
आईसीसी के नए चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने खेल की छवि खराब करने जैसा कुछ नहीं किया और जब न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुदगल की अध्यक्षता वाली जांच समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट देगी, तब वह इसके बारे में बात करेंगे।
श्रीनिवासन ने कहा, इस रिपोर्ट को आने दीजिए, इसके बाद मैं बात करूंगा। इस समय मैं अच्छी स्थिति में नहीं हूं। मैं सिर्फ एक चीज कहना चाहूंगा, मेरी अंतररात्मा साफ है। मैंने खेल की छवि को नुकसान पहुंचाने और बदनाम करने के लिए कुछ गलत नहीं किया है। मुझे उम्मीद है कि इसमें सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। जब अदालत में कोई मामला चल रहा है, तो मैं इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं कहना चाहूंगा।
श्रीनिवासन ने दोहराया कि उन्होंने खुद ही बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से दूरी बनाई थी और वह इसकी गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करते। उन्होंने कहा, मैंने खुद को इससे अलग कर दिया था और इसके काम में हस्तक्षेप करने या टांग अड़ाने की मेरी आदत नहीं है। जब उनसे कभी नहीं समाप्त होने वाले हितों के टकराव के विवाद के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, हितों का टकराव क्या है? यह कई वर्षों से चल रहा है।
श्रीनिवासन ने कहा कि उनके लिए इस सवाल का जवाब देना मुश्किल होगा कि इस कानूनी परेशानी के बावजूद आईसीसी चेयरमैन बनकर कैसा महसूस होता है? उन्होंने कहा, इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है। कुछ गुटों द्वारा किए गए प्रयास सफल नहीं हुए और आईसीसी के अन्य सदस्यों ने बीसीसीआई और मुझ पर भरोसा दिखाया। परिणामस्वरूप चुनाव सर्वसम्मति से हुए, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि उस समय मेरे दिमाग में क्या चल रहा था।
चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक इंडिया सीमेंट्स के प्रमुख श्रीनिवासन को लगता है कि वह अभी अच्छी स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि कुछ मामले अब भी अदालत में चल रहे हैं। उन्होंने कहा, अभी कुछ मामले कोर्ट में चल रहे हैं, मैं बेहतरीन स्थिति में नहीं हूं, इसलिए मैं स्वंतत्रता से बात नहीं कर पाऊंगा। श्रीनिवासन ने पश्चिमी मीडिया में उनकी आईसीसी पद पर नियुक्ति पर आई नकारात्मक रिपोर्टों को भी खारिज किया।
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