्तान ने कहा हम हर मैच जीतने के लिए खेलते हैं. हमारा लक्ष्य एक संपूर्ण मैच खेलना होता है. हर मैच नया मैच होता है. किसी टीम के पास जीतने की गारंटी नहीं होती. हम पिछले रिकॉर्ड पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. आप किसी भी मैच में यह सोचकर नहीं जा सकते है कि आप विरोधी टीम से कितनी बार जीत चुके हैं.
टीम में शांति बनाए रखना जरूरी होता है. अपनी प्रदर्शन को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है. बहुत ज्यादा चिंतित होने से अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होता है.
कुछ इस तरह है भारत का फाइनल तक का सफ़र -
- पहले मैच में पाकिस्तान को हराया
- दूसरे मैच में श्रीलंका से हारे
- तीसरे मैच में दक्षिण अफ़्रीका को मात
- सेमीफ़ाइनल में बांग्लादेश पर जीत
पाकिस्तान का सफ़र
- पहले मैच में भारत से हारे
- दूसरे मैच में दक्षिण अफ़्रीका को हराया
- तीसरे मैच में श्रीलंका को हराया
- सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड को हराया
भारत का पलड़ा भारी
- शिखर धवन और रोहित की सलामी जोड़ी टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे कामयाब जोड़ी रही है
- नंबर तीन पर 8000 रन बनाने वाले विराट कोहली दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज़ हैं..
- वहीं युवराज सिंह- एमएस धोनी के रूप में दुनिया के बेस्ट फिनिशर हैं
- पांड्या के साथ टीम इंडिया को लोअर ऑर्डर भी बल्ले का दम दिखा सकता है
विराट कोहली ने कहा कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमने बहुत कुछ सीखा है. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने क्रिकेट दर्शन का खुलासा किया कि वह कैसे मुश्किल परिस्थितयों की कल्पना करते हैं और फिर उसी के हिसाब से रणनीति बनाते हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह बड़े मुकाबलों के लिए कैसे तैयारी करते हैं तो उन्होंने कहा, "आप जानते हो, कि मुश्किल हालात में सोचने की कल्पना आपको उस स्थिति से अवगत कराती है और आपको इससे निकलने का रास्ता भी बताती है. इसलिए अगर आप सोचोगे कि हमारे तीन विकेट निकल गए हैं और मैं भी आउट हो जाता हूं, फिर आप आउट हो जाते हो." कोहली ने कहा, "अगर आप सोच रहे हो कि हमारे तीन विकेट गिर गए, लेकिन मैं इसका पलटवार करूंगा और अपनी टीम को पटरी पर लाऊंगा. ऐसा हो जायेगा क्योंकि आपको इसका यकीन हो जायेगा."
उन्होंने कहा, "मैं काफी सोच विचार करता हूं और खुद को मुश्किल हालात में देखता हूं और खुद को यकीन दिलाता हूं कि मैं इन हालात से टीम को बाहर निकाल सकता हूं. ऐसा हर बार नहीं होगा लेकिन 10 में से आठ बार होगा और ऐसा होना बंद हो जायेगा क्योंकि आपको इस पर पक्का विश्वास हो जाएगा." कोहली ने मैच से पहले की ड्रिल का खुलासा करते हुए कहा, "मैं किसी के भी काफी ज्यादा वीडियो देखने पर भरोसा नहीं करता. मैं सर्वश्रेष्ठ तरीके से तैयारी करता हूं, जितना मैं कर सकता हूं. मैं अपनी काबिलियत पर भरोसा करता हूं और महसूस करता हूं कि अगर मैं तकनीकी रूप से अच्छा हूं तो मैं किसी भी गेंदबाज का सामना करने के लिए सक्षम हूं.
फाइनल मुकाबले के दबाव के संबंध में पूछे जाने पर विराट ने कहा कि हम इसे सामान्य मैच की तरह ही ले रहे हैं. युवा बल्लेबाज को संदेश देते हुए विराट हुए ने कहा कि बड़े गेम के लिए खुद को तैयार करना होता है. अपना नेचुरल गेम खेले. डरे नहीं बल्कि आत्मविश्वास से खेलें. हर बार आप विरोधी टीम को मात तो नहीं दे सकते लेकिन ज्यादातर समय आप हीरो बन जाते हैं.
पाकिस्तान के साथ होने वाले फाइनल मुकाबले के दबाव को इनकार करते हुए भारतीय कप्तान ने कहा हम हर मैच जीतने के लिए खेलते हैं. हमारा लक्ष्य एक संपूर्ण मैच खेलना होता है. हर मैच नया मैच होता है. किसी टीम के पास जीतने की गारंटी नहीं होती. हम पिछले रिकॉर्ड पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. आप किसी भी मैच में यह सोचकर नहीं जा सकते है कि आप विरोधी टीम से कितनी बार जीत चुके हैं.
टीम में शांति बनाए रखना जरूरी होता है. अपनी प्रदर्शन को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है. बहुत ज्यादा चिंतित होने से अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होता है.
कुछ इस तरह है भारत का फाइनल तक का सफ़र -
- पहले मैच में पाकिस्तान को हराया
- दूसरे मैच में श्रीलंका से हारे
- तीसरे मैच में दक्षिण अफ़्रीका को मात
- सेमीफ़ाइनल में बांग्लादेश पर जीत
पाकिस्तान का सफ़र
- पहले मैच में भारत से हारे
- दूसरे मैच में दक्षिण अफ़्रीका को हराया
- तीसरे मैच में श्रीलंका को हराया
- सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड को हराया
भारत का पलड़ा भारी
- शिखर धवन और रोहित की सलामी जोड़ी टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे कामयाब जोड़ी रही है
- नंबर तीन पर 8000 रन बनाने वाले विराट कोहली दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज़ हैं..
- वहीं युवराज सिंह- एमएस धोनी के रूप में दुनिया के बेस्ट फिनिशर हैं
- पांड्या के साथ टीम इंडिया को लोअर ऑर्डर भी बल्ले का दम दिखा सकता है
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