पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ऑस्ट्रेलिया दौरे में संभवत: अपनी आखिरी पारी में भी कुछ नहीं कर सके. कोहली के पास सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया धरती पर अच्छे नोट के साथ विदा होने का बहुत ही अच्छा मौका था, लेकिन पूर्व कप्तान ने मौका गंवा दिया और वह दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके. पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट के दूसरे दिन कोहली के आउट होने के बाद ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर विराट कोहली के संघर्ष पर टिप्पणी की.कोहली के बार-बार एक ही तरह के आक्रमण के सामने आउट होने से उनके फॉर्म पर सवाल उठने लगे हैं.
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मांजरेकर ने कहा कि बल्लेबाज अब इस स्पष्ट कमजोरी पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश करने के बावजूद खुद पर संदेह से जूझ रहा है. बोलैंड द्वारा ऑफ स्टंप के बाहर के चैनल को लगातार निशाना बनाने के कारण कोहली के बल्ले से लगी गेंद एक बार फिर स्लिप कॉर्डन में चली गई. यह नौ पारियों में यह आठवां मौका था जब कोहली एक ही कमजोरी का शिकार हुए, जिससे उनके खेल में बार-बार होने वाली समस्या उजागर हुई।
स्टार स्पोर्ट्स पर बोलते हुए मांजरेकर ने आउट होने का विश्लेषण करते हुए कहा, 'मेरा मतलब है, वह पीछे चले गए हैं और बल्लेबाजी क्रीज के अंदर हैं. विराट कोहली के लिए ऐसा करना बहुत ही दुर्लभ बात है. आप जानते हैं, विराट कोहली को आगे बढ़ते हुए बल्लेबाजी क्रीज से बाहर निकलना पसंद है. उन्होंने अपनी क्षमताओं के अनुसार सब कुछ करने की कोशिश की है और इस बार उन्होंने बल्लेबाजी क्रीज के अंदर रहने की कोशिश की, लेकिन नतीजा वही रहा."
मांजरेकर ने कहा, "आप क्या करते हैं? और मार्क (निकोलस) ने एक अच्छी बात कही है कि अब उनके साथ जो कुछ हुआ है और हर पारी के अंत में एक जैसा होने के बारे में स्पष्ट आत्म-संदेह है." मांजरेकर ने अन्य महान क्रिकेटरों से तुलना की और स्वीकार किया कि दिग्गज भी मंदी से गुजरते हैं, लेकिन शायद ही कभी इतने लगातार और पहचाने जाने वाले तरीके से गुजरते हों."
उन्होंने कहा, "बहुत से महान खिलाड़ी खराब फॉर्म से गुजरे हैं, लेकिन इस तरह नहीं कि वे एक खास शॉट पर आउट हो गए और महान खिलाड़ी कोई रास्ता नहीं खोज पाए. अगर आप विराट कोहली के आउट होने को देखते हैं तो मैं एक और बात कहना चाहता हूं. कई बार ऐसा हुआ कि वह ऑफ के बाहर की गेंदों को छोड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कई सालों के बाद मार्क और साइमन, आप देख सकते हैं कि वह बल्लेबाजी क्रीज के अंदर काफी अंदर तक पहुंच गए हैं." कोहली ने पर्थ में पहले टेस्ट में शतक बनाकर सीरीज की शानदार शुरुआत की थी. हालांकि, उनका फॉर्म काफी खराब रहा और उन्होंने पांच मैचों (नौ पारियों) में 23.75 की मामूली औसत से सिर्फ 190 रन बनाकर सीरीज खत्म की. कोहली के संघर्ष ने सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन भारत की मुश्किलों को दर्शाया. मामूली बढ़त के साथ अपनी दूसरी पारी शुरू करते हुए भारत ने दिन का खेल 141/6 पर समाप्त किया और ऑस्ट्रेलिया पर 145 रन की बढ़त हासिल की.
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