हरभजन सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हरभजन सिंह के लिए पिछले दो महीने काफी उत्साहजनक रहे। पहले उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में वापसी की और अब यह सीनियर ऑफ स्पिनर वन-डे टीम में भी चुना गया है जिसकी चुनौती के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं। हरभजन को सोमवार को जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम में चुना गया। उन्होंने चार साल के अंतराल के बाद वापसी की।
वनडे टीम में वापसी से उत्साहित हरभजन ने कहा, ‘‘बेशक मैं आपको नहीं बता सकता कि फिर उस नीली जर्सी को पहनने को लेकर मैं कितना खुश हूं। मैं क्रिकेट खेलने के अलावा और कुछ नहीं जानता। मैंने अपनी जिंदगी में केवल यही काम किया और मुझे खुशी है कि मैं फिर से भारत की तरफ से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश कर सकता हूं।’’
हरभजन से पूछा गया कि क्या बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में अच्छे प्रदर्शन से उनकी वनडे में वापसी संभव हुई, ‘‘इसका जवाब आपको राष्ट्रीय चयनकर्ता ही दे सकते हैं। मेरा लक्ष्य वापसी के बाद भारतीय जर्सी पहनकर अपना 200 प्रतिशत योगदान था। मैंने उस मैच के लिये कड़ी मेहनत की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि क्रिकेट और पढ़ाई में समानताएं हैं। एक विद्यार्थी दस महीने के बाद अपनी परीक्षाओं के लिये दिन रात पढ़ाई करता है। क्रिकेटर के लिये केवल यही अंतर है कि उसे हर तीसरे दिन परीक्षा देनी होती है और प्रत्येक परीक्षा के लिये आपकी अच्छी तैयारी होनी चाहिए। मुझे लगता है कि जिम्बाब्वे श्रृंखला एक और परीक्षा है और मैं उसमें सफल होने के लिये कड़ी मेहनत कर रहा हूं।’’
वनडे टीम में वापसी से उत्साहित हरभजन ने कहा, ‘‘बेशक मैं आपको नहीं बता सकता कि फिर उस नीली जर्सी को पहनने को लेकर मैं कितना खुश हूं। मैं क्रिकेट खेलने के अलावा और कुछ नहीं जानता। मैंने अपनी जिंदगी में केवल यही काम किया और मुझे खुशी है कि मैं फिर से भारत की तरफ से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश कर सकता हूं।’’
हरभजन से पूछा गया कि क्या बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में अच्छे प्रदर्शन से उनकी वनडे में वापसी संभव हुई, ‘‘इसका जवाब आपको राष्ट्रीय चयनकर्ता ही दे सकते हैं। मेरा लक्ष्य वापसी के बाद भारतीय जर्सी पहनकर अपना 200 प्रतिशत योगदान था। मैंने उस मैच के लिये कड़ी मेहनत की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि क्रिकेट और पढ़ाई में समानताएं हैं। एक विद्यार्थी दस महीने के बाद अपनी परीक्षाओं के लिये दिन रात पढ़ाई करता है। क्रिकेटर के लिये केवल यही अंतर है कि उसे हर तीसरे दिन परीक्षा देनी होती है और प्रत्येक परीक्षा के लिये आपकी अच्छी तैयारी होनी चाहिए। मुझे लगता है कि जिम्बाब्वे श्रृंखला एक और परीक्षा है और मैं उसमें सफल होने के लिये कड़ी मेहनत कर रहा हूं।’’
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