नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने राज्य में अगले साल से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की है। राज्य सरकार का यह फैसला एक अप्रैल 2016 से लागू होगा। गौरतलब है कि नीतीश ने चुनाव के दौरान राज्य में शराबबंदी लागू करने का वादा किया था। देश में इस समय गुजरात और नगालैंड में शराबबंदी लागू है। आमतौर पर राज्य की सरकारें अपने यहां शराबबंदी लागू करने से इसलिए परहेज करती हैं क्योंकि इससे उन्हें राजस्व का बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ता है।
हालांकि फिलहाल ये साफ नहीं हुआ है कि यह प्रतिबंध देसी शराब तक सीमित है या फिर इसमें सभी तरह की शराब शामिल है। जुलाई के महीने में नीतीश कुमार को एक कार्यक्रम के दौरान उन महिलाओं के गुस्से का सामना करना पड़ा था जिन्होंने चिल्लाकर मुख्यमंत्री से गांव में फैल रही देसी शराब की लत की शिकायत की थी। उस वक्त मुख्यमंत्री ने उनसे वादा किया था कि अगर वह सत्ता में लौटते हैं तो शराब पर प्रतिबंध लगा देंगे। उन्होंने कहा था 'यह औरतें शराब के बारे में सही बोल रही हैं। मैं सत्ता में आया तो इसे बंद करवा दूंगा।'
बिहार में 'गुजरात मॉडल'
सूत्रों का कहना है कि बिहार सरकार ने पिछले साल शराब की बिक्री पर कर लगाकर 3500 करोड़ रुपए की कमाई की थी। इस बात की जानकारी नहीं है कि राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार कैसे करने वाली है। नीतीश कुमार की इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बिहार में 'गुजरात मॉडल' के होने की चर्चा की जाने लगी। बता दें कि 1960 से गुजरात में शराब पर प्रतिबंध लागू है, साथ ही नागालैंड, मणिपुर और लक्षद्वीप में भी शराब पर रोक है।
पिछले साल, कांग्रेस शासित राज्य केरल ने घोषणा की थी कि अगले दस साल में वह पूरी तरह शराब मुक्त हो जाएगा। राज्यभर में शराब की कई दुकानों को जबरन बंद करवा दिया गया और अब सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब परोसी जाती है। हालांकि कड़े विरोध के बाद दुकानों पर बीयर और वाइन की बिक्री शुरू हो गई है।
हालांकि फिलहाल ये साफ नहीं हुआ है कि यह प्रतिबंध देसी शराब तक सीमित है या फिर इसमें सभी तरह की शराब शामिल है। जुलाई के महीने में नीतीश कुमार को एक कार्यक्रम के दौरान उन महिलाओं के गुस्से का सामना करना पड़ा था जिन्होंने चिल्लाकर मुख्यमंत्री से गांव में फैल रही देसी शराब की लत की शिकायत की थी। उस वक्त मुख्यमंत्री ने उनसे वादा किया था कि अगर वह सत्ता में लौटते हैं तो शराब पर प्रतिबंध लगा देंगे। उन्होंने कहा था 'यह औरतें शराब के बारे में सही बोल रही हैं। मैं सत्ता में आया तो इसे बंद करवा दूंगा।'
बिहार में 'गुजरात मॉडल'
सूत्रों का कहना है कि बिहार सरकार ने पिछले साल शराब की बिक्री पर कर लगाकर 3500 करोड़ रुपए की कमाई की थी। इस बात की जानकारी नहीं है कि राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार कैसे करने वाली है। नीतीश कुमार की इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बिहार में 'गुजरात मॉडल' के होने की चर्चा की जाने लगी। बता दें कि 1960 से गुजरात में शराब पर प्रतिबंध लागू है, साथ ही नागालैंड, मणिपुर और लक्षद्वीप में भी शराब पर रोक है।
पिछले साल, कांग्रेस शासित राज्य केरल ने घोषणा की थी कि अगले दस साल में वह पूरी तरह शराब मुक्त हो जाएगा। राज्यभर में शराब की कई दुकानों को जबरन बंद करवा दिया गया और अब सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब परोसी जाती है। हालांकि कड़े विरोध के बाद दुकानों पर बीयर और वाइन की बिक्री शुरू हो गई है।
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