चमड़ा निर्यात परिषद (CLE) ने मंगलवार को कहा कि आगामी बजट में उन्हें सरकार से इस श्रम आधारित उद्योग से निर्यात बढ़ाने के लिए समर्थनकारी उपायों की घोषणा किये जाने की उम्मीद है. CLE के अध्यक्ष अकील अहमद पनारुना ने कहा, ‘‘एक विशाल और बढ़ते वैश्विक बाजार के साथ, हम इस वर्ष विकास के अच्छे अवसर देख रहे हैं. हम वर्ष 2020-21 के आगामी बजट में और विदेश व्यापार नीति में भी इस क्षेत्र के लिए अतिरिक्त समर्थनकारी उपायों की उम्मीद कर रहे हैं जो हमारे विकास को और आगे ले जाएगा.''
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के दौरान चमड़े और चमड़ा उत्पादों का निर्यात 7.55 प्रतिशत घटकर 3.6 अरब डॉलर रह गया. वर्ष 2018-19 में 5.7 अरब डालर का निर्यात हुआ था. उन्होंने कहा कि बिना चमड़े वाले जूते-चप्पल के निर्यात में वृद्धि की व्यापक संभावना है और परिषद ने सरकार को कच्चे माल के आयात पर शुल्क में छूट प्रदान करने का सुझाव दिया है. वाणिज्यिक सूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआई एंड एस) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि दुनियाभर में चमड़े के जूते-चप्पल के कुल आयात में भारतीय निर्यात का मूल्य के संदर्भ में 39 प्रतिशत और मात्रा के मामले में 14 प्रतिशत हिस्सा है. उन्होंने कहा कि परिषद ने वैश्विक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है.
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उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अंतरराष्ट्रीय चर्म मेला (आईआईएलएफ) का 35 वां संस्करण चेन्नई में 31 जनवरी से 3 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. इसमें चमड़ा उद्योग के कच्चे माल से लेकर चमड़ा उद्योग से संबंधित उत्पादों की पूरी श्रृंखला प्रदर्शित करने के अलावा मशीनरी, रसायन और विभिन्न घटकों के अलावा चमड़ा उद्योग से संबंधित उत्पादों की पूरी श्रृंखला प्रदर्शित की जायेगी.''अहमद ने कहा कि इस मेले में 300 से अधिक घरेलू और 150 विदेशी कंपनियां भाग लेंगी. परिषद चेन्नई में 1-3 फरवरी से डिजाइनर मेले का भी आयोजन कर रही है, जिसमें 10 देश भाग ले रहे हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं