
- शुक्रवार को NDTV क्रिएटर्स मंच पर पहुंचे जावेद अख्तर ने भारत-पाकिस्तान के रिश्ते पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
- जावेद अख्तर ने सर्वदलीय प्रतिनिधियों को विदेश भेजने के फैसले पर कहा यह देश पर हमला था, सरकार पर नहीं.
- जावेद अख्तर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कई लोग भारत से दोस्ती चाहते हैं, लेकिन राइट विंग वाले नहीं चाहते.
- जावेद अख्तर ने असदुद्दीन ओवैसी के जिक्र को लेकर कुछ ऐसा कहा कि तालियां बजने लगीं.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तल्ख दौर से गुजर रहे है. इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकाने तबाह किए. इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकी मारे गए. फिर दोनों देशों में सैन्य संघर्ष का दौर भी चला. बाद में सीजफायर की घोषणा हुई. इसके बाद भारत सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिधि दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजे. जिसमें विपक्षी सांसद भी शामिल थे. शुक्रवार को NDTV क्रिएटर्स मंच पर मौजूद मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने भारत-पाकिस्तान के तल्ख रिश्ते पर अपनी प्रतिक्रिया दीं.
यह सरकार पर नहीं, देश पर हमलाः जावेद अख्तर
भारत सरकार द्वारा विपक्षी सांसदों को विदेश भेजने के सवाल पर जावेद अख्तर ने कहा, "यह सरकार पर हमला थोड़े ही था, यह पर देश पर हमला था. देश पर हमला था तो देश का हर आदमी जाएगा. जब सरकार पर हमला होगा तो आप जानते हैं कि जो लोग गए थे, उनमें से कई लोग सरकार पर हमला करते हैं. यह सरकार पर हमला नहीं था, देश पर था, ऐसे में पूरे देश के लोग एक है."
जावेद अख्तर ने आगे कहा कि यह देश का इश्यू है, यह किसी पॉलिटकल पार्टी का इश्यू है. जब देश का इश्यू हो तो सभी को एक होना ही चाहिए. बाकी बातें हमारे घर की है, वो बाद में होनी चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी के खास जिक्र पर जावेद अख्तर ने उठाए सवाल
इसके बाद जावेद अख्तर ने असदुद्दीन ओवैसी के जिक्र को लेकर सवाल भी उठाए. उन्होंने पूछा कि आपने खास तौर से ओवैसी का जिक्र क्यों किया. जावेद अख्तर के इस जिक्र पर वहां तालियों की गड़गड़ाहट हो गई. शशि थरूर के बारे में जावेद अख्तर ने कहा कि वो बहुत अच्छे वक्ता हैं. यूएन में काम किया है.
#NDTVCreatorsManch | ओवैसी पर ऐसा क्या बोले जावेद अख्तर कि लग गए ठहाके?@Javedakhtarjadu | @MinakshiKandwal pic.twitter.com/Tx9lIl9xKQ
— NDTV India (@ndtvindia) June 27, 2025
पाकिस्तान की शुरू से एक ही फितरत- हमें नहीं मालूम
पाकिस्तान की फितरत पर जावेद अख्तर ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा काम करता रहा है. पहलगाम हमले का मामला ताजा जख्म है तो यह सबसे बड़ी लग रही है. 1948 में जब पाकिस्तान ने हमला किया था, तब क्या हम खुश थे? हर बार पाकिस्तान की सरकार कहती है हमें नहीं मालूम. 1948 में कश्मीर में हमला हो या 1965 का अटैक, कारगिल हो अब पहलगाम, हर बार पाकिस्तान का एक ही राग होता है.
पाकिस्तान के करोड़ों लोग भारत से दोस्ती चाहते हैंः जावेद अख्तर
जावेद अख्तर साहब ने आगे कहा कि दुनिया का कोई मुल्क मोनोलिथ नहीं है. हर मुल्क में हर तरह के लोग रहते हैं. पाकिस्तान में करोड़ों ऐसे लोग है जिनका वश चले तो वो आज हिन्दुस्तान से दोस्ती कर लें. लेकिन उनके पास अधिकार नहीं है. लेकिन पाकिस्तान की सरकार, वहां की राइट विंग को यह मंजूर नहीं है.
पाकिस्तान का युवा भारत में आना चाहता है. पाकिस्तान के कारोबारी भी भारत से व्यापार करना चाहते हैं. लेकिन वहां की राइट विंग यह नहीं चाहती. क्योंकि ऐसा हुआ तो फिर उनका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.
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