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ऋषभ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 102 की स्ट्राइक रेट में रन बनाए हैं
टीम में चयन होते ही पिता को किया फोन, कहा- आपका अरमान पूरा हो गया
ऋषभ ट्रेनिंग लेने के लिए हर शनिवार को दिल्ली आते थे
ट्रेनिंग के दौरान ऋषभ गुरुद्वारा में रहते थे : एनडीटीवी से बात करते हुए ऋषभ के पिता राजेंद्र पंत ऋषभ के संघर्ष के दिन के बारे में बताया. राजेंद्र पंत ने बताया कैसे ऋषभ ट्रेनिंग के दौरान गुरुद्वारा में रहते थे. लंगर खाते थे. ट्रेनिंग के लिए ऋषभ रुड़की से दिल्ली आना पड़ा था. दिल्ली के सोनेट क्लब के कोच तारक सिन्हा ने क्रिकेटरों के लिए एक क्रिकेट कैंप रखा था और इस कैंप में भाग लेने के लिए ऋषभ रुड़की से दिल्ली आए थे.अच्छे प्रदर्शन की वजह से उनका सोनेट अकादमी में चयन हुआ. यहां हर शनिवार और रविवार को ट्रेनिंग दी जाती थी. ऋषभ के पिता राजेंद्र पंत ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि ऋषभ ट्रेनिंग लेने के लिए हर शनिवार को दिल्ली आते थे. शनिवार को ट्रेनिंग लेने के बाद रात को मोतीबाग के गुरुद्वारा में रुकते थे. रविवार सुबह लंगर खाने के बाद ट्रेनिंग के लिए सोनेट क्लब पहुंचते थे. रविवार को ट्रेनिंग ख़त्म होने के बाद रुड़की वापस चले जाते थे.

बचपन से क्रिकेट के प्रति लगाव रहा : ऐसा कई महीने तक चला. फिर ऋषभ ने दिल्ली के छतरपुर इलाके में किराये से घर लेकर रहने लगे. पंत ने बताया कि ऋषभ काफी मेहनती हैं. बचपन से क्रिकेट के प्रति उनका काफी लगाव था. स्कूल से आने के बाद घर में क्रिकेट खेलना शुरू कर देते थे और अपने घर के लोगों को गेंदबाजी करने के लिए कहते थे. क्रिकेट के प्रति ऋषभ का इतना लगाव था कि जब सिर्फ वह पांच साल के थे, तब उनके पिता उन्हें अपने किसी रिश्तेदार के शादी में ले गए थे लेकिन कुछ देर के बाद ऋषभ ग़ायब हो गए. बहुत ढूंढने के बाद कुछ बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते हुए मिले.
अपने पिता का अरमान पूरा किया: ऋषभ के पिता राजेंद्र पंत का कहना है कि वह खुद विकेटकीपर बल्लेबाज है और यूनिवर्सिटी लेवल तक क्रिकेट खेले हैं. आर्थिक स्थिति ख़राब होने के वजह से सही ट्रेनिंग नहीं मिल पाई और आगे नहीं बढ़ पाए लेकिन उनके बेटे ऋषभ ने उनका सपना को पूरा किया है. उनक है कि चयन होने के बाद ऋषभ ने उन्हें फ़ोन किया था और बोला कि “पिता जी, मैंने आपका अरमान पूरा किया. मेरा टीम में चयन हो गया है.”
महाराष्ट्र के खिलाफ शानदार तिहरा शतक : 22 अक्टूबर 2015 को ऋषभ ने दिल्ली के लिए अपना पहला रणजी मैच खेला. इस मैच में पहली पारी में ऋषभ ने 28 और दूसरी पारी में शानदार 57 रन बनाए थे. विकेटकीपर के रूप में ऋषभ ने शानदार चार कैच पकड़े थे. 6 अक्टूबर 2016 को अपने रणजी करियर का तीसरे मैच में ऋषभ ने असम के खिलाफ शानदार शतक ठोका. सिर्फ 126 गेंदों का सामना करते हुए 146 रन बनाए जिसमें आठ छक्के और 13 चौके शामिल थे. दिल्ली ने इस मैच को एक पारी और 83 रन से जीत लिया था. 13 अक्टूबर 2016 को अपना करियर के चौथे रणजी मैच में ऋषभ ने महाराष्ट्र के खिलाफ शानदार 308 रनों की पारी खेली. ऋषभ ने अपने पारी 9 छक्के और 42 चौके लगाए थे.
एक मैच में ऋषभ ने मारे थे 21 छक्के : 5 नवंबर 2016 को झारखंड के खिलाफ रणजी मैच में ऋषभ ने दोनों परियों में शानदार शतक ठोका था. पहली पारी में पंत ने सिर्फ 106 गेंदों का सामना करते हुए 117 रन बनाए थे जिसमें आठ छक्के और नौ चौके शामिल था. जबकि दूसरी पारी में तेज खेलते हुए ऋषभ ने सिर्फ 85 गेंदों का सामना करते हुए 135 जिसमें 13 छक्के और आठ चौके शामिल था. इस मैच में ऋषभ ने कुल मिलाकर 21 छक्के मारे थे. ऋषभ ने 2016 रणजी में कुल मिलकर आठ मैच खेलते हुए 81 के औसत से 972 रन बनाए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ऋषभ का स्ट्राइक रेट 100 से भी ज्यादा है.
अंडर-19 वर्ल्ड कप में द्रविड़ का ध्यान खींचा था : 2016 में बांग्लादेश में खेला गया. अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए ऋषभ पंत का चयन हुया था. इस वर्ल्ड कप के लिए राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कोच थे. ऋषभ ने इस वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए द्रविड़ की प्रशंसा का पात्र बने थे. ऋषभ ने छह मैच खेलते हुए करीब 45 के औसत से 267 रन बनाए थे जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे. इस वर्ल्ड कप में ऋषभ का स्ट्राइक रेट 104 था. 2016 आईपीएल संस्करण के लिए राहुल द्रविड़ दिल्ली डेयर डेविल्स के मेंटर के रूप में चुने गए. फिर दिल्ली डेयर डेविल्स ने ऋषभ पंत को मौका मिला.
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