पाकिस्तान की टीम एशिया कप में अपने अभियान की शुरुआत बुधवार को नेपाल के खिलाफ करेगी जिससे करीब 15 साल के बाद देश में कई टीम के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट की वापसी होगी. पाकिस्तान क्रिकेट के लिए 2009 मार्च में लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए आंतकी हमले के बाद सफर काफी मुश्किल रहा है. इसके बाद पाकिस्तान ने चैम्पियंस ट्राफी की मेजबानी के अधिकार गंवाने के अलावा 2011 में विश्व कप में अपनी संयुक्त मेजबानी भी गंवा दी थी.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और सदस्य देश सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान का दौरा नहीं करना चाहते थे जिससे करीब आठ साल तक देश की टीम शीर्ष स्तर की टीम के खिलाफ घरेलू मैदान पर कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल सकी. इसलिये एशिया कप के चार मैच पाकिस्तान के लिए काफी अहमियत रखते हैं जिसे 2025 चैम्पियंस ट्राफी की मेजबानी भी दी गयी है. अफगानिस्तान के खिलाफ वनडे श्रृंखला में क्लीन स्वीप के बाद वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंची पाकिस्तान को मुल्तान की गर्मी में नेपाल के खिलाफ आराम से जीत हासिल करनी चाहिए. नेपाल की टीम पहला एशिया कप खेल रही है. नेपाल के दो खिलाड़ी लेग स्पिनर संदीप लामिचाने और आल राउंडर दिपेंद्र सिंह ऐरी को ही टी20 लीग में खेलने का अनुभव है.
लामिचाने यहां पाकिस्तान सुपर लीग में खेल चुके हैं, उन्हें छोड़कर अन्य को यहां की परिस्थितियों का अंदाजा नहीं है. नेपाल को 2018 में वनडे दर्जा मिला और वह 50 ओवर के प्रारूप की रैंकिंग में 15वें स्थान पर काबिज है जिससे संकेत मिलता है कि वह 2027 विश्व कप में शामिल होने के अपने सपने को हासिल करने के कितने करीब पहुंच गया है.
नेपाल की टीम एक हफ्ते पहले पाकिस्तान पहुंची और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह एशिया कप खिताब उठाने की प्रबल दावेदार में शुमार टीम के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करती है. पाकिस्तान की टीम केवल दो मैच घरेलू मैदान पर खेलेगी, बाकी के मैच श्रीलंका में होंगे जिसमें भारत के खिलाफ बड़ा मुकाबला भी शामिल है. यहां काफी गर्मी और उसम होगी तथा दोनों टीमें अपने स्पिनरों पर काफी निर्भर रहेंगी.