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This Article is From Jul 02, 2014

सटोरियो ने 2008 में आईसीएल के दौरान जाल बिछाया था : विंसेंट

सटोरियो ने 2008 में आईसीएल के दौरान जाल बिछाया था : विंसेंट
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

मैच फिक्सिंग के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे न्यूजीलैंड के कलंकित क्रिकेटर लू विंसेंट ने बताया कि किस तरह खुद को खेल उपकरण प्रायोजक बताने वाले एक भारतीय सटोरिये ने 2008 में इंडियन क्रिकेटर लीग (आईसीएल) के दौरान उन्हें जाल में फंसाया था।

न्यूजीलैंड रेडियो चैनल 'न्यूजटाक जेडबी और रेडियो स्पोर्ट' को दिए इंटरव्यू में विंसेंट ने बताया कि वह यह जानकर स्तब्ध रह गए कि उनका हीरो फिक्सिंग में शामिल है और वह उसकी पेशकश को इनकार नहीं कर सके।

विंसेंट ने कहा, 'मैंने आईसीएल को न्यूजीलैंड से दूर रहने के मौके के रूप में देखा था। कमाई अच्छी थी। न्यूजीलैंड में हमारे पूरे करियर में हमें सटोरियों के संपर्क करने के बारे में पूरी जानकारी दी जाती थी। मैं आईसीएल में सहज महसूस करने की कोशिश कर रहा था।'

उन्होंने कहा, 'इसके बाद फोन बजा। भारत में हर समय ऐसा होता है। फोन पर दूसरी तरफ एक भारतीय था जो चाहता था कि मैं उसके खेल उपकरण इस्तेमाल करूं। मैंने कहा कि मैं देखना चाहूंगा।'

विंसेंट ने कहा, 'दूसरे दौरों पर भी ऐसा हुआ था जब आप कमरे में जाते हैं और चारों तरफ खेल उपकरण बिखरे रहते हैं। आप उनमें से कुछ चुनते हैं और फिर सौदा करते हैं।' उन्होंने कहा, 'लेकिन यहां मैं कमरे में गया तो वहां कुछ नहीं था। एक युवक और एक युवती बैठे थे और मुझे लगा कि वह उसकी पत्नी है।'

रेडियो प्रस्तोता ने जब पूछा कि क्या वह उसकी पत्नी नहीं थी, तो विंसेंट ने कहा, 'नहीं। वह 'हनी ट्रैप' थी। मुझे यह समझने में करीब आधा घंटा लगा। मैंने उससे पूछा कि सामान कहां है तो उसने कहा कि होटल की लॉबी में है।'

विंसेंट ने कहा, 'जब मैं बाथरूम जाने लगा तो उसने दरवाजे पर पैर अड़ा दिया और कहा कि यह : युवती : हमारी कंपनी की ओर से तुम्हारे लिए तोहफा है। मुझे कुछ अजीब लगा और मैने इनकार कर दिया।' उसने कहा, 'उसके बाद उसने काफी पैसे निकाले और कहा कि यह प्रायोजन के लिए आपको बयाना है। उसके बाद मुझे लगा कि मुझे हालात से निकलना होगा।'

उसने कहा, 'फिर मैं अपने एजेंट से मिलने आया जो आईसीएल के सिलसिले में न्यूजीलैंड से आया था। मैंने उसे बताया और मेरा मानना है कि टूर्नामेंट के निदेशकों को भी सूचित किया गया।'
विंसेंट ने कहा कि वह अपने हीरो के साथ यह अनुभव साझा करना चाहता था लिहाजा उसने उसका दरवाजा खटखटाया।

उसने कहा, 'मैंने उससे कहा कि यह सब हुआ है। मुझसे हाल ही में संपर्क किया गया और मैंने उससे कहा कि मैं अपने एजेंट को यह बता चुका हूं। फिर सन्नाटा छा गया।' उसने कहा, 'उसने (हीरो) ने लंबी सांस ली और मैं उसका चेहरा नहीं भूल सकता। उसने कहा कि यह तुम्हारे लिये अच्छा कवर होगा क्योकि तुम मेरे लिये काम कर रहे हैं और इसके बाद मेरी जिंदगी बदल गई।'

उसने कहा, 'मैं उसे इनकार नहीं कर सका। वह मेरा हीरो था और उसने मुझे अपनी सरपरस्ती में ले लिया। मैं उसके प्रभाव में था क्योंकि वह बड़ा खिलाड़ी था। उसके साथ खेलना फख्र की बात थी तो मैने हां कह दी।'

विंसेंट ने कहा कि कानूनी कारणों से वह अपने हीरो का नाम नहीं ले सकता। उसने कहा, 'वह अब मेरा दोस्त या हीरो नहीं है, लेकिन मैने उसे माफ कर दिया है।'

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