रिटायर्ड चीफ जस्टिस लोढा (बाएं), बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर (दाएं)
मुंबई:
जस्टिस आरएम लोढा समिति की सिफारिशों को लेकर ‘रास्ते पर आने’ की हिदायत के बाद आगे की योजना को लेकर बीसीसीआई ने 19 फरवरी को आम सभा की विशेष बैठक बुलाई है जिसमें रिपोर्ट के नतीजों को लेकर चर्चा की जाएगी। इस बैठक को बुलाए जाने की पुष्टि बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त मुंबई क्रिकेट संघ के एक सूत्र ने भी की है और कहा है कि संघ को बोर्ड से एसजीएम बुलाने का नोटिस मिला है।
एसजीएम के विशेष एजेंडा में ‘आईसीसी' के सदस्य बोर्ड के बीच वित्तीय ढांचा और मान्यता समिति के छत्तीसगढ़ दौरे की रिपोर्ट पर चर्चा शामिल है। हालांकि इस बैठक में बीसीसीआई के ढांचे में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश करने वाली लोढा समिति की रिपोर्ट को लागू किए जाने और इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के मुद्दे के छाए रहने की उम्मीद है।
संवैधानिक संशोधन का मुद्दा
एसजीएम में चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा आईसीसी का वह हालिया फैसला भी होगा जिसमें उन विवादास्पद संवैधानिक संशोधनों को रद्द किया गया है जो भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को कार्यकारी और वित्तीय अधिकार देते हैं। शशांक मनोहर की अगुआई वाले आईसीसी बोर्ड ने दुबई में इस महीने हुई बैठक में मौजूदा अधिकार ढांचे में पूर्ण बदलाव की सिफारिश की थी।
बीसीसीाई अध्यक्ष शशांक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद 2016 की पहली बैठक में आईसीसी बोर्ड सहमत हुआ कि पूर्व प्रमुख एन श्रीनिवासन द्वारा लागू करवाई कई मौजूदा प्रणाली को खत्म करने की जरूरत है। मनोहर की अगुआई वाले आईसीसी ने 2014 में श्रीनिवासन द्वारा कराए संविधान में बदलाव की पूर्ण समीक्षा का सुझाव दिया है जो ‘बिग थ्री’ को काफी अधिकार देते हैं और साथ ही आईसीसी के राजस्व का बड़ा हिस्सा भी इन तीनों के पास जाता है।
आईसीसी के इस फैसले के बाद बीसीसीआई के राजस्व में काफी कमी आएगी और ऐसे में एसजीएम के दौरान कुछ मान्यता प्राप्त इकाइयां आईसीसी के नये प्रस्तावित वित्तीय ढांचे का विरोध कर सकती हैं।
एसजीएम के विशेष एजेंडा में ‘आईसीसी' के सदस्य बोर्ड के बीच वित्तीय ढांचा और मान्यता समिति के छत्तीसगढ़ दौरे की रिपोर्ट पर चर्चा शामिल है। हालांकि इस बैठक में बीसीसीआई के ढांचे में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश करने वाली लोढा समिति की रिपोर्ट को लागू किए जाने और इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के मुद्दे के छाए रहने की उम्मीद है।
संवैधानिक संशोधन का मुद्दा
एसजीएम में चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा आईसीसी का वह हालिया फैसला भी होगा जिसमें उन विवादास्पद संवैधानिक संशोधनों को रद्द किया गया है जो भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को कार्यकारी और वित्तीय अधिकार देते हैं। शशांक मनोहर की अगुआई वाले आईसीसी बोर्ड ने दुबई में इस महीने हुई बैठक में मौजूदा अधिकार ढांचे में पूर्ण बदलाव की सिफारिश की थी।
बीसीसीाई अध्यक्ष शशांक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद 2016 की पहली बैठक में आईसीसी बोर्ड सहमत हुआ कि पूर्व प्रमुख एन श्रीनिवासन द्वारा लागू करवाई कई मौजूदा प्रणाली को खत्म करने की जरूरत है। मनोहर की अगुआई वाले आईसीसी ने 2014 में श्रीनिवासन द्वारा कराए संविधान में बदलाव की पूर्ण समीक्षा का सुझाव दिया है जो ‘बिग थ्री’ को काफी अधिकार देते हैं और साथ ही आईसीसी के राजस्व का बड़ा हिस्सा भी इन तीनों के पास जाता है।
आईसीसी के इस फैसले के बाद बीसीसीआई के राजस्व में काफी कमी आएगी और ऐसे में एसजीएम के दौरान कुछ मान्यता प्राप्त इकाइयां आईसीसी के नये प्रस्तावित वित्तीय ढांचे का विरोध कर सकती हैं।
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