यह ख़बर 10 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच में दोषी पाए गए बीसीसीआई प्रमुख के दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन

नई दिल्ली:

आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिकों और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों के खिलाफ मैच में फिक्सिंग की जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुदगल की समिति ने अपनी रिपोर्ट में चेन्नई सुपरकिंग्स के गुरुनाथ मय्यप्पन को दोषी पाया है। समिति ने मय्यप्पन को मैच से संबंधित सूचना बांटने और सट्टेबाजी के लिए दोषी माना है। 2013 में आईपीएल मैच में फिक्सिंग के आरोपों के बाद आरंभ की गई जांच में समिति ने 170 पेज की अपनी रिपोर्ट आज सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी।

सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजस्थान रॉयल्स के सहमालिक राज कुंद्रा के मामले में भी और जांच की जरूरत है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मय्यप्पन चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम को लीड कर रहे थे। यह बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के उस दावे का खंडन करता है जिसमें उन्होंने मय्यप्पन को खेल प्रेमी बताया था।

जस्टिस मुद्गल की रिपोर्ट में यह भी कहा है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष होने के साथ साथ आईपीएल टीम का मालिक होना हितों के टकराव का बेहतरीन उदाहरण है।

जस्टिस मुद्गल ने यह भी कहा कि फिक्सिंग मामले में मय्यप्पन की संलिप्ता है या नहीं इसके लिए ज्यादा जांच की जरूरत है। जस्टिस मुद्गल ने इस मामले में राजस्थान टीम के मालिक राज कुंद्रा की संलिप्तता पर जांच किए जाने की आवश्यकता बताई है।

कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में तमाम खिलाड़ियों, पत्रकारों और अधिकारियों से बातचीत का ब्योरा भी है। माना यह भी जा रहा है कि इस रिपोर्ट का असर न केवल चेन्नई और राजस्थान की टीम पर पड़ेगा बल्कि पूरे आईपीएल के तौरतरीकों पर भी पड़ेगा।

बता दें कि यदि आईपीएल के संविधान के मुताबिक यदि किसी भी टीम का मालिक फिक्सिंग के आरोपों में दोषी पाया जाता है तब आईपीएल से टीम को भी बर्खास्त किया जा सकता है।

इस जांच के आरंभ होने के साथ ही चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक बीसीसीआई के चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने कहा था कि मय्यप्पन टीम के मालिकों में नहीं है। वहीं, मय्यप्पन का रिश्ता और टीम प्रबंधन में दखन सबको मालूम है। मय्यप्पन बीसीसीआई प्रमुख के दामाद भी हैं।

इससे पहले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के स्पॉट फिक्सिंग मामले पर न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल की रिपोर्ट सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में पेश की गई।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट को पूरी तरह से पढ़े जाने के बाद उचित आदेश दिए जाएंगे।

न्यायालय ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका पर स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच की जिम्मेदारी 8 अप्रैल 2013 को न्यायमूर्ति मुद्गल को सौंपी थी।

जस्टिस मुद्गल की रिपोर्ट में कई बातें कही गई हैं…

- क्रिकेट में भ्रष्टाचार ने गहरी जड़ें जमा ली हैं। ख़ासतौर पर आईपीएल में तो और भी ज़्यादा तेज़ी से।

- भ्रष्टाचार के प्रति बीसीसीआई का रवैया बेहद कड़ा होना चाहिए। परिवार को छोड़कर किसी को भी खिलाड़ियों के होटल में जाने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए।

- बीसीसीआई को आईपीएल की सभी टीमों को लगातार सुरक्षा व्यवस्था देने पर विचार करना चाहिए।

- खिलाड़ियों पर पाबंदी उनके मनोबल पर असर ना डाले।

- सिर्फ़ मान्यता प्राप्त लोगों को ही खिलाड़ियों तक जाने की इजाज़त हो।

- बीसीसीआई द्वारा दिए गए सेलफ़ोन ही खिलाड़ियों के पास हों।

- दूसरे सेलफ़ोन रखना दंडनीय होना चाहिए।

- खिलाड़ियों की सहमति से बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोध शाखा के पास खातों की जानकारी होनी चाहिए।

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-टीम मालिकों और खिलाड़ियों के लिए भी आचार संहिता होनी चाहिए।