महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
धर्मशाला:
भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने गुरुवार को कहा कि अदद तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की तलाश अब भी जारी है जिससे कि टीम का संयोजन सही बनाया जा सके। धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर गेंदबाजी संयोजन के संदर्भ में कहा, ‘हमारे पास चार स्पिनर (रवि अश्विन, हरभजन सिंह, अमित मिश्रा और अक्षर पटेल) और तीन तेज गेंदबाज (मोहित शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और श्रीनाथ अरविंद) हैं और एक सीमर ऑलराउंडर (स्टुअर्ट बिन्नी) है।’
सही संयोजन बनाने के लिए विकल्प होते हैं
उन्होंने कहा, ‘इससे आपके पास परिस्थितियों के अनुसार सही संयोजन बनाने के लिए विकल्प होते हैं। इसके अलावा आपको टीम की मजबूती भी देखनी होती है। जैसे कि यदि हम दो स्पिनरों के साथ उतरते हैं तो उनमें से एक अच्छा बल्लेबाज होना चाहिए। हमारे पास कोई ऐसा तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं है जो टी-20 में चार ओवर और 50 ओवरों के मैच दस ओवर कर सके और अच्छी बल्लेबाजी भी करे। इसलिए हमें इन सब चीजों को दिमाग में रखना होता है।’
अधिकतर खिलाड़ी शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं
कप्तान ने यह खुलासा नहीं किया कि वह बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, ‘हमें टीम का संयोजन देखना होगा कि कौन किस पोजीशन पर खेल सकता है। विशेषकर हमारे अधिकतर खिलाड़ी शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं लेकिन आईपीएल या टी-20 में विभिन्न पोजीशन पर खेलते रहे हैं।’
क्या सुरेश रैना उनकी तरह आदर्श फिनिशर हैं
धोनी से पूछा गया कि क्या सुरेश रैना उनकी तरह आदर्श फिनिशर की भूमिका निभाने के लिए तैयार है, उन्होंने नहीं में जवाब दिया। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘रैना फिनिशर नहीं है। वह ऐसा बल्लेबाज है जो अधिकतर मैचों में तीसरे नंबर पर खेला है। हमने 2009 में उसे ऊपरी क्रम में भेजना शुरू किया और उसने अच्छा प्रदर्शन किया।’’
विश्व टी-20 चैंपियनशिप की तैयारियों पर कोई खास प्रभाव नहीं
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्तमान श्रृंखला का अगले साल होने वाले विश्व टी-20 चैंपियनशिप की तैयारियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। धोनी ने कहा, ‘‘विश्व टी-20 में अभी काफी समय बचा है। अच्छी बात यह है कि जनवरी के बाद हम काफी टी-20 मैच खेलेंगे। हम उन मैचों में संयोजन परख सकते हैं। इससे सभी को समान अवसर मिलेंगे। बड़े टूर्नामेंटों में तीन या चार को बल्लेबाजी का मौका मिलता है और फिर नॉकऑउट में यदि अन्य को बल्लेबाजी करनी पड़े तो परेशानी पैदा होती है।’’
ओस के कारण टॉस अहम बन जाता है
भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने अभी तक पिच नहीं देखी है लेकिन ओस के कारण टॉस अहम बन जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें थोड़ा तेजी और उछाल रहेगी। गेंद तेजी से आएगी। यदि बहुत अधिक ओस पड़ी तो टास महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि सात बजे मैच शुरू होने के बाद सवा सात से ओस पड़नी शुरू हो जाती है तो फिर दोनों पारियों में स्थिति एक जैसी ही रहेगी। लेकिन देखा गया है कि मैच आगे बढ़ने के साथ खासकर स्पिनरों को परेशानी होती है।’’
सही संयोजन बनाने के लिए विकल्प होते हैं
उन्होंने कहा, ‘इससे आपके पास परिस्थितियों के अनुसार सही संयोजन बनाने के लिए विकल्प होते हैं। इसके अलावा आपको टीम की मजबूती भी देखनी होती है। जैसे कि यदि हम दो स्पिनरों के साथ उतरते हैं तो उनमें से एक अच्छा बल्लेबाज होना चाहिए। हमारे पास कोई ऐसा तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं है जो टी-20 में चार ओवर और 50 ओवरों के मैच दस ओवर कर सके और अच्छी बल्लेबाजी भी करे। इसलिए हमें इन सब चीजों को दिमाग में रखना होता है।’
अधिकतर खिलाड़ी शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं
कप्तान ने यह खुलासा नहीं किया कि वह बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, ‘हमें टीम का संयोजन देखना होगा कि कौन किस पोजीशन पर खेल सकता है। विशेषकर हमारे अधिकतर खिलाड़ी शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं लेकिन आईपीएल या टी-20 में विभिन्न पोजीशन पर खेलते रहे हैं।’
क्या सुरेश रैना उनकी तरह आदर्श फिनिशर हैं
धोनी से पूछा गया कि क्या सुरेश रैना उनकी तरह आदर्श फिनिशर की भूमिका निभाने के लिए तैयार है, उन्होंने नहीं में जवाब दिया। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘रैना फिनिशर नहीं है। वह ऐसा बल्लेबाज है जो अधिकतर मैचों में तीसरे नंबर पर खेला है। हमने 2009 में उसे ऊपरी क्रम में भेजना शुरू किया और उसने अच्छा प्रदर्शन किया।’’
विश्व टी-20 चैंपियनशिप की तैयारियों पर कोई खास प्रभाव नहीं
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्तमान श्रृंखला का अगले साल होने वाले विश्व टी-20 चैंपियनशिप की तैयारियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। धोनी ने कहा, ‘‘विश्व टी-20 में अभी काफी समय बचा है। अच्छी बात यह है कि जनवरी के बाद हम काफी टी-20 मैच खेलेंगे। हम उन मैचों में संयोजन परख सकते हैं। इससे सभी को समान अवसर मिलेंगे। बड़े टूर्नामेंटों में तीन या चार को बल्लेबाजी का मौका मिलता है और फिर नॉकऑउट में यदि अन्य को बल्लेबाजी करनी पड़े तो परेशानी पैदा होती है।’’
ओस के कारण टॉस अहम बन जाता है
भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने अभी तक पिच नहीं देखी है लेकिन ओस के कारण टॉस अहम बन जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें थोड़ा तेजी और उछाल रहेगी। गेंद तेजी से आएगी। यदि बहुत अधिक ओस पड़ी तो टास महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि सात बजे मैच शुरू होने के बाद सवा सात से ओस पड़नी शुरू हो जाती है तो फिर दोनों पारियों में स्थिति एक जैसी ही रहेगी। लेकिन देखा गया है कि मैच आगे बढ़ने के साथ खासकर स्पिनरों को परेशानी होती है।’’
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