महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के 'कैप्टन कूल' महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक खास प्लानिंग के तहत सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर कराया. हालांकि इसे सच्चाई कम, आरोप ही माना जाता रहा है. हाल ही में टीम इंडिया के धुरंधर बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग ने एक ऐसा खुलासा किया है जिससे पता चलता है कि माही युवा खिलाड़ियों के पक्ष में चयनकर्ताओं के सामने भी खड़े होते रहे हैं. सहवाग के अनुसार, वर्ष 2012 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान धोनी ने एक बार विराट को टीम से बाहर होने से बचाया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहाली टेस्ट के लिए कमेंट्री के दौरान सहवाग ने बताया कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में चयनकर्ता विराट कोहली की जगह टीम इंडिया के एक अन्य प्रतिभावान बल्लेबाज रोहित शर्मा को टीम में मौका देना चाहते थे. वीरू के अनुसार, उस समय मैं टीम का उपकप्तान था. माही और मैंने मिलकर विराट को को पर्थ टेस्ट में टीम शामिल कराया और उसके बाद तो विराट नई ऊंचाइयों को छूते चले गए. ’
दरअसल ऑस्ट्रेलिया में हुई इस सीरीज के मेलबर्न और सिडनी में हुए टेस्ट में विराट नाकाम रहे थे. मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने 11 रन और 0 और सिडनी टेस्ट में 23 और 9 रन बनाए थे. बहरहाल, धोनी और सहवाग के दखल पर पर्थ टेस्ट की एकादश में स्थान पाने के बाद विराट ने अच्छी पारियां खेली थीं. उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए थे. यही नहीं, एडिलेड टेस्ट में कोहली करियर का पहला शतक लगाने में भी कामयाब रहे थे. जनवरी 2012 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में कोहली ने पहली पारी में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से 213 गेंदों पर 116 रन बनाए थे जबकि दूसरी पारी में वे 22 के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए थे. इसके बाद तो विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और टेस्ट में टीम इंडिया के स्थायी सदस्य बनने के बाद धोनी के संन्यास लेने के बाद कप्तान भी बनने में सफल हो गए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहाली टेस्ट के लिए कमेंट्री के दौरान सहवाग ने बताया कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में चयनकर्ता विराट कोहली की जगह टीम इंडिया के एक अन्य प्रतिभावान बल्लेबाज रोहित शर्मा को टीम में मौका देना चाहते थे. वीरू के अनुसार, उस समय मैं टीम का उपकप्तान था. माही और मैंने मिलकर विराट को को पर्थ टेस्ट में टीम शामिल कराया और उसके बाद तो विराट नई ऊंचाइयों को छूते चले गए. ’
दरअसल ऑस्ट्रेलिया में हुई इस सीरीज के मेलबर्न और सिडनी में हुए टेस्ट में विराट नाकाम रहे थे. मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने 11 रन और 0 और सिडनी टेस्ट में 23 और 9 रन बनाए थे. बहरहाल, धोनी और सहवाग के दखल पर पर्थ टेस्ट की एकादश में स्थान पाने के बाद विराट ने अच्छी पारियां खेली थीं. उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए थे. यही नहीं, एडिलेड टेस्ट में कोहली करियर का पहला शतक लगाने में भी कामयाब रहे थे. जनवरी 2012 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में कोहली ने पहली पारी में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से 213 गेंदों पर 116 रन बनाए थे जबकि दूसरी पारी में वे 22 के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए थे. इसके बाद तो विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और टेस्ट में टीम इंडिया के स्थायी सदस्य बनने के बाद धोनी के संन्यास लेने के बाद कप्तान भी बनने में सफल हो गए.
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