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'मैं इन सब बातों के लिए काफी बूढ़ा', कर्स्टन का खुलासा, इस वजह से छोड़ा पाकिस्तान व्हाइट-बॉल कोच पद

टीम इंडिया को विश्व कप जिताने वाले गैरी कर्स्टन कुछ समय पहले पाकिस्तान के व्हाइट-बॉल कोच बने थे, लेकिन जल्द ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था

'मैं इन सब बातों के लिए काफी बूढ़ा', कर्स्टन का खुलासा, इस वजह से छोड़ा पाकिस्तान व्हाइट-बॉल कोच पद
गैरी कर्स्टन ने साल 2011 में भारत को विश्व कप जिताया था
नयी दिल्ली:

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर गैरी कर्स्टन ने खुलासा किया है कि उन्हें जल्द ही एहसास हो गया था कि पाकिस्तान के 'व्हाइट-बॉल कोच' के तौर पर वह ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकते, जिसके चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा. कर्स्टन को अप्रैल 2024 में पाकिस्तान का 'व्हाइट-बॉल कोच' नियुक्त किया गया था. उस समय जेसन गिलेस्पी टेस्ट टीम के हेड कोच बने थे, लेकिन छह महीने बाद ही कर्स्टन ने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कुछ महीने बाद गिलेस्पी ने भी पद छोड़ दिया, जो ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान की वनडे सीरीज जीतने के समय कोच थे.गैरी कर्स्टन की कोचिंग में भारत ने साल 2011 में वनडे विश्व कप खिताब जीता था

कर्स्टन ने 'विजडन पॉडकास्ट' पर कहा, 'ये कुछ महीने उथल-पुथल भरे रहे. मुझे जल्दी ही एहसास हो गया कि मैं ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाऊंगा. वजह यह रही कि मुझे चयन प्रक्रिया से हटा दिया गया और और एक टीम लेने के लिए कहा गया. लेकिन टीम को आकार देने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में बतौर कोच टीम में पर सकारात्मक प्रभाव डालना बहुत मुश्किल हो गया.' कर्स्टन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में गुजरात टाइटंस के बल्लेबाजी कोच रह चुके हैं. उन्होंने कहा है कि वह पाकिस्तान टीम की कोचिंग में वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन सही परिस्थितियों में और किसी बाहरी हस्तक्षेप के बिना.'

कर्स्टन ने कहा, 'अगर मुझे कल पाकिस्तान वापस बुलाया जाता है, तो मैं जाऊंगा, लेकिन मैं खिलाड़ियों के लिए जाना चाहूंगा. मैं सही परिस्थितियों में जाना चाहूंगा. क्रिकेट टीमों को क्रिकेट के लोगों के जरिए ही चलाया जाना चाहिए. जब ऐसा नहीं हो रहा हो और बाहरी लोगों का बहुत हस्तक्षेप हो, तो टीम के अंदर लीडर्स के लिए बहुत मुश्किल होता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'मैं अब दूसरे एजेंडों से निपटने के लिए बहुत बूढ़ा हो गया हूं. मैं बस एक क्रिकेट टीम को कोच करना चाहता हूं, खिलाड़ियों के साथ काम करना चाहता हूं. मुझे पाकिस्तान के खिलाड़ी बहुत पसंद हैं. वे बेहतरीन खिलाड़ी हैं. मैंने उनके साथ बहुत कम समय बिताया. मुझे उनके लिए दुख है. दुनिया की किसी भी अन्य टीम की तुलना में वे प्रदर्शन के दबाव को बहुत अधिक महसूस करते हैं. जब वह हारते हैं, तो यह उनके लिए बहुत तनावपूर्ण होता है.' कर्स्टन ने आगे कहा, "लेकिन वह पेशेवर क्रिकेटर हैं और मैं एक पेशेवर क्रिकेट कोच हूं. जब हम उस माहौल में आते हैं, तो आमतौर पर कुछ चीजें होती हैं, जो आप एक टीम को सर्वश्रेष्ठ बनने में मदद करने के लिए करते हैं. जब कोई हस्तक्षेप नहीं होता है, तो आप आगे बढ़ते हैं.'


 

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