सोनी पिक्चर ने आईपीएल मीडिया राइट्स के "रिजर्व प्राइस" लेकर जतायी गंभीर चिंता, वास्तव में रकम बहुत हैरान करने वाली

IPL 2022: साल 2018 में पांच साल तक (22) तक के लिए अधिकारी तकरीबन साढ़े सोलह हजार करोड़ में बिके थे, जो स्टार-स्पोर्ट्स ने खरीदे थे, लेकिन इस बार तो काफी पहले से ही बाजार गरम है कि इस बार राशि 2023-27 के लिए बोली पचास हजार करोड़ भी पार कर जाए, तो हैरानी नहीं ही होगी.

सोनी पिक्चर ने आईपीएल मीडिया राइट्स के

आईपीएल की प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • मीडिया अधिकारों के लिए बाजार में जोर-शोर से चर्चा
  • कई दिग्गज कंपनियों के बीच लगेगी होड़
  • जून के दूसरे हफ्ते में होगी ऑनलाइन नीलामी
नई दिल्ली:

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) जारी है, लेकिन अगले महीने के दूसरे हफ्ते में अगले पांच साल के मीडिया अधिकारों को लेकर भी बाजार में जोर-शोर से चर्चा है. सोनी, अमेजन, मेटा (फेसबुक) सहित कई बड़ी कंपनियों के मैनेजर अभी से गुणा-भाग करने में व्यस्त हो चुके हैं, लेकिन बीसीसीआई ने मीडिया अधिकार (टीवी+इंटरनेट+डिजिटल) के लिए जो रिजर्व प्राइस तय किए हैं, उसे लेकर कंपनियां चिंतित हो उठी हैं. बता दें कि साल 2018 में पांच साल तक (22) तक के लिए अधिकारी तकरीबन साढ़े सोलह हजार करोड़ में बिके थे, जो स्टार-स्पोर्ट्स ने खरीदे थे, लेकिन इस बार तो काफी पहले से ही बाजार गरम है कि इस बार राशि 2023-27 के लिए बोली पचास हजार करोड़ भी पार कर जाए, तो हैरानी नहीं ही होगी. बहरहाल, बीसीसीआई  द्वारा तय किए गए रिजर्व प्राइस पर सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के निदेशक और सीईओ एनपी सिंह ने चिंता जाहिर की है. 

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सिंह ने एक अग्रणी अखबार से बातचीत में कहा कि बीसीसीआई को वास्तविक रवैया अख्तियार करने की जरूरत है. खासकर यह देखते हुए कि इस साल आईपीएल देखने वालों की संख्या में खासी गिरावट दर्ज की गयी है. उन्होंने कहा कि रिजर्व प्राइस बहुत ही ज्यादा हैं और वास्तविकता के धरातल पर इसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है क्योंकि आईपीएल की टीआरपी में 34 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी है. एनपी सिंह ने कहा कि रिजर्व प्राइस को देखते हुए हमें अगले पांच सालों में बाजार की प्रगति के साथ-साथ आर्थिक और बाकी जोखिमों को भी देखना होगा. उन्होंने कहा कि इसलिए हम बोली लगाने से पहले हम हर पहलू से विचार करेंगे. 


कुछ ऐसे बांटा है बीसीसीआई ने अधिकारों को
इस साल बीसीसीआई ने मीडिया अधिकारों को दो हिस्सों में बांटा है. एक पैकेज में सभी मैचों के अधिकार शामिल हैं, जबकि दूसरे हिस्से में 18 मैचों को गैर अन्य आधार पर शामिल किया है. इसके तह इसमें शुरुआती, प्ले-ऑफ और रविवार को खेले जाने वाले शाम के सभी मैच शामिल हैं. वहीं, स्टार-स्पोर्ट्स जैसे प्रसारकों को डिजिटल राइट्स का बंटवारा भी पसंद नहीं आया है. 

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ये कंपनिया हैं प्रसारण अधिकारों की रेस में 

सोनी, जी  इंटरटेनमेंट के अलावा ड्रीम-11 ने भी अधिकारों की बोली के लिए डॉक्यूमेंट खरीदा था. इसके अलावा एमेजॉन, मेटा (फेसबुक), रिलायंस, स्टार-स्पोर्ट्स के अलावा सोनी ऐसी कंपनियां हैं, जिनके बीच मीडिया राइट्स के लिए जबर्दस्त होड़ लगने की संभावना है. बोली की प्रक्रिया 12 जून से शुरू होने की उम्मीद है. 

क्या है रिजर्व प्राइस का मतलब?
बता दें कि बीसीसीआई ने पांच साल (2023-27) तक के पांच साल के लिए मीडिया अधिकारों के लिए रिजर्व प्राइस 32,890 करोड़ रुपये तय किए हैं. रिजर्व प्राइस एक वह न्यूनतम या सबसे कम कीमत होती है, जिसे कोई बेचने वाला शख्स या कंपनी नीलामी में अपने उत्पाद के लिए तय करता है. मतलब यह कि जो न्यूनतम कीमत है, अधिकारों के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों को इससे ऊपर की कीमत में आपस में मुकाबला करना होगा. और इसी न्यूनतम बोली को लेकर एनपी सिंह चिंतित हैं. 

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