हाई कोर्ट ने स्मार्ट सिटी परियोजना पर मांगा केंद्र सरकार से जवाब

हाई कोर्ट ने स्मार्ट सिटी परियोजना पर मांगा केंद्र सरकार से जवाब

इंदौर:

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बहुप्रचारित स्मार्ट सिटी परियोजना की कथित विसंगतियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र, मध्यप्रदेश सरकार और इंदौर नगर निगम को शुक्रवार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ की न्यायमूर्ति शुभदा आर वाघमारे और न्यायमूर्ति सुजय पॉल की पीठ ने शहर के गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर एन्वाइरन्मेन्ट प्रोटेक्शन रिसर्च एंड डेवलपमेंट (सीईपीआरडी) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किए सीईपीआरडी के वकील अभिनव धनोतकर ने संवाददाताओं को बताया कि जनहित याचिका में स्मार्ट सिटी परियोजना की कथित विसंगतियों की ओर उच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया है। याचिका में अदालत से गुहार की गई है कि वह इस परियोजना की सरकारी नीति को अमली जामा पहनाये जाने पर रोक लगाये, ताकि करदाताओं का धन बर्बाद नहीं हो।

उन्होंने इंदौर की मिसाल देते हुए कहा, ‘‘नगर निगम की शहर के राजवाड़ा और इसके आस-पास के इलाके को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है। लेकिन स्मार्ट सिटी परियोजना का यह प्रस्तावित क्षेत्र शहर के कुल क्षेत्रफल का महज 2.18 प्रतिशत है। यानी पूरे शहर को स्मार्ट सिटी परियोजना का फायदा नहीं मिल पाएगा।’’

धनोतकर ने आशंका जतायी कि स्मार्ट सिटी परियोजना पर होने वाले मोटे खर्च की भरपाई के लिए नगर निगम पूरे शहर के बाशिंदों पर करों का बोझ बढ़ाएगा, जबकि शहर के कुछ ही इलाकों के लोगों को इस परियोजना का फायदा मिल सकेगा।

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उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना से प्रदेश सरकार के खजाने पर भी बोझ बढ़ेगा, जो आम लोगों के हित में नहीं है।