
आज का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत ही खास है. अगर आपको याद नहीं है, तो हम आपको याद दिला देते हैं. दरअसल 9 साल पहले ठीक आज के ही दिन मतलब 2 अप्रैल को टीम इंडिया ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार 50-50 वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था. भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर विश्व कप अपनी झोली में डाला था. और टीम इंडिया की जीत के बाद करोड़ों हिंदुस्तानी जीत के जश्न में डूब गए थे. चलिए हम खिताबी जीत के उन पांच सबसे बड़ी बातों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने भारत को चैंपियन बना दिया.
#OnThisDay in 2011, India won the ICC Cricket World Cup with a massive @msdhoni six!
— ICC (@ICC) April 2, 2018
Who could forget this moment! pic.twitter.com/Xy3xCogRIs
1. धोनी-गंभीर की साझेदारी
टीम इंडिया ने 275 के लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआती दो विकेट जल्द ही गिरा दिए थे. सचिन 18 रन बनाकर चलते बने. और जब स्कोर 2 विकेट पर 20 रन हो गया, तो पूरा देश चिंतित हो गया. ऐसे में गंभीर ने कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 84 रन जोड़े. ऐसे में धोनी अप्रत्याशित रूप से नंबर 5 पर खेलने उतरे. और उन्होने गौतम गंभीर (97) के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 114 रन जोड़कर टीम इंडिया की जीत की आधारशिला रख दी.
Player of the tournament of 2011 Cricket World Cup: @YUVSTRONG12 pic.twitter.com/5yKhK4di2c
— RVCJ Media (@RVCJ_FB) April 1, 2018
2. क्वार्टरफाइनल में युवराज-रैना की पार्टनरशिप
अहमदाबाद में इस मुकाबले में भारत 260 रन का पीछा कर रहा था. रिकी पॉन्टिंग ने 30वां शतक जड़ा था. एक समय भारत का स्कोर 5 विकेट पर 187 रन हो गया. भारत को अभी भी 76 गेंदों पर 73 रन की दरकार थी. सुरेश रैना नंबर सात पर टूर्नामेंट का पहला मैच खेलने उतरे. उन्होंने युवराज सिंह को शानदार सहयोग दिया. धीरे-धीरे इन दोनों ने मैच पर पकड़ बना ली. इन दोनों ने छठे विकेट के लिए नाबाद 74 रन जोड़कर भारत को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया.
02 April, 2011 - a special day at Wankhede Stadium.
— Sportstar (@sportstarweb) April 1, 2018
India lifts the Cricket World Cup after 28 years. #cricket
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3. हरभजन सिंह के वे 'अहम विकेट'
पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में बहुत से लोगों ने सोचा कि भारत ने 10-15 रन कम बनाए. भारत को 260 रन का बचाव करना था. पाकिस्तान ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन जब अनुभवी यूनुस खान आउट हो गए. और उसका स्कोर 4 पर 103 हो गया, तो पाक की समस्याएं बढ़ गईं. ऐसे में उमर गुल बैटिंग करने उतरे और उन्होंने करारे शॉट खेलने शुरू कर दिए. ऐसा लगा कि वह भारत से मैच छीनने जा रहे हैं. ऐसे में ड्रिंक्स के बाद धोनी ने हरभजन को गेंद थमाई, तो उन्होंने कप्तान को निराश नहीं किया. और उमर की बत्ती गुल करते हुए भारत की जीत की रोशनी को और रोशन कर दिया. इसके बाद भज्जी ने शाहिद आफरीदी को भी चलता करा. और भारत ने पाकिस्तान को 29 रन से मात देकर फाइनल में जगह बना ली.
"Don't give up on your dreams. If you fall, get back up and keep trying until you succeed." #OnThisDay in 2011 India wins the World cup after 22 years. One of the most memorable moment in cricket history..Got tears in eyes after winning the World cup..proud of u team india pic.twitter.com/J2O41YqTNS
— Sachin Tendulkar £© (@Sachin_rt_200) April 2, 2018
4. जहीर खान के 'दो यादगार स्पेल'
भारत इंग्लैंड के खिलाफ पहले ही मैच में 337 रन बनाने के बावजूद हारता दिखाई पड़ रहा था. जब बैटिंग पावर-प्ले लिया गया, तो इंग्लैंड का स्कोर 2 विकेट पर 280 रन था. धोनी ने ऐसे में जहीर को गेंद थमाई. और जहीर ने लगातार दो गेंदों पर विकेट चटकाकर भारत की मैच में वापसी करा दी. भारत नियमित अंतराल पर विकेट चटकाता रहा. लेकिन इंग्लैंड के पुछल्लों ने इस मैच को रोमांचक टाई में तब्दील कर दिया. ऐसे में एक बार फिर से जहीर खान ने अहम भूमिका निभाई और भारत को हार से बचा लिया. इसके अलावा, श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में जब भारत को बेहतरीन शुरुआत की दरकार थी, तो ऐसे में जहीर ने शुरुआती 3 ओवरों में एक भी रन खर्च नहीं किया. वहीं चौथे ओवर में जहीर ने उपल थरंग का अहम विकेट भी चटकाया. बाद में उन्होंने एजेलो मैथ्यूज का भी विकेट लिया.
#OnThisDay in 2011 India became the first country to win the ICC Cricket WCup final on home soil.@sachin_rt played like a Champion in that world cup.
— Sachinist.com (@Sachinist) April 2, 2018
Who can forget the childlike smile that Tendulkar had after he came out of the dressing room after India had won the world cup. pic.twitter.com/xrRjnEynQw
5. सचिन तेंदुलकर के दो शतक
वास्तव में साल 2011 के विश्व कप की विजयी गाथा सचिन तेंदुलकर के दो शतकों के बिना पूरी नहीं हो सकती. सचिन ने पहले बेंगलुरु में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार 120 रन की पारी खेली. यह सचिन का विश्व कप में पांचवां शतक था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इसके बाद सचिन ने दूसरा शतक नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया. यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन का 99वां शतक था.
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वास्तव में ऊपर बताए ये वो पांच बाते हैं, जिनके बारे में जब-जब करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी सोचते हैं, तो उनके रौंगटे खड़े हो जाते हैं. उम्मीद है कि अब विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया एक बार फिर से भारतीय प्रशंसकों को कुछ ऐसा ही गौरव प्रदान करेगी.
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