यह ख़बर 08 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रफ्तार के पीछे नहीं भागता, तकनीक पर ही रहेगा जोर : भुवनेश्वर कुमार

खास बातें

  • भारतीय क्रिकेट टीम के आगामी व्यस्त सत्र के लिए खुद को तैयार करने में जुटे भुवनेश्वर कुमार का जोर रफ्तार पर नहीं है और उन्हें यकीन है कि बेहतर तकनीक के दम पर वह आगामी शृंखलाओं में भी कामयाबी हासिल कर सकेंगे।
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट टीम के आगामी व्यस्त सत्र के लिए खुद को तैयार करने में जुटे भुवनेश्वर कुमार का जोर रफ्तार पर नहीं है और उन्हें यकीन है कि बेहतर तकनीक के दम पर वह आगामी शृंखलाओं में भी कामयाबी हासिल कर सकेंगे।

भारतीय तेज आक्रमण की धुरी बनते जा रहे भुवनेश्वर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तभी से मुझे पता था कि मेरा डील डौल तेज गेंदबाजों वाला नहीं है। मेरी शारीरिक बनावट पारंपरिक तेज गेंदबाजों जैसी नहीं है और न ही आक्रामकता मेरे स्वभाव में है, लिहाजा मेरा फोकस हमेशा से तकनीक पर था।’’

ऑफ सीजन अभ्यास में जुटे मेरठ के इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैं रफ्तार के पीछे भागने में यकीन नहीं करता। थोड़ी रफ्तार बढ़े तो अच्छा है, लेकिन मुझे पता है कि मैं 150 किलोमीटर की रफ्तार से गेंद नहीं कर सकता। मेरा जोर तकनीक और वैरिएशन बेहतर करने पर है।’’

गेंद को दोनों ओर से स्विंग कराने में माहिर इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैं स्विंग पर और मेहनत कर रहा हूं। इसके अलावा बेहतर यार्कर डालने का अभ्यास कर रहा हूं। वन-डे और टेस्ट मैचों की जरूरत के मुताबिक खुद को ढालने की कोशिश कर रहा हूं।’’

इस साल चैम्पियंस ट्राफी में छह विकेट लेकर ‘टीम ऑफ द टूर्नामेंट’ में जगह बनाने वाले भुवनेश्वर ने वेस्टइंडीज में त्रिकोणीय शृंखला में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार जीता। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ मैच में आठ रन देकर चार विकेट भी लिए थे।

हालिया अच्छे प्रदर्शन के बाद भुवनेश्वर पर अपेक्षाओं का दबाव बढ़ना लाजमी है और नवंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्हें टीम का ट्रंपकार्ड माना जा रहा है। इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल वह इतनी दूर की नहीं सोच रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका दौरा तो अभी दूर है। उससे पहले हमें ऑस्ट्रेलिया से वनडे शृंखला खेलनी है और वेस्टइंडीज से टेस्ट खेलने हैं। मैं अभी उसे ही ध्यान में रखकर तैयारी कर रहा हूं। उम्मीद है कि दक्षिण अफ्रीका की मददगार पिचों पर बेहतर प्रदर्शन कर सकूंगा। कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है।’’

ऑफ सीजन अभ्यास के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘आगामी सत्र काफी व्यस्त होगा लिहाजा यह ब्रेक फायदेमंद रहा है। मैंने फिटनेस पर काफी मेहनत की। एनसीए में अभ्यास सत्र भी उपयोगी रहा।’’

क्या वह जहीर खान की जगह भारतीय तेज आक्रमण की कमान संभालने को तैयार हैं, यह पूछने पर भुवनेश्वर ने कहा कि जहीर की जगह कोई नहीं ले सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘जहीर अपार अनुभवी और महान गेंदबाज हैं। कोई भी उनकी जगह नहीं ले सकता। उन्होंने इतने साल बेहतरीन प्रदर्शन किया है जो काबिले तारीफ है। जहां तक मेरा सवाल है तो मेरा फोकस सिर्फ अपने प्रदर्शन पर है। मैं मैच दर मैच बेहतर गेंदबाजी करना चाहता हूं।’’

घरेलू क्रिकेट में बल्लेबाजी के भी जौहर दिखा चुके भुवनेश्वर को हरफनमौला का ठप्पा पसंद नहीं, लेकिन वह उपयोगी बल्लेबाज जरूर बनना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हरफनमौला का ठप्पा नहीं चाहता लेकिन यह जरूर कोशिश करता हूं कि निचले क्रम पर उपयोगी बल्लेबाज साबित हो सकूं। मेरा फोकस गेंदबाजी पर ही है।’’

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अपनी सफलता का श्रेय ड्रेसिंग रूम के माहौल को देते हुए उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अच्छा है और सभी एक-दूसरे को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करते हैं। बहुत से खिलाड़ी साथ में जूनियर क्रिकेट खेले हैं तो तालमेल बहुत अच्छा है और खुलकर एक दूसरे से बात करते हैं।’