नई दिल्ली:
डिसिजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड का रैवया नहीं बदला है। बीसीसीआई इस नियम का शुरू से ही विरोध करती रही है।
बारबेडॉस में संपन्न आईसीसी की सालाना बैठक में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने एक बार फिर से डीआरएस के लिए इनकार कर दिया है। इसकी जानकारी आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने दी।
हालांकि डेव रिचर्डसन ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में बीसीसीआई इस पर सहमत हो जाएगी। उन्होंने कहा - समय बदल रहा है। खिलाड़ी भी आगे देख रहे हैं। नए खिलाड़ी आधुनिक आइडिया को अपना रहे हैं, ऐसे में आने वाले सालों के बारे में कोई बता नहीं सकता।
इस प्रेस कांफ्रेंस में रिचर्डसन के साथ आईसीसी के चेयरमैन एन श्रीनिवासन को भी शामिल होना था, लेकिन वे आखिरी समय में इसमें शामिल नहीं हुए। वे वहां होते तो शायद भारत के इनकार की वजह पर विस्तार से रोशनी डालते।
दरअसल सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी सहित कई भारतीय क्रिकेटर डीआरएस को मशीनी दखल मानते हुए इसका विरोध कर चुके हैं। बीसीसीआई और टीम इंडिया इसे सौ फीसदी सही उपाय भी नहीं मानती है।
हालांकि भारत के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में डिसिजन रिव्यू सिस्टम के पक्ष में बयान दिया था। कोहली ने बांग्लादेश दौरे के दौरान कहा था, डीआरएस के मुद्दे पर टीम के गेंदबाज़ों से, बल्लेबाज़ों से बात करने की जरूरत है...मैं इस मुद्दे पर टीम के खिलाड़ियों से बात करूंगा। आईसीसी लगातार कोशिश कर रही है कि बीसीसीआई डीआरएस पर सहमत हो जाए।
कई मौजूदा खिलाड़ियों के साथ-साथ पूर्व खिलाड़ी भी यही कह रहे हैं कि टीम इंडिया को डीआरएस अपना लेना चाहिए। ऐसा नहीं होने की सूरत में विदेशी दौरों पर भारतीय टीम को अंपायरिंग के गलत फ़ैसलों से निराशा का सामना करना होगा।
बारबेडॉस में संपन्न आईसीसी की सालाना बैठक में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने एक बार फिर से डीआरएस के लिए इनकार कर दिया है। इसकी जानकारी आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने दी।
हालांकि डेव रिचर्डसन ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में बीसीसीआई इस पर सहमत हो जाएगी। उन्होंने कहा - समय बदल रहा है। खिलाड़ी भी आगे देख रहे हैं। नए खिलाड़ी आधुनिक आइडिया को अपना रहे हैं, ऐसे में आने वाले सालों के बारे में कोई बता नहीं सकता।
इस प्रेस कांफ्रेंस में रिचर्डसन के साथ आईसीसी के चेयरमैन एन श्रीनिवासन को भी शामिल होना था, लेकिन वे आखिरी समय में इसमें शामिल नहीं हुए। वे वहां होते तो शायद भारत के इनकार की वजह पर विस्तार से रोशनी डालते।
दरअसल सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी सहित कई भारतीय क्रिकेटर डीआरएस को मशीनी दखल मानते हुए इसका विरोध कर चुके हैं। बीसीसीआई और टीम इंडिया इसे सौ फीसदी सही उपाय भी नहीं मानती है।
हालांकि भारत के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में डिसिजन रिव्यू सिस्टम के पक्ष में बयान दिया था। कोहली ने बांग्लादेश दौरे के दौरान कहा था, डीआरएस के मुद्दे पर टीम के गेंदबाज़ों से, बल्लेबाज़ों से बात करने की जरूरत है...मैं इस मुद्दे पर टीम के खिलाड़ियों से बात करूंगा। आईसीसी लगातार कोशिश कर रही है कि बीसीसीआई डीआरएस पर सहमत हो जाए।
कई मौजूदा खिलाड़ियों के साथ-साथ पूर्व खिलाड़ी भी यही कह रहे हैं कि टीम इंडिया को डीआरएस अपना लेना चाहिए। ऐसा नहीं होने की सूरत में विदेशी दौरों पर भारतीय टीम को अंपायरिंग के गलत फ़ैसलों से निराशा का सामना करना होगा।
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