
राजकोट में अब जब विंडीज के खिलाफ टीम इंडिया पहला टेस्ट (प्रिव्यू) खेल रही है, तो मेहमान टीम का सबसे बड़ा दुश्मन भी एक बार उन पर फिर से वार करने को बेताब है. और यह दुश्मन कोई और नहीं, बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ बहुत ही ज्यादा निराश करने वाले आर. अश्विन हैं. अब घर में हमेशा ही प्रतिद्वंद्वी टीम को अपनी उंगलियों पर नचाने वाले अश्विन के पास फिर से यह दिखाने का मौका है कि जब बात भारतीय उपमहाद्वीप की पिचों की आती है, तो उनका कोई जोड़ नहीं है, लेकिन यह भी एक सच है कि खुद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अश्विन की राह मुश्किल कर दी है.
Captain @imVkohli looking on point on the eve of the 1st Test against West Indies #TeamIndia #INDvWI pic.twitter.com/JR65lonaac
— BCCI (@BCCI) October 3, 2018
अश्विन से इंग्लैंड दौरे में बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. और बर्मिंघम में पहली में चार और दूसरी पारी में तीन विकेट चटकार अश्विन ने कप्तान विराट कोहली को बहुत भरोसा भी दिया कि वह अंग्रेजों को पानी पिलाने जा रहे हैं. लेकिन इसके बाद से हर टेस्ट गुजरने के साथ ही अश्विन को खुद पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ा. और आखिर में नौबत यहां तक आ गई कि पांचवें टेस्ट में अश्विन को ड्रॉप करना पड़ा. लेकिन यह भी सच है कि वह कहानी इंग्लैंड की पिचों की थी.
All set! #TeamIndia gear up for their practice session on the eve of the 1st Test against West Indies #INDvWI pic.twitter.com/penzpeSDHd
— BCCI (@BCCI) October 3, 2018
वैसे अश्विन ने विंडीज टीम को बहुत ही बुरी तरह से पानी पिलाया है. या कहें कि भारतीय ऑफी को कैरेबियाई ज्यादा रास आते हैं. और उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से ही विंडीज का अच्छी तरह से बैंड बजाया है. बता दें अश्विन ने विंडीज के खिलाफ बल्ले से 56.66 का औसत निकाला है. और यह उनका किसी भी देश के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ औसत है. ध्यान देने वाली बात यह है कि अश्विन ने अपने टेस्ट करियर के सभी चारों शतक विंडीज के ही खिलाफ बनाए हैं.
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लेकिन वास्तव में यह गेंदबाजी है, जिसने विंडीज बल्लेबाजों की बुरी तरह चीखें निकाल कर रख दीं. अश्विन ने विंडीज के खिलाप 9 टेस्ट मैचों में 51 विकेट चटकाए हैं. मतलब प्रत्येक टेस्ट में छह विकेट से कुछ कम. और हर पारी में तीन विकेट से कुछ कम. लेकिन अब बीसीसीआई ने अश्विन की राह में ही कांटें बिछा दिए हैं. वैसे टीम मैनेजमेंट की मांग पर ही बोर्ड ने ये 'कांटे' अश्विन की राह में बिछाए हैं. अब अश्विन की राह में सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वह इन कांटों पर चलकर कैसे विंडीज के बल्लेबाजों को ता-था-थइया करा पाते हैं. एकदम पहले जैसा ता-था-थइया
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बता दें कि टीम मैनेजमेंट की मांग पर बीसीसीआई ने खास तौर पर सीनियर क्यूरेटर दलतीज सिंह को राजकोट भेजा. और भाई लोगों पिच पर बिछा दी गई है घास. और कारण भी आप जान लीजिए. कारण है कि निगाहें भले ही विराट कोहली की विंडीज पर लगी हों, लेकिन निशाने पर है इस साल ऑस्ट्रेलिया दौरा. वहां की उछाल भरी पिचों से अभ्यस्त होने के लि ए ही यह चैलेंज लिया है टीम इंडिया है. अब भइया घास बिछाने भर से तो राजकोट ऑस्ट्रेलिया बनने से रहा ! लेकिन हां यह जरूर है कि आर. अश्विन की राह जरूर चुनौतीपूर्ण हो गई. अब देखते हैं कि अश्विन क्या रास्ता निकालते हैं
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