विज्ञापन
This Article is From Jul 12, 2023

"मैं हर समय सही नहीं हो सकता", टीम चयन को लेकर द्रविड़ ने विस्तार से रखे विचार

द्रविड़ ने एक प्लेटफॉर्म से बातचीत में कहा कि जिन्हें आप कोचिंग देते हो, तो आप प्रत्येक उस खिलाड़ी की परवाह करते हो, जो आपके साथ जुड़ा होता है. आप उसे निजी तौर पर भी सहयोग करते हो और इन खिलाड़ियों के साथ निजी रिश्ते भी बनाते हो.

"मैं हर समय सही नहीं हो सकता", टीम चयन को लेकर द्रविड़ ने विस्तार से रखे विचार
भारतीय हेड कोच राहुल द्रविड़
नई दिल्ली:

पिछले दिनों WTC Final में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली शर्मनाकर हार के बाद जहां टीम इंडिया के सितारे फैंस के निशाने पर थे, तो कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को भी तीखी आलोचना झेलनी पड़ी थी. इन दिनों सोशल मीडिया का जमाना  है. कोई कुछ भी कह कर निकल जाता है,लेकिन यह कोई नहीं समझना चाहता कि खेल के बदलते दौर में कोच का काम भी खासा चुनौतीपूर्ण हो चला है. और जब टीम चयन का सवाल आता है, तो फिर चाहे यह प्लेइंग XI हो या फिर संपूर्ण टीम, कोच को खासे मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं. विंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट (WI vs IND 1st Test) से पहले हेड कोच राहुल द्रविड़ ने कुछ ऐसे ही लिए गए फैसलों के बारे में बताया. भारतीय कोच ने कहा कि किसी खिलाड़ी के लिए वह जो सर्वश्रेष्ठ बात कर सकते हैं, वह वह उनके प्रति ईमानदारी और बिना किसी पक्षपात के निर्णय लेना है. 

"मैं 4-5 साल तक..." टेस्ट टीम की उपकप्तानी को लेकर Ajinkya Rahane ने दिया बड़ा बयान

VIDEO: "धोनी से मुलाकात अभी भी रोंगटे खड़े करती है", डेब्यू करने जा रहे जायसवाल ने साझा की यादें

द्रविड़ ने एक प्लेटफॉर्म से बातचीत में कहा कि जिन्हें आप कोचिंग देते हो, तो आप प्रत्येक उस खिलाड़ी की परवाह करते हो, जो आपके साथ जुड़ा होता है. आप उसे निजी तौर पर भी सहयोग करते हो और इन खिलाड़ियों के साथ निजी रिश्ते भी बनाते हो. उन्होंने कहा कि आप इन खिलाड़ियों को बतौर खिलाड़ी नहीं, बल्कि इन्हें बतौर शख्स के रूप में कोचिंग देना चाहते हैं. आप इन सभी को सफल होते देखना चाहते हैं, लेकिन साथ-साथ आपको इस सच्चाई को भी अपनाना होता है कि ये सभी ही सफल होने नहीं जा रहे. ऐसे में आपको मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं. 

भारतीय कोच ने स्वीकार किया कि जब भी भारतीय प्लेइंग XI ऐलान होता है, तो यहां कई खिलाड़ी हैं, जो निराश हो जाते है. टीम में चयनित न होने वाले खिलाड़ी भी दुखी महसूस करते हैं, लेकिन यही कोच का काम है. कोच को मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि जब भी हम प्लेइंग इलेवन चुनते हैं, तो हम खिलाड़ियों को निराश करते हैं. यहां ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिन्हें इलेवन में जगह नहीं मिलती. वहीं, जब 15 सदस्यीय टीम चुनी जाती है, तो कुछ का मानना होता है कि उन्हें टीम में होना चाहिए था. आप भावनात्मक रूप से उनके लिए खराब महसूस करते हो, लेकिन हम सभी कम से कम कोशिश करते हैं. 

द्रविड़ बोले कि मैं यह नहीं कहता कि मैं परफैक्ट हूं. मैं यह नहीं कह रहा कि मैं हर समय सही ही होता हूं क्योंकि यह आपको प्रभावित करता है. यह कोच या कप्तान के लिए सबसे मुश्किल समय होता है. आपको ऐसे खिलाड़ियों के बारे में कड़े फैसले लेने होते हैं, जिन्हें आप सफल होते और अच्छा करते देखना चाहते हैं.  लेकिन आप कुछ ही खिलाड़ी चुन सकते हैं. 

--- ये भी पढ़ें ---

* CSK 212 Million अमेरिकी डॉलर के साथ बनी IPL की सबसे अधिक ब्रांड वैल्यू वाली फ्रेंचाइजी, यहां जाने पूरी लिस्ट
* IND vs WI: वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी को पहले टेस्ट में मिला मौका, तो सचिन के बाद विराट के नाम दर्ज हो जायेगा ये अनोखा रिकॉर्ड

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: