विज्ञापन
This Article is From Jan 15, 2017

'कैप्टन' अमरिंदर की टीम में सिद्धू, लेकिन सुनेंगे सिर्फ 'सेलेक्टर' राहुल की?

Umashankar Singh
  • पोल ब्लॉग,
  • Updated:
    फ़रवरी 07, 2017 14:24 pm IST
    • Published On जनवरी 15, 2017 20:02 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 07, 2017 14:24 pm IST
न ढ़ोल बजा, न नगाड़ा और न ही भांगड़ा हुआ. यहां तक कि जो तस्वीर सामने आयी उसमें राहुल और सिद्धू के अलावा कोई तीसरा नेता भी नज़र नहीं आया. राहुल गांधी के घर बिना किसी तामझाम के नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की पंजाब टीम में शामिल हो गए. उस टीम में जिसकी बागडोर कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों में है.

अब इसमें शक नहीं कि हरफनमौला सिद्धू पंजाब की पिच पर कांग्रेस के लिए जमकर खेलेंगे. लेकिन शायद उनके लिए 'कैप्टन' अमरिंदर नहीं, बल्कि 'सेलेक्टर' राहुल ही रहेंगे. आख़िर कैप्टन की शुरुआती इच्छा सिद्धू को टीम में लेने की नहीं थी, ये बात ज़ाहिर हो चुकी थी. लेकिन टीम बीजेपी छोड़ने के बाद से ही कांग्रेस की नज़र सिद्धू पर थी. सिद्धू की बात टीम 'आप' में नहीं बनी.फिर राहुल ने रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सलाह पर सिद्धू को सेलेक्ट किया.

इसके बाद बातचीत का लंबा सिलसिला चला. तब सिद्धू आवाज़ ए पंजाब के बैनर तले लड़ना चाहते थे. अपने लिए, अपनी पत्नी नवजोत कौर के लिए, परगट सिंह के और बैंस भाईयों के लिए कुल मिला कर पांच सीट चाहते थे. लेकिन बैंस भाई 'आप' में चले गए. ये घट कर तीन रह गए. कांग्रेस ने 'एक परिवार एक उम्मीदवार' के तहत सिद्धू को एक सीट ऑफर की. कहा चाहे वे लड़े या उनकी पत्नी. पत्नी कांग्रेस पहले ही ज्वाइन कर चुकी थी. लेकिन उन्होंने सिद्धू के लड़ने की बात कर दी. सिद्धू उप मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी चाहते थे और इसलिए प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लांबी सीट से भी लड़ना चाहते थे. बादल को हरा देने पर उनका क़द बड़ा हो जाता, लेकिन हर कैप्टन चाहता है कि उसके सामने कोई 'विराट' या बड़ा न हो, आगे चलकर चुनौती न दे. इसके लिए दांव शुरुआत से ही चलना पड़ता है.

कैप्टन ने भी कई दांव चले. आखिरी दांव ये चला कि पटियाला की अपनी परंपरागत सीट के साथ-साथ लांबी पर भी दावा ठोक दिया. कांग्रेस की तरफ से औपचारिक ऐलान के पहले ही ट्वीट कर दिया कि लांबी से लड़ने की अनुमति भी आलाकमान से मांगी है. आलाकमान को पता है कि कैप्टन का अनुमति मांगना तो बस औपचारिकता है, बात नहीं मानी तो नाराज़गी उठानी पड़ेगी. वही कैप्टन जो पहले टीम छोड़ने की धमकी दे दी थी. फिलहाल कांग्रेस में ये कूवत नहीं कि पंजाब में कैप्टन के क़द से पार्टी को बड़ा समझे. बाजवा जैसे खिलाड़ी पर कैप्टन पहले ही भारी पड़ चुके हैं. इसलिए नए खिलाड़ी को लाना है तो कैप्टन की सहमति से ही. उनकी शर्तों के साथ ही.

सिद्धू के शामिल होने के बाद अकाली दल के सुखबीर बादल और कांग्रेस के अमरिंदर की प्रतिक्रिया एक जैसी नज़र आयी. ठंडी सी. सुखबीर ने रिपोर्टर के सवाल को ये कहकर टाल दिया कि चलो हो गया. अमरिंदर से सिद्धू की भूमिका पूछी गई तो कहा, आ गए हैं तो एक एमएलए बनेंगे. ट्वीट पर तो फिर उन्होंने सिद्धू के स्वागत की छोटी सी इबारत लिखी. सिद्धू की पत्नी ने कैमरे पर हथियार डालने जैसे अंदाज में बोला. हम परिवार को दो हैं पर एक ही सीट है, जिस पर सिद्धू लड़ेंगे. 70 सीटों पर कैंपेन करेंगे. रोस्टर ऊपर से जो बन कर आएगा उसके फॉलो करेंगे. ऊपर से यानि दिल्ली से.

मतलब सिद्धू को एक ऐसे स्टार कैंपेनर या बल्लेबाज़ की तरह टीम में शामिल होना पड़ा है जिसकी अगली भूमिका मैच में प्रदर्शन के बाद ही तय होगी. कप्तानी, उप कप्तानी तो टिक कर और लंबी पारी खेलने के बाद की ही बात है.

उमाशंकर सिंह एनडीटीवी इंडिया में एडिटर, इंटरनेशनल अफेयर्स हैं...

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com