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MS Dhoni: माही है तो मुमकिन है ! क्या धोनी के कप्तान बनने से फिर से चैंपियन बनेगी चेन्नई सुपरकिंग्स

MS Dhoni, CSK IPL 2025: कप्तान के तौर पर धोनी की काबिलियत किसी से नहीं छूपी है. धोनी एक महान कप्तान हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट हो या फिर लीग टूर्नामेंट में उनकी कप्तानी का जलवा लगातार बरकरार रहता है

MS Dhoni: माही है तो मुमकिन है ! क्या धोनी के कप्तान बनने से फिर से चैंपियन बनेगी चेन्नई सुपरकिंग्स
MS Dhoni as CSK Captain IPL 2025:

MS Dhoni: चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) के नियमित कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ कोहनी के फ्रेक्चर के कारण आईपीएल से बाहर हो गए जिससे एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को टीम का कप्तान बनाया गया है. धोनी की कप्तानी में सीएसके ने 5 बार आईपीएल का खिताब जीता है. कप्तान के तौर पर धोनी की काबिलियत किसी से नहीं छूपी है. धोनी एक महान कप्तान हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट हो या फिर लीग टूर्नामेंट में उनकी कप्तानी का जलवा लगातार बरकरार रहता है. धोनी को क्रिकेट का सबसे चालाक और चतुर खिलाड़ी माना जाता है. 

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क्या धोनी के कप्तान बनने से बदलेगी सीएसके की किस्मत

इस सीजन चेन्नई सुपरकिंग्स का परफॉर्मेंस बेहद ही खराब रहा है. अबतक 5 मैच में सीएसके को 4 में हार मिली है. प्वाइंट्स टेबल में टीम 9वें नंबर पर पर है. ऐसे में एक बार फिर धोनी को अपनी टीम को प्लेऑफ तक लाना है तो पुराने तेवर के साथ कप्तानी करनी होगी. एक बेहतरीन कप्तान वह होता है जो अपने खिलाड़ियों की क्षमता को पहचानता है  और धोनी बतौर कप्तान इस बात को जानते हैं और कई मौकों पर साबित भी किया है.  अब इस सीजन में बतौर कप्तान धोनी से इसी जीत की उम्मीद होगी. 

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धोनी की है चैंपियन की मानसिकता

धोनी एक ऐसे कप्तान रहे हैं जिनकी मानसिकता हमेशा चैंपियन बनने की रही है. चाहे वो इंटरनेशनल क्रिकेट हो या फिर लीग टूर्नामेंट हो. इंटरनेशनल क्रिकेट में तो धोनी ने ऐसा कर दिखाया, आईपीएल में उन्होंने टीम सीएसके को सबसे सफल टीम बनाया है, धोनी की कप्तान के तौर पर सबसे बड़ी खासियत है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप जीतने वाली टीम के साथ ट्रॉफी उठाते हैं या हारने वाली टीम के साथ, जो स्थिर रहता है वह है एमएस धोनी के चेहरे पर मुस्कान और सकारात्मक भावना. जिससे टीम के खिलाड़ियों को काफी मदद मिलती और टीम एक जुट होकर लड़ती है. चुनौतियों के प्रति धोनी का सकारात्मक दृष्टिकोण और कभी हार न मानने का रवैया उन्हें न केवल उनकी टीम के लिए बल्कि दूसरे खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा होती है. कठिन लक्ष्यों का पीछा करने की क्षमता अक्सर चमत्कारी जीत की ओर ले जाती है. ऐसा ही धोनी अपनी टीम के साथ करते हैं. 

दबाव में शांत रहने की क्षमता उन्हें महान कप्तान बनाती है

सभी प्रारूपों में बेहद सफल कप्तान होने के बाद भी, एमएस धोनी का सभी प्रारूपों में जीत का प्रतिशत सिर्फ़ 53% है.  इसका मतलब है कि कई बार चीज़ें उनके हिसाब से नहीं होतीं, फिर भी उन्हें "कैप्टन कूल" के नाम से जाना जाता है.  एक कप्तान के तौर पर, कई बार ऐसा होता है जब चीज़ें उम्मीद के मुताबिक नहीं होती है ऐसे मौके पर भी धोनी शांत रहकर खेल को आगे बढ़ाते हैं. 

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सफल रणनीतिकार

 क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि एमएस धोनी की रणनीति बनाने की क्षमता उन्हें दूसरे टीमों के कप्तान से अलग करती है.  रणनीति बनाने में उनका कोई तोड़ नहीं है. हर संभव परिस्थिति में धोनी टीम को एक साथ लेकर आगे बढ़ते हैं.  चाहे खेल की ज़रूरत के हिसाब से नियमित रूप से फ़ील्ड प्लेसमेंट को बदलकर अलग-अलग फ़ील्ड प्लेसमेंट में हेरफेर करना हो या गेंदबाज़ों का रणनीति के हिसाब इस्तेमाल करना हो, धोनी को उनकी असाधारण रणनीति के लिए जाना जाता है. उम्मीद है कि अब यहां से धोनी बतौर कप्तान अपनी टीम को ऐसी स्थिति में ले जाने में सफल रहेंगे, जहां टीम प्लऑफ में पहुंचने में सफल रहे. 

धोनी है तो मुमकिन है !

अपने कार्यकाल के दौरान, धोनी ने सीएसके को पांच आईपीएल खिताब (2010, 2011, 2018, 2021 और 2023) और नौ फाइनल में पहुंचाने में अपने अहम योगदान दिया है. बता दें कि साल 2022 में धोनी ने कप्तानी छोड़ी थी और जडेजा को कप्तान बनाया गया था लेकिन जडेजा बतौर कप्तान असफल हो गए  जिसके बाद धोनी ने फिर से उस सीजन कप्तानी संभाली थी, हालांकि 2022 में टीम कोई खास नहीं कर पाई लेकिन अगले सीजन 2023 में सीएसके को धोनी ने पांचवीं बार चैंपियंन बनाकर इतिहास रच दिया था. 

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Photo Credit: BCCI

क्या सीएसके आईपीएल के प्लेऑफ में क्वालीफाई कर पाएगी ?

सीएसके के पास लीग चरण में अभी भी नौ मैच बचे हैं, जिनमें से चार मैच उसके घरेलू मैदान पर खेले जाएंगे, जिसकी शुरुआत शुक्रवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ होने वाले मैच से होगी. पिछले तीन सीजन में, लीग चरण में 10 टीमों के साथ, चौथा स्थान हासिल करने और प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने के लिए कम से कम 14 अंक की आवश्यकता होती है. इसका मतलब है कि सीएसके को आगे बढ़ने के लिए अपने बचे हुए नौ मैचों में से छह या सात मैच जीतने होंगे. हालांकि यह  एक मुश्किल चुनौती है लेकिन सीएसके अभी भी रेस में बनी हुई है.  सीएसके कोलकाता नाइट राइडर्स के 2014 के अभियान से भी प्रेरणा ले सकती है. केकेआर ने अपने पहले सात लीग-स्टेज मैचों में से पांच मैच गंवाए, लेकिन फिर लगातार नौ मैच जीतकर खिताब अपने नाम किया था.  धोनी के नेतृत्व में सीएसके के लिए सबसे लंबा जीत का सिलसिला 2013 में आया, जब टीम ने लगातार सात जीत हासिल की. इस सीजन में भी इसी तरह का प्रदर्शन उसे प्लेऑफ में पहुंचा सकता है. 
 

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