
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न (Melbourne Cricket Ground, Melbourne) में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट (AUS vs IND, 3rd Test) मैच के तीसरे दिन (मैच रिपोर्ट) युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने वह कारनामा कर दिखाया, जो भारत के करीब 86 साल के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में उनसे पहले कोई दूसरा विकेटकीपर नहीं ही कर सका! वास्तव में अपने समय के दिग्गज सैय्यद किरमानी, किरन मोरे और महेंद्र सिंह धोनी भी ऐसा कर पाने में नाकाम रहे. लेकिन ऋषभ पंत ने यह बड़ा कारनामा अपने करियर की शुरुआती स्टेज और सिर्फ 21 साल की उम्र में ही बना डाला. और वास्तव में इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना किसी भी भारतीय विकेटकीपर के लिए एक बहुत ही बड़ा चैलेंज होगा.
If you are not willing to learn ... no one can teach you. But if you're determined to learn ... no one can Stop you pic.twitter.com/DC5LSuT5ko
— Rishabh Pant (@RishabPant777) December 24, 2018
अभी तक ऋषभ पंत को सीरीज में अपनी बल्लेबाजी के लिए खासी आलोचना झेलनी पड़ी है. खासतौर पर कंगारू ऑफी नॉथन लॉयन ने उनके चार बार अपने जाल में फंसाया है. आलोचक कह रहे हैं कि ऋषभ मिले मौकों का फायदा उठाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. वह टेस्ट क्रिकेट और अपने विकेट को जरूरी सम्मान देते दिखाई नहीं पड़ रहे. वैसे यह बात ऋषभ के अभी तक के स्कोर से भी साबित होती दिख रही है. पंत ने ऑस्ट्रेलिया में पांच पारियों में 25, 28, 36, 30 और 39 का स्कोर किया है.
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यह स्कोर बताता है कि पंत ने हर पारी में विकेट पर जमने के बाद अपना विकेट गंवाया. और जिस अंदाज में विकेट गंवाया वह भी पंत के रवैये पर सवाल खड़ा कर गया. निश्चित ही, अगर इस युवा विकेटकीपर के अपने स्कोर को बड़ी पारियों में तब्दील करना है, तो उन्हें अपने खेल पर काफी कम करना होगा. और टीम की जरूरत के हिसाब से अपने स्ट्रोक चयन और अपने मन पर कंट्रोल करना भी सीखना होगा. बहरहाल, विकेट के पीछे भी पंत पर उंगलियां उठी हैं, लेकिन उन्होंने पिछली सीरीजों के मुकाबले अपने प्रदर्शन में सुधार किया है.
यह बात उनके उस रिकॉर्ड से पता चलती है, जिसे उन्होंने महज तीन ही टेस्ट मैचों में बना डाला है. बल्कि कहें कि अभी भी तीसरे टेस्ट की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी खेली जानी है. जबकि पंत से पहले सैय्यद किरमानी ने इसी कारनामे को करने के लिए 6 टेस्ट और महेंद्र सिंह धोनी ने पांच टेस्ट मैच लिए थे. बता दें कि ऋषभ पंत ने जारी सीरीज में तीसरा टेस्ट पूरा होने से पहले ही 18 कैच अपनी झोली में जमा कर लिए हैं. और वह ऐसा करने वाले भारतीय टेस्ट इतिहास के पहले विकेटकीपर बन गए हैं.
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वहीं, किरमानी और धनोनी ने क्रमश: 6 और 5 टेस्ट मैचों में 17 कैच लपके थे. आप खुद समझ सकते हैं कि अभी आखिरी चौथा टेस्ट मैच खेला जाना बाकी है, तो एमसीजी में भी पंत एक और पारी में विकेटकीपिंग करेंगे. जाहिर है ऐसे में ऋषभ पंत इस रिकॉर्ड के स्तर को और ऊंचा कर सकते हैं.
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