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सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि उनके मंत्रालय ने आईपीएल में काले धन आने के आरोपों के मामले में राजस्व सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा है।
केन्द्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने आज सदन में कहा, ‘‘खेल सचिव ने गत 18 मई को राजस्व सचिव को पत्र लिखकर आईपीएल में काले धन के आरोपों में जल्दी जांच के लिए कहा है।’’ लोकसभा में आज शून्यकाल के दौरान भाजपा के कीर्ति आजाद ने आईपीएल में विदेशी मार्गों से काले धन आने संबंधी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार से क्रिकेट से जुड़ी संस्थाओं के विशेष आडिट की मांग की।
कीर्ति आजाद द्वारा बीसीसीआई और आईपीएल मामले में सरकार के प्रति जवाबदेही का मुद्दा उठाये जाने पर माकन ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘केंद्र सरकार का स्पष्ट मानना है कि चूंकि बीसीसीआई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व के लिए एक भारतीय क्रिकेट टीम के चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्य करती है इसलिए उसे आरटीआई के तहत आना चाहिए। इस मामले में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सामने सुनवाई हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट के लिहाज से बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों को लगभग मुफ्त में जमीन मिली है और इस लिहाज से हमें इसे आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए।’’ माकन ने यह भी कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने 1996 से लेकर 2006 के दौरान एक चैरिटेबल संस्था के तौर पर 365 करोड़ 24 लाख रुपये की छूट प्राप्त की लेकिन 2007, 2008 और 2009 में बीसीसीआई पर आयकर लगाया गया। 2007-08 में संस्था पर 118 करोड़ रुपये आयकर लगाया, जिसका पूरा भुगतान हो गया है लेकिन उसके बाद कर लगाये जाने के खिलाफ बीसीसीआई अदालत में चली गयी, जिस पर आयकर विभाग मजबूती से मामला लड़ रहा है।
मंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीसीसीआई और आईपीएल को फेमा उल्लंघन के मामले में 19 नोटिस भेजे हैं और गत 17 मई को संयुक्त सचिव (खेल) ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर उक्त मामले में तेजी से कार्रवाई की मांग की है। कीर्ति आजाद ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि आईपीएल को लेकर रोज शर्मनाक खबरें आ रहीं हैं। आईपीएल में कालेधन के आने संबंधी एक रिपोर्ट आ चुकी है जिस पर वित्त मंत्रालय ने कार्रवाई शुरू करने की बात भी कही लेकिन अब तक की प्रगति पता नहीं चली।
उन्होंने आरोप लगाया कि खेल मंत्री माकन बीसीसीआई जैसी संस्थाओं पर कार्रवाई करने के लिहाज से असमर्थ हैं।
आजाद ने कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से अनुरोध करता हूं कि क्रिकेट में काले धन के स्रोत का पता लगाया जाए और इस संबंध में आई रिपोर्ट पर शीघ्र कार्रवाई की जाए।’’ उन्होंने खेल मंत्री से मांग की कि बीसीसीआई जैसी पंजीकृत संस्थाओं का विशेष आडिट कराना चाहिए।
आजाद ने कहा, ‘‘क्रिकेट देश में धर्म की तरह है। जब अन्य खेल संस्थाओं का आडिट हो सकता है तो क्रिकेट में विशेष आडिट क्यों नहीं होना चाहिए।’’ इस मामले में जदयू के शरद यादव ने भी सरकार से पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की।
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