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This Article is From Aug 18, 2015

पढ़िए, अनवर अली के बाल श्रमिक से पाकिस्तान का क्रिकेट सितारा बनने की कहानी

पढ़िए, अनवर अली के बाल श्रमिक से पाकिस्तान का क्रिकेट सितारा बनने की कहानी
अनवर अली। (सौजन्य: AFP)
कराची: पाकिस्तान क्रिकेट के चमकते सितारे ऑलराउंडर अनवर अली एक समय अपनी आजीविका के लिए एक फैक्टरी में बाल श्रमिक के रूप में काम करते थे। सालों बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने की उनकी इच्छा पूरी हुई और उन्होंने अंततः अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में अपने पैर जमा ही लिए।  

हाल ही में हुए श्रीलंका टूर के दूसरे टी-20 में कोलंबो में अली ने  17 गेंदों में 46 रन बनाए, जिसमें चार गगनचुंबी छक्के और तीन चौके शामिल थे। इस पारी से उन्होंने प्रशंसकों के मन में पाकिस्तान के करिश्माई ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी जैसी जगह बना ली।

27 साल के अली ने AFP से कहा, 'अल्लाह का शुक्र है कि मैं यह उपलब्धि हासिल कर सका।' उन्होंने आगे कहा, 'एक समय मेरी जिंदगी बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही थी, क्योंकि मैं अपनी आजीविका के लिए मोजे बनाने वाली एक कंपनी में काम करता था। फिर भी मैंने पाकिस्तान के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रयास जारी रखा।'  

अली बचपन में आतंकवाद प्रभावित स्वात घाटी के एक छोटे से गांव जाका खेल से विस्थापित हुए थे। यह वही इलाका है जहां नोबल पुरस्कार जीतने वाली सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसफजई का भी घर है।

अली का परिवार उन लोगों के साथ विस्थापित हुआ था, जो इस घाटी क्षेत्र में इस्लामिक कट्टरपंथियों का शासन स्थापित हो जाने के बाद कड़ा शरिया कानून लागू होने पर यहां से चले गए थे।

उनके परिवार ने कराची के औद्योगिक क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाया। अली ने बचपन में अपने पिता की मृत्यु के बाद यहीं महज 150 रुपए प्रतिदिन पर बाल श्रमिक के रूप में काम शुरू किया था।

अली ने कहा, 'वे बहुत मुश्किल बरे दिन थे। हम कराची शांति और सुरक्षा की तलाश में आए थे और परिवार के एक सदस्य के रूप में मेरे लिए पैसा कमाना खेलने की तुलना में ज्यादा जरूरी था।'

अली ने याद करते हुए बताया, 'मैंने अपने बॉस से अनुरोध किया कि मुझे रात की शिफ्ट में काम दिया जाए, ताकि मैं दिन में क्रिकेट खेल सकूं और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।'

लंबे संघर्ष के बाद अली का चयन साल 2006 में श्रीलंका में आयोजित अंडर-19 विश्व कप के लिए पाकिस्तानी टीम में हो गया।

कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में इस विश्व कप के फाइनल में उन्होंने अपनी बनाना-स्विंग बॉलिंग से 35 रन देकर भारत के पांच विकेट झटके और पाकिस्तान को जूनियर विश्व चैंपियन बना दिया। इसमें पाकिस्तान ने भारत के सामने महज 109 रन का लक्ष्य रखा था और भारत को 71 रन पर ऑलआउट कर दिया। अली के विकटों में रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा शामिल थे।

इसके दो वर्ष बाद अली को जिम्बाब्वे के विरुद्ध टी-20 मैच के लिए पाकिस्तान की सीनियर टीम में चुना गया।

उनके हाल ही के प्रदर्शन के बारे में कोच वकार यूनुस ने कहा, 'इस श्रीलंका दौरे में अली के प्रदर्शन से यह नहीं कहा जा सकता कि उनकी उम्र अधिक है। उनकी फील्डिंग बहुत अच्छी है। उन्होंने गेंदबाज और बल्लेबाज के रूप में सुधार किया है। यदि वे इसी से मेहनत जारी रखते हैं, तो वे हमारे मुख्य ऑलराउंडर होंगे।'

अनवर अली ने हाल ही के श्रीलंका दौरे में शानदार प्रदर्शन करके पाकिस्तानी टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। अली को भरोसा है कि वे हर विरोधी टीम के खिलाफ ऐसा ही प्रदर्शन करने में सफल होंगे।

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