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This Article is From Mar 09, 2014

फिर उठी कोच डंकन फ्लेचर को हटाने की मांग...

फिर उठी कोच डंकन फ्लेचर को हटाने की मांग...
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

कोच डंकन फ़्लेचर के लिए टीम इंडिया से जाने का वक्त आ गया है। उनके साथ टीम इंडिया के नतीजे यही कहते हैं। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने खुल कर डंकन फ़्लेचर के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।

गावस्कर कहते हैं कि बांग्लादेश में होनेवाले टी-20 वर्ल्ड कप का नतीजा चाहे जो निकले टीम इंडिया के लिए कोच को बदलने का वक्त आ गया है। वह चाहते हैं कि टीम का कोच ऐसा होना चाहिए जो युवा हो और जिसमें ऊर्जा हो।

यानी 65 साल के डंकन फ़्लेचर की विदाई की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है। ऐसे में एक साथ कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। क्या जल्द हो जाएगी डंकन फ़्लेचर की विदाई? क्या टीम को मिलेगा कोई युवा कोच? क्या 2015 वर्ल्ड कप से पहले हो जाएगा बदलाव?

सुनील गावस्कर कहते हैं कि भारतीय टीम को इस वक्त एक ऐसे युवा कोच की ज़रूरत है जो टीम के साथ आगे बढ़कर काम करने को तैयार हो। मौक़े पर पांव अपने खींचने वाला नहीं। एक युवा कोच खिलाड़ियों में बेहतर तालमेल बिठा सकता है और उन्हें दिशा दे सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने एक नए युवा कोच के साथ कुछ ही महीनों में टीम की काया पलट कर एक मिसाल कायम की है।

ऐसा नहीं है कि टीम इंडिया के कोच को लेकर ये सिर्फ़ सुनील गावस्कर की राय है। कई दिग्गज सुनील गावस्कर की राय से इत्तेफ़ाक रखते हैं।

गावस्कर ने पहले टीम इंडिया के वर्क एथिक्स को लेकर सवाल उठाए थे और फ़ारुख़ इंजीनियर इसके लिए टीम कप्तान या खिलाड़ी से ज़्यादा कोच को ज़िम्मेदार मानते हैं।

फ़ारूख़ इंजीनियर कहते हैं कि टीम अगर ऑप्शनल प्रैक्टिस करती है तो इसका जवाब कोच से मांगना चाहिए। कोच को टीम के अभ्यास को लेकर अनुशासन दिखाते हुए कड़ा रुख अपनाना चाहिए।

गावस्कर के मुताबिक टीम इंडिया एशिया कप के फ़ाइनल में नहीं खेल पाई जिससे भारतीय टीम का विदेश में रिकॉर्ड और ख़राब हुआ। फ़ैन्स अगले साल ऑस्ट्रेलिया−न्यूज़ीलैंड में होने वाले वर्ल्ड कप में उनसे और कैसे उम्मीद करेंगे।

फ़रुख़ इंजीनियर का मानते हैं कि टीम की कई कमियों को ठीक करने और टीम को सही दिशा दिखाने की ज़िम्मेदारी कोच की है जिसमें कोच फ़्लेचर नाकाम रहे हैं। फ़ारुख़ इंजीनियर कहते हैं कि कोच फ़्लेचर को इतने पैसे मिलते हैं तो वह क्या काम करते हैं।

गेंदबाज़ डेथ ओवर में यॉर्कर नहीं डाल पाते, ये देखना और बताना कोच का काम है कि गेंदबाज़ आखिरी ओवर में यॉर्कर डालें ना कि गुडलेंथ गेंद।

टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड में टेस्ट और वन-डे सीरीज़ में बुरी तरह हारी तब भी कप्तान धोनी और फ़्लेचर को लेकर कई सवाल उठे। ये भी कहा जाने लगा कि एंडी फ़्लॉवर टीम इंडिया के अगले कोच बन सकते हैं। उस वक्त बीसीसीआई ने इसे सिरे से नकार दिया और कोच फ़्चेलर का टीम और बीसीसीआई के साथ क़रार एक साल के लिए बढ़ गया। लेकिन, इस बार क्या फ़्लेचर बच पाएंगे, यह सवाल अब भी बना हुआ है।
 

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