खास बातें
- यह स्ट्राइकरेट तो वनडे में भी कम है!
- घरेलू क्रिकेट में यह नियमितता कुछ कहती है!
- क्रिकेटप्रेमी कर रहे सवाल, पांडे, टीम मैनेजमेंट देंगे जवाब?
नई दिल्ली: भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग के न्यूवांडर्स में खेला गया पहला टी-20 मुकाबला भले ही 28 रन से जीत लिया हो, लेकिन टीम इंडिया की बैटिंग के दौरान करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी इस बात से नाखुश थे कि विराट कोहली के वीर वह स्कोर खड़ा नहीं कर सकी, जो वास्तव में बनना चाहिए था. और इसके लिए ये क्रिकेटप्रेमी मनीष पांडे पर उंगली उठा रहे हैं. वैसे उंगली उठाने की यहां एक नहीं कई वजह हैं.
मनीष पांडे को लेकर दिग्गज क्रिकेटरों के बीच भी चर्चा रही. कारण यह रहा कि जहां शिखर धवन ने आतिशी पारी खेली, तो यह कर्नाटकी बल्लेबाज अपने नाबाद 29 गेंदों में एक भी चौका नहीं लगा सका. हां एक छक्का जरूर उन्होंने लगाया, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 107.40 का रहा. इसी स्ट्राइक रेट को लेकर क्रिकेटप्रेमियों के बीच चर्चा हो रही है, लेकिन मानो चर्चा के लिए सिर्फ इसी मुकाबले का स्ट्राइक रेट ही काफी नहीं है.
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अब भारत के घरेलू टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी-20) के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसने इस बात को और बल प्रदान किया है कि कर्नाटक का यह बल्लेबाज टी-20 में फिट नहीं बैठता. चलिए हम आपको मुश्ताक अली ट्रॉफी में पिछले छह साल के दौरान मनीष का स्ट्राइक रेट आपको बताते हैं. इन छह साल में दो सेशन में मनीष टूर्नामेंट में नहीं खेले.
साल स्ट्राइक रेट
2018 108.33
2916-17 नहीं खेले
2015 78.72
2014 109.21
2013 107VIDEO: सेंचुरियन में शतक बनाने के बाद विराट कोहली खेल के इस सबसे फटाफट फॉर्मेट में वास्तव में किसी बल्लेबाज का एक सेशन खराब हो सकता है, लेकिन पांडे का चार घरेलू सत्र का स्ट्राइक रेट ऐसा जो वनडे मैचों के लिहाज से भी कम है. और इसके बाद अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टी-20 मुकाबला मनीष पांडे पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है.