
ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश से प्रेरणा लेते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2023) में अगले साल से "इंपैक्ट प्लेयर" का नियम लागू करने जा रहा है. बोर्ड ने जारी बयान में कहा कि हम अगले सीजन से इंपैक्ट प्लयेर नियम लागू करने जा रहे हैं. नियम के तहत प्रत्येक टीम मैच के दौरान खेल के सदंर्भ के आधार पर अपनी इलेवन में एक खिलाड़ी को बदल सकती हैं.
नियम के अनुसार टीमों को मैच के दौरान अगर लगता है उसे हालात विशेष में किसी खिलाड़ी की जरूरत है या खिलाड़ी विशेष उसके हिसाब से मैच पर असर डाल सकता है, तो ये टीमें इलेवन में बदलाव कर सकती हैं. इससे पहले बीसीसीआई ने घरेलू सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस नियम को ट्रॉयल के रूप में लागू किया था. और इस प्रयोग के सफल होने के बाद अब आईपीएल में लागू करने पर मुहर लगा दी गयी है.
Time for a New season
— IndianPremierLeague (@IPL) December 2, 2022
Time for a New rule
How big an "impact" will the substitute player have this edition of the #TATAIPL pic.twitter.com/19mNntUcUW
सैयद मुश्ताक अली में दिल्ली के 22 साल के रितिक शौकीन पहले इंपैक्ट प्लेयर बने थे और उन्होंने अपनी टीम को 71 रन से मैच जिताने में अहम भूमिका निभायी थी. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के बिग बैश टूर्नामेंट में टीमें टीम "X फैक्टर प्लेयर" के रूप में 12वें या 13वें खिलाड़ी का नाम टॉस के समय देती हैं. वहां यह खिलाड़ी पहली पारी में दस ओवर के बाद मैदान पर आ सकता है और ऐसे किसी भी खिलाड़ी बदल सकता है, जिसे बैटिंग करना बाकी है.
वहीं गेंदबाजी के नजरिए से किसी ऐसे खिलाड़ी को बदला जा सकता है, जिसने एक से ज्यादा ओवर न फेंका हो. इंपैक्ट प्लेयर बदले जाने के बावजूद कुल मिलाकर अधिकतम चार ओवरों का कोटा फेंक सकता है. बीसीसीआई के नियम के तहत इंपैक्ट प्लेयर का इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है और यह पूरी तरह टीम विशेष पर निर्भर करता है कि वह इसका इस्तेमाल करना चाहती हैं या नहीं. और इसका इस्तेमाल दोनों ही पारियों में 14वें ओवर से पहले कभी भी किया जा सकता है. जब भी टीम इस बाबत फैसला लेगी, तो उसे इसकी जानकारी मैदानी अधिकारियों या चौथे अंपायर को देनी होगी.
वहीं, अगर टीम किसी चोटिल खिलाड़ी की जगह इंपैक्ट प्लेयर को उतारती हैं, तो चोटिल खिलाड़ी आगे मैच का हिस्सा नहीं बन जाएगा. वर्ना इंपैक्ट प्लेयर को एक ओवर पूरा करने के बाद मैदान पर लाया जा सकता है. हालंकि, अगर कोई टीम इंपैटक्ट प्येर का इस्तेमाल करती है और यह खिलाड़ी चोटिल हो जाता है, तो इस सूरत में ठीक सामान्य हालात में होने वाले नियम का ही इस्तेमाल इन हालात में होगा. बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए विकेट गिरने के बाद इंपैक्ट प्लेयर का इस्तेमाल हो सकता है या फिर पारी के ब्रेक के दौरान इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. बस ऐसा करने से पहले अंपायरों को इस बारे में सूचना देनी होगी.
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