दिल्ली सरकार 14वीं सदी में तुगलक शासन के दौरान सेंट्रल रिज में बने मालचा महल का पुनरुद्धार कराकर उसे शहर के पर्यटन मानचित्र पर लाने की योजना बना रही है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. मालचा महल अवध के नवाब के स्वघोषित उत्तराधिकार का निवास स्थान था लेकिन सितंबर 2017 में कथित शाही परिवार के आखिरी सदस्य की मौत के बाद यह स्थान उपेक्षा का शिकार है.
सरदार पटेल मार्ग के पास सेंट्रल रिज की मोटी दीवार के पीछे छिपा मालचा महल न तो भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है और न ही राज्य सरकार ने इसे संरक्षित करने पर ध्यान दिया.
सूत्रों ने बताया कि इस इमारत को संरक्षित करने की उम्मीद जगी है और राज्य सरकार का पुरातत्व विभाग पुनरुद्धार की विस्तृत योजना बनाने के लिए परामर्शदाता की सेवा लेने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने बताया, ‘‘प्रस्ताव के लिए अनुरोध तैयार किया जा रहा है और जल्द ही मालचा महल के पुनरुद्वार कार्य के लिए परमार्श एजेंसी की सेवा लेने के लिए प्रस्ताव जारी किया जाएगा. हम ऐसी एजेंसी को आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं जिसके पास पुनरुद्धार कार्य करने की विशेषज्ञता हो.''
सूत्रों ने बताया कि अगर सबकुछ योजना के तहत हुआ तो अगले पांच से छह महीने में पुनरुद्धार का कार्य शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पुनरुद्धार कार्य शुरू होने के बाद कुछ साल परियोजना पूरी होने में लगेंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधिकतर लोगों को छिपे हुए इस ऐतहासिक स्मारक की जानकारी नहीं है और ऐसे में सरकार वहां पर्यटन विकास की गतिविधियां शुरू कर इसे शहर के पर्यटन मानचित्र पर लाने की योजना बना रही है. सूत्रों ने हालांकि बताया कि योजना अभी शुरुआती चरण में है और यह पूर्वानुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि किन सुविधाओं या गतिविधियों की योजना पर्यटन के उद्देश्य से बनाई जाएगी.
अधिकारियों के मुताबिक मालचा महल का निर्माण सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने कराया था और इसका इस्तेमाल शिकार के दौरान निवास के तौर पर किया जाता था.
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