खास बातें
- घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बटोरने के बावजूद मुरली विजय ने अब तक भारत के लिए सिर्फ 12 टेस्ट खेले हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि बैठकर हतोत्साहित होने से अच्छा है कि आगे बढ़ा जाए।
मुंबई: घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बटोरने के बावजूद मुरली विजय ने चार साल से भी अधिक समय में भारत के लिए सिर्फ 12 टेस्ट खेले हैं, लेकिन चेन्नई के इस बल्लेबाज ने कहा कि बैठकर हतोत्साहित होने से अच्छा है कि आगे बढ़ा जाए।
इंग्लैंड के खिलाफ हाल में संपन्न टेस्ट सीरीज में वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के अलावा विजय टीम में तीसरे सलामी बल्लेबाज थे, लेकिन उन्हें कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
इस 28-वर्षीय बल्लेबाज ने बुधवार को मुंबई के खिलाफ ईरानी कप मैच के पहले दिन 116 रन बनाए, जिससे शेष भारत ने पांच विकेट पर 330 रन का स्कोर खड़ा किया। विजय ने कहा, रिजर्व सलामी बल्लेबाज होना बड़ी चुनौती है, लेकिन एक पेशेवर होने के नाते आप इससे संतुष्ट नहीं हो सकते। आपको इसे स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ना होगा, यह बैठकर यह कहने से बेहतर है कि आपको मैच खेलने को नहीं मिल रहा। मुझे जब भी मौका मिलेगा, तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की कोशिश करूंगा।
विजय ने 59 प्रथम श्रेणी मैचों में 46.84 की औसत से 4310 रन बनाए हैं। उन्होंने कहा, बेशक यह मेरे लिए बड़ा मैच है और प्रेरणा का स्तर काफी ऊंचा है। मैं सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था। विजय ने उम्मीद जताई कि उन्होंने और साथी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने पहले विकेट के लिए 144 रन की जो मजबूत साझेदारी की, वह टीम के काफी काम आएगी।
उन्होंने कहा, प्रत्येक पारी महत्वपूर्ण होती है। मैंने और शिखर ने टीम को अच्छी शुरुआत दी और उम्मीद करते हैं कि हम बड़ा स्कोर बना पाएंगे। विजय ने इस सुझाव को खारिज कर दिया कि घरेलू टीम का आक्रमण उम्मीद के मुताबिक नहीं था। यह बल्लेबाज पहले गेंदबाजी करने के मुंबई के कप्तान अभिषेक नायर के फैसले से भी हैरान नहीं है।
विजय ने कहा कि टीम के सदस्यों को सुबह मैदान पर आने के बाद ही पता चला कि कप्तान वीरेंद्र सहवाग मैच में नहीं खेलेंगे। मुंबई के कोच सुलक्षण कुलकर्णी ने स्वीकार किया कि उनके गेंदबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं थी, लेकिन वह पहले दिन पांच विकेट हासिल करके खुश हैं। कोच ने विकेट हासिल करने की क्षमता के लिए नायर की तारीफ भी की।