बिहार चुनाव नीतीश के सोशल इंजीनियरिंग, अनुभव की जीत - पप्पू यादव

बिहार चुनाव नीतीश के सोशल इंजीनियरिंग, अनुभव की जीत - पप्पू यादव

पप्पू यादव की फाइल तस्वीर

पटना:

जन अधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन की जीत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उसका श्रेय देते हुए कहा कि यह आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जीत नहीं, बल्कि नीतीश जी के अनुभव और उनके सोशल इंजीनियरिंग का नतीजा है।

उन्होंने महागठबंधन की भारी जीत के लिए नीतीश के सलाहकार प्रशांत किशोर की रणनीति को खारिज करते हुए कहा कि नीतीश जी के सामने एक मजबूत इरादे वाले पिछड़े नेता का नहीं होना एक बहुत बड़ा कारण था।

पप्पू ने इस चुनाव में महागठबंधन की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकास के मुद्दों को कथित तौर पर गौण कर दिया जाना, एनडीए का बड़बोलापन एवं उसके घटक दलों के बीच वोट का हस्तांतरण नहीं हो पाना, अभद्र भाषा का प्रयोग, धार्मिक मुद्दों को उठाया जाना तथा जातीय गोलबंदी होना भी बताया।

जन अधिकार पार्टी प्रमुख ने इस चुनाव में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए महागठबंधन द्वारा बीजेपी की बी टीम के तौर पर प्रचारित तथा उन्हें खलनायक बताए जाने को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के साथ महागठबंधन को लेकर दुविधा में रहने के कारण उन्होंने देर कर दी।

पप्पू यादव ने अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि आगामी जनवरी महीने में उनकी पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के बाद उनकी पार्टी जनता के लिए अपने संघर्ष को जारी रखेगी तथा क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर लोकसभा से सड़क तक लड़ेगी। उन्होंने बीजेपी को धार्मिक मुद्दों को छोड़ने और उससे निकलने की सलाह देते हुए आरोप लगाया कि उसने न तो पूर्व में बिहार में विपक्ष की भूमिका निभाई और न ही आज ऐसा करने की स्थिति में है। विपक्ष की भूमिका को केवल उनकी पार्टी का नेतृत्व ही दे सकती है।

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यह पूछे जाने पर कि लालू ने अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनवाकर अपने उत्तराधिकारी को लेकर उनके द्वारा उठाए गए प्रश्न का पटाक्षेप कर दिया है, इस पर पप्पू ने आरोप लगाया कि वे कभी भी अपने परिवार के बाहर निकल ही नहीं सकते।