बदले-बदले से नजर आ रहे हैं कैप्टन कूल

महेंद्र सिंह धोनी की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

महेंद्र सिंह धोनी, टीम इंडिया का वह चेहरा, जो अपने शांत स्वभाव के लिए सालों से जाना जाता रहा है। अब ये चेहरा कुछ बदला-बदला सा नज़र आने लगा है। धोनी अपने ठंडे दिमाग के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन पिछले तीन साल से आईसीसी मैच रेफ़री और उनका रिश्ता कड़वा होता जा रहा है।

75% मैच फ़ीस कटी

बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मैदान में गेंदबाज़ मुस्ताफिजुर रहमान से धोनी टकरा गए, जिसके बाद मैच रेफ़री एंडी पाइक्राफ़्ट ने दोनों खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया।

हालांकि धोनी ने टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री और टेस्ट कप्तान विराट कोहली के साथ लंबे सलाह-मशविरा के बाद रेफ़री के सामने अपनी ग़लती नहीं मानी।

माना जा रहा है कि टीम के सभी खिलाड़ी अपने वनडे कप्तान के साथ खड़े हैं और मामले को आगे ले जाना भी चाहते थे,
लेकिन बांग्लादेशी खिलाड़ी पर भी जुर्माना लगने से टीम इंडिया ने बात आगे बढ़ाने का विचार छोड़ दिया।

कैप्टन कूल बने कैप्टन हॉट

मीरपुर में हुए इस टकराव में कुछ देर के लिए ये मान लिया जाए कि यहां धोनी की कोई ग़लती नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से कैप्टन कूल का कैप्टन हॉट होते जा रहे हैं।

मई में ख़त्म हुए आईपीएल 8 में एमएस धोनी को मैच फ़ीस का 10 फीसदी रकम जुर्माना के तौर पर भरना पड़ा। मुंबई के ख़िलाफ़ आईपीएल के पहले क्वालिफ़ायर में ड्वेन स्मिथ को अंपायर ने ग़लत आउट दिया, जिससे चेन्नई सुपर किंग्स की पारी लड़खड़ा गई। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़ेंस में धोनी ने अंपायर के फ़ैसले को बेहद ख़राब बताया। इस बयान के लिए धोनी पर जुर्माना लगा।

ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ब्रिसबेन टेस्ट में विराट कोहली-शिखर धवन को लेकर ड्रेसिंग रूम में कहा-सूनी हुई। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए धोनी ने कई कहानी रचते हुए कहा कि शिखर और विराट के बीच मारपीट हुई और चाकू भी निकल आई थी। धोनी से ऐसे जवाब की किसी को उम्मीद नहीं थी भले ही ड्रेसिंग रूम में बात ज़्यादा ना बिगड़ी हो।

वहीं 2012 में अहमदाबाद में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में धोनी ने अंपायर अलीम डार के फ़ैसले पर भी उंगली उठाई थी। हालांकि आईसीसी ने उस वक़्त कोई जुर्माना नहीं लगाया था। कई पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने इतना तक कह दिया कि आईसीसी बीसीसीआई के डर से धोनी पर जुर्माना लगाने से डरती है।

इसके अलावा हाल के दिनों में मैदान में भी धोनी खिलाडियों के गेंद छोड़ने और ग़लतियों पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते दिखे हैं।

धोनी को ग़ुस्सा क्यों आता है?

अब सवाल है कि धोनी को ग़ुस्सा क्यों आता है? कई जानकार इसके पीछे उनके ख़राब फ़ॉर्म को वजह मान रहे हैं, तो कई इसे उनके करियर का आख़िरी पड़ाव मान रहे हैं।

फ़रवरी-मार्च में हुए वर्ल्ड कप के कुछ मैचों में धोनी ने अच्छी पारी खेली, लेकिन आईपीएल 8 में वो कुछ ख़ास नहीं कर सके। आईपीएल के 17 मैचों में उनके बल्ले से 372 रन निकले। धोनी ने कप्तान के तौर पर टीम इंडिया को कई यादगार जीत दिलाई है। माही टीम इंडिया के इकलौते कप्तान हैं जिनकी अगुवाई में भारत ने 2007 में वर्ल्ड T20 जीता, टीम टेस्ट, वनडे में एक साथ नंबर एक टीम रही, 2011 में वर्ल्ड कप भी जीता और चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भी विजेता रही।

टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान धोनी के लिए एन. श्रीनिवासन का बीसीसीआई से बेदखल होना किसी बड़े धक्के से कम नहीं है। कई लोगों का मानना है कि इससे बोर्ड में धोनी की चलती बंद हो गई है। अब बीसीसीआई की कमान जगमोहन डालमिया के हाथों में है और सूत्रों के मुताबिक बोर्ड में अब सचिव अनुराग ठाकुर की ज़्यादा चलती है, जो श्रीनिवासन के कट्टर विरोधी हैं।

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टेस्ट से संन्यास ले चुके धोनी अगले साल T20 वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेंगे या नहीं इस पर अटकलों का बाज़ार फिलहाल गरम है।