
नई दिल्ली:
अम्पायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को अनिवार्य किए जाने की सोमवार को आईसीसी की मांग को एक बार फिर नकारते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब भी अपने पुराने रुख पर कायम है, और उसका कहना है कि यह प्रणाली ‘फूलप्रूफ’ नहीं है।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) की कार्यकारी समिति ने सोमवार को सिफारिश की है कि टेस्ट और वन-डे क्रिकेट में डीआरएस प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।
डीआरएस का शुरू से ही विरोध कर रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने फिर कहा कि उसके रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने एक बयान में कहा, ‘‘हम यह साफ कर देना चाहते हैं, अब जब डीआरएस की चर्चा चली है तो हमारा इस प्रणाली को लागू नहीं करने का रुख अभी तक कायम है, क्योंकि हमारा मानना है कि यह प्रणाली ‘फूलप्रूफ’ नहीं है।
बयान में कहा गया, ‘‘बोर्ड का मानना है कि डीआएस प्रणाली को लागू किया जाए या नहीं, इसका फैसला शृंखला खेलने वाले दोनों बोर्डों पर छोड़ देना चाहिए।’’
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) की कार्यकारी समिति ने सोमवार को सिफारिश की है कि टेस्ट और वन-डे क्रिकेट में डीआरएस प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।
डीआरएस का शुरू से ही विरोध कर रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने फिर कहा कि उसके रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने एक बयान में कहा, ‘‘हम यह साफ कर देना चाहते हैं, अब जब डीआरएस की चर्चा चली है तो हमारा इस प्रणाली को लागू नहीं करने का रुख अभी तक कायम है, क्योंकि हमारा मानना है कि यह प्रणाली ‘फूलप्रूफ’ नहीं है।
बयान में कहा गया, ‘‘बोर्ड का मानना है कि डीआएस प्रणाली को लागू किया जाए या नहीं, इसका फैसला शृंखला खेलने वाले दोनों बोर्डों पर छोड़ देना चाहिए।’’
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BCCI On DRS, डीआरएस पर बीसीसीआई